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खुद को मोदी से बड़ा हिंदू साबित करने में जुटे योगी-अखिलेश-असदुद्दीन ओवैसी

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लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के लिए प्रचार में पूरी ताकत झोंक चुके एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि अखिलेश और योगी के बीच की लड़ाई सामाजिक न्याय के बारे में नहीं है। ये दोनों मोदी से बड़ा हिंदू बनने की होड़ में हैं। ओवैसी ने कहा, “यह सामाजिक न्याय के बारे में नहीं है। लड़ाई इस बारे में है कि योगी या अखिलेश के बीच कौन बड़ा हिंदू है। दोनों मोदी से बड़ा हिंदू बनने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अगर एक मंदिर के बारे में बात करता है, तो दूसरा किसी दूसरे मंदिर के बारे में बात करता है।

AIMIM ने यूपी के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी और पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के एक अखिल भारतीय निकाय के साथ ‘भागीदारी परिवर्तन मोर्चा’ नाम से गठबंधन की घोषणा की है। ओवैसी ने कहा है कि गठबंधन करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इससे पहले शनिवार को ओवैसी ने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा के तहत सभी दलों ने फैसला किया कि बाबू सिंह कुशवाहा संयोजक होंगे। ओवैसी ने कहा, “अगर हम जीतते हैं, तो वह पहले 2.5 साल के लिए हमारे मुख्यमंत्री होंगे और शेष 2.5 वर्षों में हमारे पास दलित सीएम होंगे। इसके अलावा 3 डिप्टी सीएम होंगे – एक मुस्लिम समुदाय से और 2 पिछड़े समुदायों से होगा।”

असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस केवल मुसलमानों से वोट चाहते हैं, लेकिन उन्हें चुनावी टिकट देने में संकोच करते हैं। उन्होंने उन आरोपों का भी खंडन किया जिनमें कहा जा रहा है कि ओवैसी केवल उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय को विभाजित करके भाजपा की मदद करना चाहते हैं।

उन्होंने एनडीटीवी को दिए एक इंटर्व्यू में कहा, “तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोग चाहते हैं कि मुसलमान सिर्फ कालीन बिछाएं और जिंदाबाद के नारे लगाएं। अगर आपको टिकट चाहिए, तो आपको भीख मांगनी होगी … यह उनका पाखंड, दोहरा मापदंड है।” उन्होंने मुस्लिम नेता इमरान मसूद के साथ समाजवादी पार्टी के तल्ख रिश्तों के बारे में कहा, “आप सहारनपुर से किसी को बुलाते हैं, फोटो खींचते हैं और फिर आप उसे धोखा देते हैं?”

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