न्यूजक्लिक को दिल्ली पुलिस, सीबीआई, IT और ED ने घेरा, दफ्तरों पर छापे जारी

न्यूजक्लिक को दिल्ली पुलिस, सीबीआई, IT और ED ने चहुंओर से घेरेबंदी कर रखी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक द्वारा विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी दर्ज की। साथ ही, बुधवार को दो स्थानों पर छापे मारे। बता दें कि न्यूजक्लिक पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने का आरोप है।

DrashtaNews

-न्यूजक्लिक द्वारा कथित FCRA  उल्लंघन की जांच के लिए CBI ने दर्ज किया मामला 

-शंघाई में टाइम्स स्क्वायर की 18वीं मंजिल पर है न्यूज़क्लिक का दफ्तर

नई दिल्ली। न्यूजक्लिक को दिल्ली पुलिस, सीबीआई, IT और  ED ने चहुंओर से घेरेबंदी कर रखी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक द्वारा विदेशी चंदा नियमन कानून (FCRA) के कथित उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी दर्ज की। साथ ही, बुधवार को दो स्थानों पर छापे मारे। बता दें कि न्यूजक्लिक पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने का आरोप है।

CBI से पहले इस कथित फंडिंग की जांच दिल्ली पुलिस, ED और IT भी कर रही है। ईडी ने इस मामले में PMLA के तहत पहले ही मामला दर्ज किया है। जबकि दिल्ली पुलिस ने UAPAके तहत इस मामले की जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि सीबीआई की एक टीम ने न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के आवास और कार्यालय की तलाशी ली।  पुरकायस्थ को हाल ही में दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामले में गिरफ्तार किया था।

गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर बीते शुक्रवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया था। FIR के मुताबिक, चीन से जुड़ी संस्थाओं के साथ कथित संबंधों के लिए न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़क्लिक की जांच की जा रही है।

FIR में न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ, वेबसाइट के मानव संसाधन (HR) विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती और कई पत्रकारों और सोशल एक्टिविस्‍ट के नाम शामिल हैं और उन पर “भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने” और “देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने” की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि पोर्टल पर आरोप है कि उसने विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) मामले का उल्लंघन करते हुए विदेशी चंदा प्राप्त किया है। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में आरोप लगाया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सक्रिय सदस्य नेविल रॉय सिंघम ने फर्जी तरीके से विदेशी फंड का निवेश किया था। हालांकि, पोर्टल ने इन आरोपों का खंडन किया है।

अमेरिका के अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि नेविल रॉय सिंघम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के तथाकथित स्मोकलेस वॉर के मुख्य किरदार हैं। शी जिनपिंग के कार्यकाल में चीन ने अपने सरकारी मीडिया के प्रभाव को बढ़ाया है। इंटरनेशनल मीडिया संस्थानों के साथ अलायंस बनाया है। चीन ने अपने प्रोपेगैंडा को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी इनफ्लूएंसर्स की मदद ली है।

साल 2021 में ईडी ने की जांच में सामने आया था कि न्यूजक्लिक को 38 करोड़ रुपये का विदेशी फंड मिला था। इसके तार भी सिंघम से जुड़े। न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच के मुताबिक चीन अपनी प्रोपेगेंडा मशीनरी के जरिए खुद को अंतरराष्ट्रीय आलोचना से बचाने में सफल रहा है।  इसमें सिंघम की अहम भूमिका रही है. चीन पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगते रहते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के शंघाई में टाइम्स स्क्वायर की 18वीं मंजिल पर इसका एक दफ्तर है। जहां से कथित तौर पर चीन के साथ मिलकर तमाम देशों में नेटवर्क फैलाने का काम होता है। न्यूज़क्लिक को अमेरिका स्थित कंपनी से FDI में 9.6 करोड़ रुपये मिले। आरोप है कि अमेरिका में स्थित M/s Worldwide Media Holdings LLC ने न्यूज़क्लिक के शेयर 11,510/शेयर पर ख़रीदे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने किया था नोटिस जारी

जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले बीती 22 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से दायर की गई एक याचिका पर न्यूज क्लिक के सीईओ प्रबीर पुरकायस्थ को नोटिस जारी किया था। जिसमें अपने अंतरिम आदेश को हटाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। जिसमें जांच एजेंसी को कोई भी जबरदस्ती न करने के लिए कहा गया था।

इन धाराओं में हुआ था मामला दर्ज

इस मीडिया पोर्टल के खिलाफ कार्रवाई होईकोर्ट ने 7 जुलाई 2021 को एक आदेश पारित कर कहा था कि प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हालांकि, यह भी कहा कि जांच अधिकारी द्वारा आवश्यकता पड़ने पर उन्हें जांच में सहयोग करना होगा। जस्टिस सौरभ बेनराजी की बेंच ने मामले में पुरकायस्थ से जवाब मांगा था। ईओडब्ल्यू की एफआईआर के मुताबिक, आईपीसी की धारा 406, 420 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।

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