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बेंगलुरु में दो दिवसीय बैठक सम्पन्न, कांग्रेस को सत्ता में कोई दिलचस्पी नहीं

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कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि विपक्षी दलों के बीच राज्य स्तर पर मतभेद हैं परन्तु, ये मतभेद विचारधारा से संबंधित नहीं हैं।बैठक में I N D I A (भारतीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक समावेशी गठबंधन) का प्रस्ताव

बेंगलुरु (एजेंसी)। साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय राजनीती एक बार फिर अपनी दिशा बदलने वाली है। भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्ष के 26 दल एकजुट हुए हैं। बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को विपक्षी दलों की दो दिवसीय बैठक में गठबंधन (INDIA) का प्रस्ताव रखा गया है। 

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मैं एमके स्टालिन के जन्मदिन पर चेन्नई में पहले ही कह चुका हूं कि कांग्रेस को सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस बैठक में हमारा इरादा अपने लिए सत्ता हासिल करना नहीं है। यह हमारे संविधान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए है।

हम 26 पार्टियां हैं

BJP पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के अध्यक्ष और पार्टी नेता पुराने सहयोगियों से समझौता करने के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य भाग रहे हैं। बैठक में खरगे ने कहा, “हम 26 पार्टियां हैं, 11 राज्यों में अपनी-अपनी सरकार है। बीजेपी को अकेले 303 सीटें नहीं मिलीं, उसने सहयोगियों के वोटों का इस्तेमाल किया और फिर उन्हें त्याग दिया।”

उन्होंने स्वीकार किया कि विपक्षी दलों के बीच राज्य स्तर पर मतभेद हैं परन्तु, ये मतभेद विचारधारा से संबंधित नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘ये मतभेद उतने बड़े नहीं है कि हम उन्हें महंगाई की मार झेल रहे मध्यम वर्ग और आम आदमी की खातिर, बेरोजगारी से जूझ रहे हमारे युवाओं की खातिर, गरीबों की खातिर और पर्दे के पीछे चुपचाप कुचले जा रहे दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों की खातिर पीछे नहीं छोड़ सकते।

गठबंधनशब्द पर पुनर्विचार

सूत्रों ने कहा कि विपक्षी मोर्चे के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है उनमें से एक नाम I N D I A (भारतीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक समावेशी गठबंधन) है। हालांकि, वाम दलों ने गठबंधनशब्द पर पुनर्विचार की मांग की है। राष्ट्रीय जनता दल ने बताया कि INDIA यानी इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस।विपक्षी दलों की औपचारिक बातचीत मंगलवार सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक हुई।

बेंगलुरु में एकत्र हुए नेता बैठक के पहले दिन सोमवार को बैठक के एजेंडे को औपचारिक रूप देने के लिए डिनर के दौरान चर्चा की। सूत्रों ने कहा कि ऐसी संभावना है कि UPA की अध्यक्ष रह चुकीं सोनिया गांधी को मोर्चे का अध्यक्ष और नीतीश कुमार को संयोजक नामित किया जाएगा।

विपक्ष की इस दो दिवसीय बैठक में सोनिया गांधी के अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद शामिल हुए।इसके साथ ही NCP नेता शरद पवार भी इस बैठक में मौजूद रहे। शरद पवार के भतीजे अजित पवार इसी महीने की शुरुआत एनसीपी में बगावत के बाद बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए और डिप्टी सीएम बन गए हैं।

सूत्रों ने कहा कि सभी दलों से मोर्चे का नाम सुझाने को कहा गया है, जिसमें “भारत” शब्द होना चाहिए। इसकी टैग लाइन “यूनाइटेड वी स्टैंड” होगी। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के लिए भी सुझाव मांगे गए हैं। यह भी कहा गया कि राज्यों के विषय को अलग रखा जाना चाहिए।

इससे पहले सोमवार को बेंगलुरु के ताज वेस्ट एंड होटल में डिनर बैठक में ममता बनर्जी और सोनिया गांधी एक-दूसरे के बगल में बैठी थीं। सूत्रों ने बताया कि पहले उनकी अलग बातचीत हुई, जो लगभग 20 मिनट तक चली। इसके बाद विपक्षी दलों की बैठक हुई।

8 और दलों को निमंत्रण

पहली बैठक में जनता दल यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), आम आदमी पार्टी (AAP), द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK), तृणमूल कांग्रेस (TMC), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट CPM, CPI (ML), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), सपा, JMM और NCP शामिल हुए थे।

इस बार विपक्षी कुनबे को और मजबूत करने के लिए 8 और दलों को निमंत्रण भेजा गया। इनमें मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK), कोंगु देसा मक्कल काची (KDMK), विदुथलाई चिरुथिगल काची (VCK), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) ने हामी भरी है।

विपक्ष की दूसरी बैठक के लिए जगह का चुनाव सावधानीपूर्वक कांग्रेस ने किया। कांग्रेस ने इस बैठक के लिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु को चुना। कर्नाटक में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की थी। इस जीत के बाद पार्टी कुछ हद तक मजबूत स्थिति में आ गई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा, ” BJP से लड़ने की इच्छाशक्ति और साहस रखने वाली सभी पार्टियों का स्वागत है।” उन्होंने कहा, “पटना में 16 से बेंगलुरु में 26 तक, यह विरोध बढ़ेगा… हमारी कई और बैठकें होंगी। मुद्दों पर अभी चर्चा होगी और हम बाद में नेताओं पर विचार करेंगे।”

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