सेबी की चेतावनी, SME IPOs में हो रही है हेराफेरी

कुछ संस्थाएं SME लिस्टिंग का दुरुपयोग कर रही हैं। सेबी की चेयरपर्सन ने सोमवार को SME सेगमेंट को एक तरह से लाल झंडी दिखाते हुए कहा कि नियामक को कई तरह के 'हेरफेर' का पता चला है।

DrashtaNews

-स्मॉल और मध्यम उद्यमों (SME) खंड में मूल्य हेरफेर के “संकेत” देख रहा है। यह हेरफेर आईपीओ (IPO) और ट्रेडिंग दोनों में देखने को मिल रही है।-

नई दिल्ली (एजेंसी)। SME IPOs  को लेकर सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच का कहना है कि कुछ संस्थाएं SME लिस्टिंग का दुरुपयोग कर रही हैं। सेबी की चेयरपर्सन ने सोमवार को SME सेगमेंट को एक तरह से लाल झंडी दिखाते हुए कहा कि नियामक को कई तरह के ‘हेरफेर’ का पता चला है। उन्होंने कहा कि स्मॉल और मध्यम उद्यमों (SME) खंड में मूल्य हेरफेर के “संकेत” देख रहा है। यह हेरफेर आईपीओ (IPO) और ट्रेडिंग दोनों में देखने को मिल रही है।

बुच ने सम्मेलन में मौजूद एक पत्रकार को कहा कि हम कीमत में हेरफेर के संकेत देख रहे हैं। हमारे पास ऐसा करने की तकनीक है जिसके वजह से हम हेरफेर के कुछ पैटर्न देख पा रहे हैं। इसके आगे वह कहती हैं कि पूंजी बाजार नियामक यानी सेबी अभी भी सभी आयामों को समझने और डेटा का विश्लेषण करने के लिए सलाहकारों के साथ काम कर रहा है, अगर उसे कुछ कदाचार मिलते हैं तो अगला कदम इस पर सार्वजनिक परामर्श जारी करना हो सकता है।

निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि एसएमई खंड मुख्य बोर्ड से अलग है और सेबी के लिए निवेशकों को किए जाने वाले खुलासे के नियमों के संदर्भ में इसे रेखांकित करना जरूरी है। सेबी एसएमई सेगमेंट को नियंत्रित करने वाले नियम, खुलासे और इसलिए जोखिम की प्रकृति सभी अलग-अलग हैं।

SME IPOs में बड़ी हेराफेरी

बुच ने महिला फंड मैनेजर्स को सम्मानित करने वाले AMFI के कार्यक्रम में कहा कि बाजार ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। हम कार्रवाई के लिए मजबूत सबूत जुटाने पर काम कर रहे हैं। सेबी को फीडबैक मिला है कि कुछ संस्थाएं छोटे और मध्यम उद्यमों की लिस्टिंग (SME IPO Listing) के प्रावधानों का दुरुपयोग कर सकती हैं। सेबी प्रमुख ने कहा कि आईपीओ और ट्रेडिंग स्तर दोनों पर, हम इस बात का सबूत इकठ्ठा कर रहे हैं। बुच ने कहा कि बाजार नियामक, डेटा को समझने और उसका विश्लेषण करने के लिए सलाहकारों के साथ काम कर रहा है। सेबी को पहले ही फीडबैक मिल चुका है कि कुछ संस्थाएं छोटे और मध्यम उद्यमों की लिस्टिंग के प्रावधानों का दुरुपयोग कर सकती हैं।

बुच ने कहा कि मार्च के अंत से एक वैकल्पिक टी+0 निपटान शुरू किया जाएगा, जिससे निवेशकों को उसी दिन अपने शेयर बाजार के कारोबार को निपटाने का अवसर मिलेगा। माधबी पुरी बुच ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाजार किसी भी ‘ग्रे’ बाजार से अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता न खोएं।

बुच ने छोटे और मिड-कैप शेयरों के बढ़े हुए वैल्युएशन और इन क्षेत्रों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंडों में बड़े फ्लो पर चिंताओं का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भारतीय इक्विटी बाजारों में इर्रेशनल एक्सूबेरान्स यानी बिना मतलब के उत्साह की गुंजाइश पैदा हो सकती है।

सेबी ने म्यूचुअल फंड ट्रस्टियों को यह देखने का सुझाव दिया है कि छोटे और मिड-कैप फंडों में एकमुश्त निवेश उचित है या नहीं। हाल ही में, बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड्स को 15 मार्च से छोटे और मिड-कैप फंडों के स्ट्रेस टेस्ट रिजल्ट्स का खुलासा करने का निर्देश दिया, ताकि स्ट्रेस के समय EXIT करने में लगने वाले समय का आकलन किया जा सके।

2023 की शुरुआत के बाद से, निफ्टी स्मॉल-कैप 100 और मिड-कैप 100 में 58% और 54% की वृद्धि हुई है। ये निफ्टी50 बेंचमार्क में 23% की वृद्धि से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

Scroll to Top