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WHO कोरोना को लेकर चिंतित,चीन से मांगा कोविड संक्रमण का रियल टाइम डेटा

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नई दिल्ली /एजेंसी। चीन की ओर से ‘शून्य-कोविड’ नीति में ढील दिए जाने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या में हुई भारी वृद्धि के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बार फिर बीजिंग से नियमित तौर पर संक्रमण संबंधी वास्तविक आंकड़ा साझा करने का आग्रह किया है।

WHO की ओर से कहा गया है कि चीन (China) की चरमराती स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं, कोरोना वायरस (Coronavirus) को ट्रैक करने और उच्च जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण के लिए चीनी सरकार को प्रोत्साहित किया जाएगा। हाल ही में WHO (World Health Organization) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने चीनी अधिकारियों से मुलाकात की और फिर से चीन में कोरोना महामारी की स्थिति के रियल टाइम डेटा की मांग की।

चीन में कोरोना के गंभीर हालात को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) चिंतित है। WHO की वेबसाइट पर जारी बयान के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेसियस की उच्च स्तरीय बैठक में, WHO ने चीन से जेनेटिक सीक्वेंसिंग, अस्पताल और ICU में मरीजों की भर्ती और मौतों सहित बीमारी के प्रभाव और विशेष रूप से कमजोर और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण पर डेटा मांगा. इसके अलावा WHO ने उच्च जोखिम वाले लोगों को गंभीर बीमारी और मौत से बचाने के लिए टीकाकरण और बूस्टर के महत्व को दोहराया।  वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि वे जीनोम अनुक्रमण के अलावा कोविड-19 के चलते अस्पताल में भर्ती होने वालों, जान गंवाने वालों और टीका लगवाने वालों से जुड़ा डेटा साझा करें।

WHO की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि संक्रमितों की संख्या में भारी वृद्धि के मद्देनजर कोविड-19 की स्थिति पर और जानकारी प्राप्त करने तथा WHO की विशेषज्ञ एवं अन्य सहायता की पेशकश करने के लिए चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। बयान के मुताबिक, ‘‘WHO ने एक बार फिर से महामारी की स्थिति पर विशिष्ट और वास्तविक समय के आंकड़ों को नियमित रूप से साझा करने के लिए चीन से कहा है।  इसमें जीनोम अनुक्रमण का अतिरिक्त डेटा और संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों, आईसीयू में इलाज हासिल करने वालों, वायरस से दम तोड़ने वालों और टीके लगवाने वालों से संबंधित आंकड़े शामिल हैं।”

WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस के साथ बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन के अधिकारियों ने रणनीति, महामारी विज्ञान, वेरिएंट की निगरानी, ​​टीकाकरण, दैनिक ​​देखभाल, संचार, अनुसंधान और विकास के क्षेत्रों में कार्यों के बारे में जानकारी दी।

बयान के अनुसार, WHO ने नैदानिक प्रबंधन सहित कोविड एक्‍सपर्ट नेटवर्क में अधिक निकटता से जुड़ने के लिए चीनी वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित किया। WHO ने 3 जनवरी को SARS-CoV-2 वायरस इवोल्यूशन पर तकनीकी सलाहकार समूह की बैठक में वायरल सीक्‍वेंसिंग पर चीनी वैज्ञानिकों को विस्तृत डेटा पेश करने के लिए आमंत्रित किया है।

इससे पहले WHO के महानिदेशक ने गुरुवार को कहा था कि चीन में कोरोना नियमों में ढील देने के बाद चिंताजनक स्थिति पैदा हो गई है। उन्‍होंने विभिन्न देशों की ओर से चीन पर यात्रा पाबंदियों को लेकर भी अपनी राय प्रकट की। उन्‍होंने ट्ववीट किया, ”हम चीन के हालात के बारे में चिंतित हैं और चीन को कोरोना वायरस को ट्रैक करने और उच्चतम जोखिम वाले लोगों को टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे। हम चीन की स्वास्थ्य प्रणाली की मदद जारी रखेंगे।”

अस्‍पतालों में शवों के ढेर

इसी साल चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप फिर से तब बढ़ गया, जब वहां कोरोना नियमों में ढील दे दी गई। बड़े शहरों में मरीजों की संख्‍या बढ़ने लगी तो 24 नवंबर से बीजिंग और शंघाई सहित चीन के कई प्रमुख शहरों में सख्‍त प्रतिबंध लगाए गए। इसके बाद कुछ चीनी शहर, शंघाई, बीजिंग, ग्वांगझू और वुहान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने लॉकडाउन को तत्काल हटाने, नियमित PCR टेस्‍ट को समाप्त करने और कोरोना प्रतिबंधों में ढील देने की मांग की थी। जिसके बाद चीनी सरकार ने कोरोना प्रतिबंधों में छूट दे दी थी। हालांकि, सरकार तेजी से फैल रहे संक्रमण को काबू नहीं कर पाई। लिहाजा हालत काफी खराब हो गए। कथित तौर पर कई शहरों में अस्‍पतालों में शवों के ढेर लग गए।  बयान के अनुसार, ‘‘चीनी वैज्ञानिकों को WHO के नेतृत्व वाले कोविड-19 विशेषज्ञ नेटवर्क में नजदीक से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया गया है, जिसमें कोविड-19 नैदानिक ​​प्रबंधन नेटवर्क भी शामिल है।”

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