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MBBS में दाखिले के नाम पर करोड़ों रुपए ठगकर पूरा गैंग फरार

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नोएडा।  MBBS में दाखिले के नाम पर नोएडा में ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है।MBBS में एडमिशन कराने के नाम पर नोएडा में चल रहे एक ऐसे गैंग के बारे में पुलिस को पता चला है, जिनके निशाने पर वो पेरेंट्स होते है जो NEET परीक्षा पास करने के बावजूद अपने बच्चे को पास के ही सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने ने नाम पर लाखों रुपए गवां चुके हैं। पुलिस के पास अब तक ऐसी 25 शिकायते आ चुकी हैं। इस गैंग को पकड़ने के लिए पुलिस कई राज्यों में दबिश दे रही है।

ठगी करने वाले एक हाईप्रोफाइल गैंग ने पॉश इलाके में एक बड़ा दफ्तर खोला। 100 से ज्यादा कर्मचारी रखे ,मेडिकल में सरकारी कॉलेजों में दाखिला कराने के नाम लोगों से करोड़ों रुपए लिए और अब दफ्तर बंद करके पूरा गैंग फरार हो गया है। पुलिस केस दर्ज कर आरोपियों को पकड़ने के लिए अलग अलग राज्यों में दबिश दे रही है। गिरोह ने नोएडा सेक्टर 63 के एक इमारत में सितंबर के महीने में 2 फ्लोर किराए पर लिया था।

2 लाख रुपए महीने के किराए पर करियर जंक्शन नाम से एक दफ्तर खोला गया था। दफ्तर में CEO,मैनेजर ,अकाउंटेंट, HR मैनेजर और कॉलर सब मिलाकर 100 से ज्यादा लोग स्टाफ के तौर पर थे। इस दफ्तर से कॉलर ऐसे लोगों को फोन करने लगे जिनके बच्चे MBBS में दाखिला चाह रहे थे या NEET का एग्जाम पास करने के बाद अच्छे कॉलेज में दाखिला चाह रहे थे।

दिल्ली के बदरपुर के रहने वाले निर्मल चंद को गिरोह ने सबसे पहले निशाना बनाया। उन्हें कॉल आया जिसमें उनसे कहा गया कि आपकी बेटी का दाखिला फरीदाबाद के अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज में हो जायेगा। इसके बदले 30 लाख रुपए देने होंगे। सरकारी कॉलेज की चाहत में निर्मल चंद ने 20 लाख में सौदा तय कर लिया और पैसे के साथ बेटी के ,सभी दस्तावेज भी दे दिए।

इसके बाद निर्मल चंद को मेडिकल काउंसिल कमेटी का एक फर्जी लेटर और अटल बिहारी वाजपेयी कॉलेज का फर्जी एडमिशन लेटर देकर 19 दिसंबर को कॉलेज भेज दिया। वहां पता चला की इस कॉलेज से कोई एडमिशन लेटर जारी नहीं हुआ है। इसके बाद आरोपियों के मोबाइल फोन बंद आने लगे। निर्मल चंद ने 15 लाख रुपए कैश दिया था जबकि 5 लाख ऑनलाइन दिया था।

पीड़ित निर्मल चंद ने कहा कि मैं सेक्टर 63 के डी ब्लॉक के दफ्तर में आया। मेरा ये था की मैं नोएडा में शारदा कॉलेज में अपनी बच्ची का एडमिशन कराऊंगा। इन्होंने कहा की प्राइवेट कॉलेज में क्या करोगे सरकारी कॉलेज में करवा देता हूं। इसके लिए 30 लाख रुपए देने होंगे। उन्होंने बताया की सरकारी कॉलेज में स्ट्रे राउंड में ऐसी सीटें होती हैं जो खाली हो जाती हैं। हमारा कॉलेज से टाई अप होता है ,हम डोनेशन देकर उन्हें करा लेते हैं।

इसी तरह दिल्ली के गीता कॉलोनी के रहने वाले वली खान भी इस गैंग के ठगी के शिकार हुए। वली की बेटी ने NEET की परीक्षा भी पास कर ली थी और उसका दाखिला लखनऊ के एक प्राइवेट कॉलेज में होने वाला था। लेकिन इसी बीच इस गैंग के जाल में फंस गए। आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने के नाम पर इनसे 20 लाख रुपए ले लिए गए। कॉलेज का फर्जी स्टांप लगा लेटर देकर वली को भी 19 दिसंबर को आगरा के सरोजिनी नायडू कॉलेज भेज दिया गया। इनका कहना है की गैंग के लोगों का ऑफिस देखकर वो समझ ही नहीं पाए कि ये ठग हैं।

इसी प्रकार नोएडा की रहने वाली प्रीति से इस गैंग ने संपर्क किया और उनकी बेटी का आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने के नाम पर 14 लाख रुपए ले लिए,प्रीति जब कॉलेज पहुंची तो पता चला की वो ठगी गई हैं। प्रीति ने कहा कि हम कॉलेज का अलॉटमेंट लेकर पहुंचे.,लेटर इतना ओरिजनल था की जो डेली अलॉटमेंट कर रहा था कॉलेज में वो भी धोखा खा गया। वो मुझसे कहने लगे लाइए डॉक्यूमेंट लाइए। फिर मैंने कहा कि एक बार चेक कर लो। क्योंकि और भी पेरेंट्स थे वहां पर जिनके साथ ये फ्रॉड हुआ था। फिर उसने चेक करके बताया की ये फर्जी है। फिर मैंने कहा की अभी तो आप कह रहे थे की सही है। इसके बाद हमने उन्हें कॉल किया तो उनका मोबाइल ऑफ हो गया।

पुलिस ने इस मामले को लेकर केस दर्ज कर लिया है ,पुलिस के पास अब तक 25 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं,हालाकि पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही। जांच में पता चला है आरोपियों ने सबको अपने फर्जी नाम बताए थे,ये पूरा गैंग है जिस पर पहले से इसी तरह की ठगी के कई केस दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक गैंग के मास्टरमाइंड ने अपना नाम अजय आलोक बताया था जबकि उसका असली नाम नीरज कुमार है ,उसके खिलाफ हत्या के भी 2 मामले दर्ज है और उसे नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।

जांच में सामने आया है कि आरोपितों ने आगरा, दिल्ली, फरीदाबाद, चंडीगढ़ सहित अन्य शहर के मेडिकल कालेज में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी की है। झांसे में आए पीड़ितों को दूर-दूर के कालेजों में भेजा था। जिससे वह जल्द पुलिस के पास न आ सकें। सेक्टर-25 की प्रीति भाटिया से ठगों ने 20 लाख रुपये लिए थे। उन्हें अपनी बेटी का दाखिला कराना था। उन्हें आगरा कालेज भेजा गया था। इसी तरह किसी से 20 तो किसी 30 लाख रुपये लिए गए हैं। पांच से लेकर 10 लाख रुपये बतौर एडवांस लिए थे। गिरोह ने अधिकतर पैसा नकद लिया था। जबकि कई पीड़ितों से ऑनलाइन भी पैसे ट्रांसफर कराए थे।

पुलिस संबंधित बैंक खातों को सीज कराने की तैयारी कर रही है। विद्यार्थियों को फर्जी एडमिशन लेटर दिए थे, जालसाजों ने विद्यार्थियों को फर्जी एडमिशन लैटर दिए थे। बता दे कि MBBS में दाखिले के नाम पर पूर्व में कई बार ठगी के मामले सामने आ चुके हैं। जानकारी होने के ठग करोड़ों रुपये लेकर फरार हो जाते हैं। स्थानीय पुलिस से लेकर STF तक ऐसे गिरोह को कई बार गिरफ्तार कर चुकी है। यह जालसाज कुछ समय के लिए ऑफिस खोलते हैं। इसके बाद ऑफिस बंद कर फरार हो जाते हैं

ठगी से पुलिस ने किया सतर्क

कोतवाली पुलिस का कहना है कि MBBS, BAMS, BDA, BHMS, BSC नर्सिंग में एडमिशन सिर्फ काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से होता है। किसी भी सीधी भर्ती देने वाले बहकावे में आकर अपना पैसा और वक्त खराब न करें। काउंसलिंग प्रक्रिया में आवेदन करने के लिए नीट उत्तीर्ण करना आवश्यक है। सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए क्वालीफाइंग कटआफ 50 पर्सेंटाइल है। अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चों के लिए यह कट ऑफ 40 पर्सेंटाइल की होती है। किसी भी सरकारी, निजी या डीम्ड मेडिकल कालेज में एडमिशन के लिए किसी भी तरह की डोनेशन नहीं चलती। लालच में न आएं। मेडिकल कालेज में दाखिले से संबंधित आने वाली फोन और मैसेज की पुष्टि करें।

यूक्रेन से लौटे छात्रों को बना रहे निशाना

सेक्टर-58 कोतवाली पुलिस ने बीते माह इसी तरह के गिरोह का पर्दफाश किया था। गिरोह में शामिल तीन महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।गिरोह के सरगना सहित दस लोग फरार है। जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। बता दे कि यूक्रेन में मेडिकल कालेज में पढ़ाई कर रहे हजारों की संख्या में छात्र यूक्रेन और रूस के युद्ध के कारण फंस गए थे। जहां से वापस आए कुछ बच्चों ने बताया उनके नीट में नंबर कम होने के कारण वह डाक्टर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने देश से पलायन किए थे। क्योंकि, वहां पर आसानी से एडमिशन मिल जाता है। यहां के प्राइवेट मेडिकल कालेज की अपेक्षा वहां पर फीस कम पड़ती है।

यह तो उन बच्चों की कहानी है, जो अपने सपने के लिए हर वर्ष हजारों की संख्या में अपना देश छोड़ देते हैं। लेकिन इसके साथ देश में ऐसे भी बच्चे हैं हजारों की संख्या में जो अपने ही देश में मेडिकल कालेजों में दाखिला के लिए जुगाड़ की तलाश करते हैं। जिसके कारण वह दलालों के चक्कर में फंसकर ठगी के शिकार हो जाते है।

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