-महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच के दिए आदेश
-उल्टी और दस्त के गंभीर लक्षणों के बाद चित्रदुर्ग के बसवेश्वर अस्पताल में भर्ती कराए गए 50 वर्षीय रुद्रप्पा की शुक्रवार को मौत हो गई। कवाडीगरहट्टी निवासी मंजुला (23) और रघु (27) की भी मौत हो गई।
चित्रदुर्ग, एजेंसी। प्रदूषित पेय जल के कारन हो रही मौतों का आंकड़ा देश में बढ़ रहा है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में जल प्रदूषण से मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 6 हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि इसके साथ ही इस प्रदूषित पानी के कारण 36 और लोगों को अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं, जिससे कुल मरीजों की संख्या 185 हो गई।
गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत
यह घटना 31 जुलाई को जिले के कवाडीगरहट्टी इलाके में दर्ज की गई थी। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उनमें से कई की हालत गंभीर है। पीड़ितों में से, 22 वर्षीय महिला उषा ने दूषित पानी पीने के कारण अपने गर्भ में पल रहे बच्चे को खो दिया।
उल्टी और दस्त के गंभीर लक्षणों के बाद चित्रदुर्ग के बसवेश्वर अस्पताल में भर्ती कराए गए 50 वर्षीय रुद्रप्पा की शुक्रवार को मौत हो गई। कवाडीगरहट्टी निवासी मंजुला (23) और रघु (27) की भी मौत हो गई। शुक्रवार को भी समान लक्षणों के साथ 36 नए अस्पताल में भर्ती हुए।
केंद्रीय राज्य मंत्री, ए. नारायणस्वामी, जो चित्रदुर्ग सांसद सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्होंने अस्पताल का दौरा किया और कार्रवाई का आश्वासन दिया। चित्रदुर्ग में स्थानीय लोगों ने प्रशासन और स्थानीय कांग्रेस विधायक के.सी. वीरेंद्र पप्पी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था।
धार्मिक गुरु शिवशरण हरलैया और दलित नेताओं के विरोध के बाद, पप्पी ने बसवेश्वर अस्पताल का दौरा किया। 115 लोगों को बसवेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया गया है और 34 लोगों का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है। पानी के सैंपल की FSL रिपोर्ट में कोई जहरीला रसायन नहीं होने की पुष्टि हुई है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच के दिए आदेश
पहले यह आरोप लगाया गया था कि एक स्थानीय निवासी के खिलाफ POCSO अधिनियम का मामला दर्ज होने के बाद बदमाशों ने पानी में जहर मिला दिया होगा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और जिला अधिकारियों को दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों ने एईई आर. मंजूनाथ गिराड्डी और जेई एसआर किरण कुमार को निलंबित करने की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट भेज दी है। कवाडीगरहट्टी में वॉल्व ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले प्रकाश को भी जिला आयुक्त ने निलंबित कर दिया था।