केंद्र के निशाने पर विरोधी, ED ने ‘आप’ नेता संजय सिंह को किया गिरफ्तार

केंद्र सरकार के विरोधियों पर सरकारी हमला जारी है। सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर हल्ला बोलने वाले राज्यसभा सांसद संजय सिंह के दिल्ली वाले घर में बुधवार सुबह 7 बजे ED ने छापा मारा। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED ने गिरफ्तार किया है।

DrashtaNews

– ED ने कहा, मुख्य सचिव की रिपोर्ट के निष्कर्ष पर हुई करवाई 

नई दिल्ली। नई दिल्ली। केंद्र सरकार के विरोधियों पर सरकारी हमला जारी है। सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर हल्ला बोलने वाले राज्यसभा सांसद संजय सिंह के दिल्ली वाले घर में बुधवार सुबह 7 बजे ED ने छापा मारा। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED ने गिरफ्तार किया है। ED ने यहां से कई दस्तावेज जब्त किए गए थे।

दिल्ली सरकार के फैसले में संजय सिंह की भूमिका

ED की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपये का चंदा लेने का जिक्र है। इसी साल जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था। संजय सिंह ने दावा किया कि ED ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। जिस पर ED ने जवाब दिया कि उनकी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम 4 जगह लिखा गया है। इनमें से तीन जगह नाम सही लिखा गया है। सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी। जिसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है।

दरअसल, मामला उन आरोपों से जुड़ा है, जिसमें कहा गया कि संजय सिंह और उनके सहयोगियों ने 2020 में शराब की दुकानों और व्यापारियों को लाइसेंस देने के दिल्ली सरकार के फैसले में भूमिका निभाई, जिससे राज्य के खजाने को नुकसान हुआ और भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों का उल्लंघन हुआ। ED ने पहले संजय सिंह के करीबी सहयोगी अजीत त्यागी और अन्य ठेकेदारों और व्यापारियों के घरों और कार्यालयों सहित कई स्थानों की तलाशी ली, जिन्हें कथित तौर पर पॉलिसी से लाभ हुआ था। ED ने अपने करीब 270 पेज के सप्लीमेंट्री चार्जशीट में इस मामले में मनीष सिसोदिया को मुख्य साजिशकर्ता बताया है।

दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में राघव चड्ढा का नाम भी शामिल

दिल्ली शराब नीति केस में ED की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी की गई थी। इसमें में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।

गिरफ्तार किए जाने वाले तीसरे ‘आप’ नेता

संजय सिंह किसी केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले तीसरे ‘आप’ नेता हैं। उनसे पहले मनीष सिसोदिया को इस साल की शुरुआत में और सत्येन्द्र जैन को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। आबकारी नीति केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है। इस केस में मनीष सिसोदिया फरवरी से ही जेल में हैं।

मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी, 2023 को CBI ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें इसी मामले में ED ने गिरफ्तार कर लिया था। इसी तरह आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को भी पिछले साल मई में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल मेडिकल के आधार पर जमानत पर हैं।

जैन की 21 जुलाई को सर्जरी हुई है और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत की अवधि को बढ़ा दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में बुधवार सुबह आप नेता संजय सिंह के आवास पर छापा मारा। इतना ही नहीं, संजय सिंह के दो करीबी सहयोगियों के परिसरों पर भी ED की छापेमारी हुई और लंबी पूछताछ के बाद बुधवार शाम में संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। 16 माह के भीतर सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया के बाद संजय सिंह के रूप में यह तीसरी गिरफ्तारी है।

मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी चार्जशीट

दिल्ली आबकारी नीति मामला इस आरोप से संबंधित है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए उत्पाद शुल्क नीति ने गुटबंदी की अनुमति दी और कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत देने वाले कुछ डीलरों का पक्ष लिया। हालांकि, इस आरोप का आम आदमी पार्टी ने अब तक मजबूती से खंडन किया है। ED ने अब तक इस मामले में पांच आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जिनमें मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी आरोप पत्र शामिल हैं। इस शराब घोटाला मामले में पहली चार्जशीट ED ने पिछले साल दाखिल की थी। ED ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर दर्ज किए गए CBI मामले का संज्ञान लेने के बाद उसने प्राथमिकी दर्ज किया है। और इसके बाद उसने अब तक इस मामले में 200 से अधिक तलाशी अभियान चलाए हैं।

क्या है दिल्ली आबकारी नीति घोटाला?

-दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति के तहत L1 और L10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता था।

– 17 नवंबर 2021 को शराब के लिए नई आबकारी नीति लागू होने तक 849 शराब की दुकानें थीं। इनमें से 60% दुकानें सरकारी और 40% निजी थीं।

-नई नीति के तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया।

-नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था।

– हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं. इन दुकानों का मालिकाना हक जोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था।

– हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई।

लाइसेंस धारकों का लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया

दरअसल, जुलाई में दायर दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के निष्कर्षों पर CBI जांच की सिफारिश की गई थी।  सीबीआई जांच में प्रथम दृष्टया GNCTD अधिनियम 1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (TOBR) -1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम -2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम -2010 का उल्लंघन पाया गया था। ED और CBI ने आरोप लगाया था कि उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं।  और लाइसेंस धारकों का लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस पास किया गया। आरोपों के मुताबिक, इस कथित घोटाले से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में गिरफ्तार हैं सत्येंद्र जैन

इसी तरह, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को भी ED ने 30 मई, 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। ED का मामला CBI की दर्ज शिकायत पर आधारित है। इस आरोप पर कि सत्येन्द्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्ति अर्जित की, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके। 26 मई, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को 6 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन मीडिया से बात न करने और न ही बिना अनुमति के दिल्ली छोड़ने सहित कई शर्तें लगाईं। 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर सत्येन्द्र जैन को दी गई अंतरिम जमानत को 8 अक्टूबर तक बढ़ा दिया।

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