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कश्मीर में हिंसा, 24 घंटे में प्रवासी मजदूरों पर आतंकवादियों का दूसरा हमला

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आतंकी छापामार तरीके से सुरक्षाबलों औऱ जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे हैं।

श्रीनगर। देश भर में ‘द कश्मीर फाइल्स’ मूवी के आने के बाद से एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का जिक्र तेजी से हो रहा है। इसके अलावा उन्हें घाटी में वापस बसाने की बातें हो रही हैं, लेकिन कश्मीर का माहौल सुधरता नहीं दिख रहा है।कश्‍मीर के शोपियां जिले में आतंकी हमले में सोमवार शाम को एक दुकानदार को गोली मार दी गई। घाटी में रविवार से यह चौथा आतंकी हमला है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले में कश्‍मीरी पंडित सोनू कुमार बालाजी के हाथ और पैर में गोली लगी है। उसे इलाज के लिए श्रीनगर के आर्मी हॉस्पिटल ले जाया गया है। उसकी हालत फिलहाल स्थिर है। कश्‍मीरी पंडित सोनू कुमार बालाजी शोपियां के छोटीगाम गांव का रहने वाला है।

अधिकारियों ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही सेना और पुलिस के जवान गांव में पहुंचे। इसके बाद बाल कृष्णन को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच श्रीनगर के लालचौक में भी एक आतंकी घटना हुई है, जिसमें एक सीआरपीएफ जवान शहीद हो गया। आतंकियों ने लाल चौक पर सीआरपीएफ के जवानों पर हमला कर दिया, जिसमें एक शहीद हो गया। इसके अलावा एक जवान जख्मी हो गया है। फायरिंग में जख्मी होने के बाद दोनों जवानों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान ही एक जवान की मौत हो गई।

यह पिछले 24 घंटे में प्रवासी मजदूरों पर आतंकवादियों का दूसरा हमला है। आतंकी छापामार तरीके से सुरक्षाबलों औऱ जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे हैं। कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में ही आतंकवादियों ने दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी, जो सगे भाई थे। खबरों के मुताबिक, हमले में एक सीआरपीएफ कर्मी की मौत हुई है। इससे कुछ घंटों पहले पुलवामा में गैर कश्मीरियों पर हमला हुआ था, जिसमें दो प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी। वहीं आज के हमले में घायल सुरक्षाकर्मी का एमएसएचएस अस्पताल में इलाज चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने सुरक्षाबलों के एक चेक प्वाइंट पर फायरिंग की. लेकिन जवानों के मुस्तैद होने के पहले ही आतंकी वहां से भागने में कामयाब रहे।

गौरतलब है कि देश भर में इन दिनों 1990 में कश्मीर पंडितों के नरसंहार की चर्चाएं तेज हैं। इसके अलावा राजनीति भी तेज हो गई है। ऐसे में इस बीच घाटी में कश्मीरी पंडित पर हमला होने से समझा जा सकता है कि माहौल आज भी बहुत बेहतर नहीं हुआ है। अब तक यह जानकारी नहीं मिल सकी है कि कश्मीरी पंडित दुकानदार पर हमला करने वाले आतंकी कौन थे और वे किस संगठन से जुड़े थे। अब तक किसी संगठन की ओर से इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

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