नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। अचानक चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के पद से इस्तीफा देने के फैसले ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। निवर्तमान चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का कार्यकाल 2027 तक था।
राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, अरुण गोयल का इस्तीफा 9 मार्च, 2024 से प्रभावी है। गोयल, जिन्हें 21 नवंबर, 2022 को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने पहले भारत सरकार में हैवी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के सचिव के तौर पर कार्य किया था। संस्कृति मंत्रालय में भी उन्होंने सेवाएं दी थी।उनके अचानक इस्तीफे के बाद, मुख्य चुनाव आयुक्त पर पूरी जिम्मेदारी आ गई है।
3 सदस्यीय चुनाव आयोग में फिलहाल केवल एक ही सदस्य हैं- मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार. चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने शनिवार को चौंकाने वाला कदम उठाते हुए इस्तीफा दे दिया। जबकि तीन पदों में से एक पद इससे पहले ही खाली हो हो गया था. फरवरी में अनूप पांडे के रिटायर होने के बाद से आयोग में दो सदस्य थे।
लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने हैं। सूत्रों ने बताया कि तारीखों की घोषणा अगले सप्ताह किसी समय होने की संभावना है। यह साफ नहीं है कि अरुण गोयल के चौंकाने वाले इस्तीफे के पीछे क्या कारण था। 61 साल के गोयल का कार्यकाल 2027 तक था। वे अगले साल राजीव कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी जगह ले सकते थे।
पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण गोयल ने नवंबर 2022 में चुनाव आयोग में पदभार संभाला था। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि गोयल ने इस्तीफा देते समय व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। एक अधिकारी ने कहा, “सरकार अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगी।”
CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया
पिछले साल के अंत में केंद्र ने एक कानून बनाया जिसके तहत देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। शीर्ष चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति अब राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के पैनल की सिफारिश पर की जाएगी।
बात अगर लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में उनकी सक्रियत को लेकर की जाए तो अगले 3 दिन बाद आयोग को जम्मू कश्मीर के दौरे पर जाना है। वहीं, चुनाव आयोग अभी 2 दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के दौरे से वापस लौटा है। ऐसे में अरुण गोयल के अचानक इस्तीफा देने की कोई खास वजह सामने नहीं आई है। उनके इस्तीफा स्वीकार करने को लेकर केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से शनिवार 9 मार्च को एक अधिसूचना भी जारी की गई।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी अरुण गोयल को नवंबर 2022 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। उन्होंने उस समय स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। अरुण गोयल को 31 दिसंबर, 2022 को 60 साल की उम्र में रिटायर होना था। गोयल 1985 बैच के पंजाब कैडर के अधिकारी थे। वह मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के साथ निर्वाचन आयोग का हिस्सा बने थे। वो 2027 तक निर्वाचन आयोग में रह सकते थे।