एमसीडी चुनाव से पहले दिल्ली बीजेपी झुग्गी बस्तियों में खोलेगी ‘नमो सेवा केंद्र’

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दिल्ली नगर निगम चुनावों के मद्देनजर दिल्ली भाजपा राजधानी की झुग्गी बस्तियों में ‘नमो सेवा केंद्रएमसीडी चुनाव से पहले दिल्ली बीजेपी झुग्गी बस्तियों में खोलेगी नमो सेवा केंद्रखोलने की योजना बना रही है। पार्टी नेताओं ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली भाजपा इस साल के अंत में होने वाले नगर निगम चुनावों से पहले दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में ‘नमो सेवा केंद्र’ खोलेगी। इसके लिए भाजपा मौजूदा कोविड लहर के कम होने का इंतजार कर रही है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने रविवार को कहा कि इन नमो केंद्रों को खोलने की हमारी तैयारी पूरी हो गई है। उम्मीद है कि आने वाले सप्ताह में कोविड ​​​​के मामले घटने लगेंगे, जिसके बाद हम लगभग 20-22 विधानसभा क्षेत्रों की झुग्गी बस्तियों में केंद्र खोलने की योजना बना रहे हैं जो पिछले साल शुरू हुई हमारे ‘झुग्गी सम्मान यात्रा’ का हिस्सा थे।
दिल्ली बीजेपी ने पिछले साल अक्टूबर में राजधानी की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों तक पहुंचने के लिए ‘झुग्गी सम्मान यात्रा’ की शुरुआत की थी। इस अभियान का समापन पार्टी नेताओं ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों में जाने के साथ किया था। गुप्ता ने तब केंद्र सरकार की योजनाओं को झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों तक पहुंचाने के लिए ‘नमो सेवा केंद्र’ खोलने की घोषणा की थी।
दिल्ली भाजपा सचिव और पार्टी के झुग्गी झोपड़ी (जेजे) प्रकोष्ठ के प्रभारी नीरज तिवारी ने कहा कि नमो केंद्र अंत्योदय के सिद्धांत का पालन करते हैं जिसके तहत कतार में खड़े और किसी भी वर्ग के अंतिम व्यक्ति और समाज का उत्थान सुनिश्चित किया गया है।
तिवारी ने कहा कि हमने 70 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में ‘नमो सेवा केंद्र’ खोलने की योजना बनाई है, जिसके लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। हमारा ध्यान उन निर्वाचन क्षेत्रों पर होगा जहां झुग्गीवासियों को दूषित पेयजल की आपूर्ति, बिजली के बढ़े हुए बिल और सीवर और स्वच्छता की कमी जैसी बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
तिवारी ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, 20 लाख लोग दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में रहते हैं और उनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और बंगाल से आते हैं। उन्होंने कहा कि वे कारखानों या घरेलू नौकरों, ड्राइवरों, रेहड़ी-पटरी वालों के तौर पर अकुशल या अर्ध-कुशल श्रमिक के रूप में काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि तेजी से शहरीकरण के बीच, आज भी ये झुग्गी-झोपड़ियां स्वच्छ पेयजल, सीवरेज और स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रही हैं। प्रत्येक नमो केंद्र इस अंतर को भरने के लिए एक पुल के रूप में कार्य करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि वहां रहने वाले लोगों को सभी सुविधाएं और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिले।
दिल्ली में लगभग 700 स्लम क्लस्टर हैं जहां भाजपा पिछले चुनावों में पैठ बनाने में सफल नहीं रही थी। आम आदमी पार्टी (आप) और पहले कांग्रेस ने इन मतदाताओं के बीच दबदबा बनाया था।

 

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