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3 दिन तक 13 साल की बच्ची से गैंगरेप, थाने में शिकायत करने गयी तो बच्ची से SHO ने भी किया बलात्कार

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ललितपुर। कन्या का पाँव धोकर पूजने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में बच्चियां और महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं इसका उदहारण ललितपुर की ये घटना बता रही है। एक 13 साल की रेप पीड़िता से थाने में भी दुष्कर्म हो जाता है। बच्ची से जिस तरह दरिंदगी हुई उसने कानून-व्यवस्था पर ना सिर्फ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया है कि यदि रक्षक ही भक्षक हो जाएंगे तो फिर न्याय मांगने लोग कहां जाएंगे ? ललितपुर जिले के एक थाने के एसएचओ पर एक गैंगरेप की पीड़िता ने रेप का आरोप लगाया है। इसके बाद एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है। मामले में थानाध्यक्ष समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी थानाध्यक्ष फरार है। 13 वर्षीया किशोरी ने आरोप लगाया है कि पहले 4 लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया और फिर जब वह अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंची तो थानाध्यक्ष ने थाने के अंदर उसके साथ बलात्कार किया।
ललितपुर के एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि एसएचओ और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया है। बता दें कि पीड़िता ने इस पूरी घटना की शिकायत एसपी से की है, जिसके बाद ये कार्यवाई हुई है. थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है।
नाबालिग लड़की का 22 अप्रैल को चार युवकों ने अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। आरोपियों के चंगुल से छूटकर जब पीड़िता थाने में न्याय की गुहार लगाने पहुंची तो उसको न्याय देने की जगह उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। आरोप है कि वहां मौजूद थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़ित ने अपनी आपबीती एसपी को सुनाई जिसके बाद कार्यवाई की जा रही है।
ललितपुर पुलिस का कहना है कि उन्होंने मामले में एसएचओ और अन्य के खिलाफ बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं। हालांकि, आरोपी पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी अभी बाकी है। ललितपुर के एसपी निखिल पाठक ने बताया कि हमने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है और उससे पूछताछ कर रहे हैं। एसएचओ निलंबित है और वह एक अपराधी है। इसलिए हमने उसे गिरफ्तार करने के लिए टीमों का गठन किया है। एक एनजीओ लड़की को मेरे कार्यालय में लेकर आया। इसके बाद लड़की ने सारी बातें बताईं।
थाने में 13 साल की बच्ची से रेप की घटना उस वक्त सामने आई, जब पीड़िता को चाइल्ड लाइन के हवाले किया गया और उसने अपनी आपबीती सुनाई। पीड़िता की मां की ओर से थाने में दी गई शिकायत के मुताबिक बच्ची को ललितपुर के एक गांव से चार लोगों ने अगवा कर लिया गया था। आरोपी उसे मध्य प्रदेश के भोपाल ले गए और तीन दिन तक अपनी हवश का शिकार बनाते रहे। इसके बाद उसे पाली थाने के पास छोड़कर चले गए।
पुलिस ने लड़की को उसकी मौसी के पास पहुंचा दिया। 27 अप्रैल की सुबह किशोरी को थाने बुला कर बयान दर्ज किया गया। शाम को मौसी उसे इंस्पेक्टर के कमरे में ले गई। जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। तब तक बरामदगी या बयान की सूचना माता-पिता को नहीं दी गई। 30 अप्रैल को बेटी को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया। जहां काउंसिलिंग में उसने घटना बताई।
पुलिस ने इस मामले में बच्ची के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपियों चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया के खिलाफ केस दर्ज किया है। एसएचओ पाली तिलकधारी सरोज और मौसी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ललितपुर के एसपी निखिल पाठक ने कहा, ”मौसी और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि जब पीड़िता पहली बार (26 अप्रैल) को पुलिस के पास पहुंची तो केस क्यों नहीं दर्ज किया गया था।” आरोपी एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है।

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