लखनऊ। गरीबों के लिए संजीवनी का काम कर चुकी मनरेगा को योगी सरकार व्यवसाय से जोड़ने जा रही है। अगर आप अपने गांव में खेती और पशुपालन से जुड़ा छोटा व्यवसाय कर रहे हैं तो सरकार आपको मनरेगा की व्यक्तिगत लाभार्थी योजना के तहत मदद करेगी। इस योजना में सरकार आपके कोराबार को बढ़ाने के लिए दो लाख रुपये तक खर्च करेगी। सरकार ने इस योजना में पांच लाख गरीबों को लाभ देने का फैसला किया है।
राज्य में मनरेगा योजना शुरू होने के बाद पहली बार लाभार्थीपरक कार्यों के लिए पांच लाख का लक्ष्य रखा है। इसका मूल उद्देश्य गरीबों को उनके गांव घर पर ही उनके द्वारा किए जा रहे छोटे-मोटे काम को बढ़ाने में सहयोग व सहायता मुहैया कराना है। जिससे सीधे तौर पर उनकी आय में वृद्धि होगी। ग्राम्य विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले पांच साल में 6.63 लाख लाभार्थी परक काम कराए गए हैं।
मनरेगा के तहत लाभार्थीपरक कार्यों में मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण, रेशम उत्पादन, बकरी शेड, मुर्गी पालन शेड, सूअर पालन के लिए बाड़े का निर्माण, कुएं का निर्माण, नाली-नलकूप, तालाब व झील का निर्माण, वर्मी कंपोस्ट पिट का निर्माण, फूलों की नर्सरी, किचेन गार्डेन, भूमि समतलीकरण व मेड़बंदी, भूमि कटाव रोकने के लिए सुरक्षा दीवार, भूमि समतलीकरण, वर्षा जल संग्रहण टैंक, पौधरोपण आदि शामिल हैं। इन सभी कामों को कराने के लिए मनरेगा के तहत अलग-अलग बजट तय किया गया है। हर योजना के लिए मॉडल इस्टीमेट है। इस्टीमेट में निर्माण सामग्री, मजदूरी सब कुछ शामिल होगा।
10 श्रेणी के परिवारों को दिया जाएगा यह लाभ
अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार व डीसी मनरेगा वीआर त्रिपाठी के मुताबिक 10 तरह के परिवारों को लाभार्थीपरक काम का लाभ देने का प्राविधान है। एससी तथा एसटी, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार, महिला मुखिया वाले परिवार, दिव्यांग मुखिया वाले परिवार, पीएम व सीएम आवास के लाभार्थी, पट्टाधारक, लघु व सीमांत किसान प्रमुख हैं।