लॉ में बनाइये करियर, कोर्स के बाद पाइये नौकरियां और सैलरी

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आर्थिक गतिविधियों के विकास औरडिजिटल दौर के बाद से वकालत का क्षेत्र बढ़ता ही जा रहा है। नतीजतन निजी क्षेत्रों में काम के कई नए अवसर बने हैं। आज कोई भी क्षेत्र कानून से अछूता नहीं है। सामान्य जीवन की गतिविधियों से लेकर औद्योगिक, साइबर, प्रशासनिक जैसी हर गतिविधि में कानून के जानकारों की आवश्यकता पड़ती है और यह एक महत्वपूर्ण पक्ष है, जिसकी जानकारी योजनाओं के स्तर पर भी होना जरूरी होता है। नए दौर में कानून के जानकारों के लिए कॉरपोरेट वर्क कल्चर भी सामने आया है। इसीलिए युवाओं के लिए यह एक स्थायित्व और विकास की संभावनाओं से भरा करियर साबित हो सकता है।

कानून के पाठ्यक्रमों मेंक्रिमिनल लॉ, कॉरपोरेट लॉ, बौद्धिक सम्पदा तथा पेटेंट कानून, साइबर लॉ, फैमिली लॉ, बैंकिंग लॉ, टैक्स लॉ आदि एक बड़ा हिस्सा होते हैं। इसमें प्रवेश करने के लिएएलएलबी की डिग्री मिलने के बाद वकालत करने के लिए स्टेट बार कॉउन्सिल में एनरोल कराने की आवश्यकता होती है।
यह एक हाई प्रोफाइल और सुपर स्पेशियलाइज्ड फील्ड है। हर क्षेत्र में शामिल रहने की वजह से हम इसे न्यू इमर्जिंग फील्ड भी कह सकते हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां गवर्नमेंट और प्राइवेट, दोनों सेक्टर में अच्छे मौके हैं। यह कठिन जॉब है, पर हाई पेइंग करियर है। इसमें पढ़ने की आदत होने के साथ, प्रेजेंटेशन स्किल्स, संवाद की कुशलता होना बहुत काम आता है।’प्रवेश परीक्षा एवं कोर्स
भारत में लॉ कोर्सेज में प्रवेश लेने के लिए छात्र को प्रवेश परीक्षा देनी होती है। इनमें से क्लैट (सीएलएटी), एआईएलईटी, एलसैट इंडिया (एलएसएटी) प्रमुख हैं।

बैचलर डिग्री कोर्सेज : बैचलर ऑफ लॉ (एलएलबी) कोर्स के दो विकल्प उपलब्ध हैं। 3 वर्ष की अवधि का एलएलबी कोर्स, ग्रेजुएशन डिग्री के बाद कर सकते हैं। अंडरग्रेजुएट छात्रों के लिए 5 वर्ष की अवधि का इंटीग्रेटेड कोर्स उपलब्ध है। इंटीग्रेटेड कोर्स में बीए, बीबीए जैसे ग्रेजुएट प्रोग्राम्स एलएलबी डिग्री के साथशामिल मिलेंगे।

मास्टर डिग्री कोर्सेज : मास्टर ऑफ लॉ यानी एलएलएम एक वर्ष या अधिक वर्षों की अवधि का हो सकता है। इसके लिए मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से कम से कम 50 अंकों के साथ एलएलबी की डिग्री होनी चाहिए। लॉ के कई डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं।

कहां मिलेगा काम
सरकारी मौके : बार कॉउंसिल की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आप सरकार और उसके विभिन्न विभागों के लिए केस लड़ सकते हैं।

लॉ करने के बाद आप बतौर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में खुद की प्रैक्टिस कर सकते हैं, शुरुआती दौर में किसी सीनियर एडवोकेट के अधीन प्रैक्टिस कर सकते हैं। अपनी रुचि के अनुसार आप क्षेत्र चुन सकते हैं। इनमें सिविल, टैक्स, क्रिमिनल, कॉरपोरेट मामले आदि शामिल हैं।

इसके साथ ही राज्य सरकार और केंद्र सरकार समय-समय पर जुडिशल सर्विस और सिविल सर्विस की परीक्षा आयोजित करती हैं, इसमें सफल होकर आप कोर्ट में जज तथा अन्य ऊंचे पदों पर कार्य कर सकते हैं।

जुडिशल क्लर्कशिप या लॉ क्लर्क, जज के सहायक के तौर पर कार्य करते हैं, ये जज को विधि संबंधी या केस से सम्बंधित अनुसंधान में सहायक का कार्य करते हैं। जुडिशल क्लर्कशिप की परीक्षा पास करने के बाद आप इस पद पर सेवा कर सकते हैं।

निजी क्षेत्र में : बड़े औद्योगिक घरानों और लॉ फर्म्स में व्यावसायिक समस्याओं और अन्य न्यायिक समाधान के लिए लीगल एनालिस्ट की आवश्यकता होती है। एक लीगल एनालिस्ट के वार्षिक पैकेज की शुरुआत प्रति वर्ष 6 से10 लाख रुपये वेतन से होती है।

स्टार्टअप्स और सोशल वर्क से संबंधित संगठनों में भी कानून के जानकारों की आवश्यकता होती है। शिक्षण में भी जा सकते हैं। इसके अलावा विदेश से लॉ की डिग्री आपके लिए वैश्विक अवसर उपलब्ध कराती है।

लीगल जर्नलिस्ट : मीडिया हाउसेस में लीगल, क्राइम व कोर्ट की खबरें कवर करने के लिए भी लॉ के छात्रों की मांग है।

लीगल एडवाइजर : बहुत से उद्योगपति, कंपनियां, नेता तथा संस्थाएं न्यायिक अड़चनों के समाधान हेतु लीगल एडवाइजर नियुक्त करते हैं।

सैलरी
अगर आपने टॉप लॉ संस्थान से कोर्स किया है, तो एक अच्छी लॉ फर्म में शुरुआती पैकेज 10 लाख रुपये प्रति वर्ष तक आसानी से मिल जाता है। अनुभव और योग्यता के आधार पर आप 80 हजार रुपये प्रतिमाह तक वेतन पा सकते हैं।

प्रमुख संस्थान
– नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
– गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधी नगर
– सिंबायोसिस सोसायटीज लॉ कॉलेज, पुणे
– नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर
– नाल्सर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद
– नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल
– फैकल्टी ऑफ लॉ, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली
– बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
– नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज, कोलकाता
– अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
– गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली

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