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हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल, पूरे देश में हाहाकार

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नई दिल्ली। हिट एंड रन कानून में किए गए संशोधन के खिलाफ देशभर में ट्रक यूनियनों ने हड़ताल कर रखी है। कानून संशोधन के विरोध में शनिवार से ही ड्राइवरों ने राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी में चक्काजाम करना शुरू कर दिया है।

‘हिट एंड रन’ पर लाया जा रहा नया कानून। इसमें ‘हिट एंड रन’ को लेकर बेहद सख्‍ती से निपटने का प्रावधान किया गया है। यह भारतीय न्याय संहिता का हिस्‍सा है। इसके तहत ऐसे मामलों में ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा या 7 लाख रुपये जुर्माने की बात कही गई है। इसने ड्राइवरों के होश उड़ा दिए हैं। ट्रक ड्राइवर्स के खिलाफ कठोर कानून  के विरोध में जक्का जाम से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

ह‍िट एंड रन कानून में अब क्‍या हो गया है बदलाव?

-अब तक हिट एंड रन मामले में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। खास मामलों में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी जाती है।

-बदलाव के बाद सेक्शन 104(2) के तहत हिट एंड रन के बाद अगर आरोपी ड्राइवर घटनास्थल से भागता है या पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी पड़ेगी। 7 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा।

नए नियमों के कारण ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं।

चक्‍काजाम करने वाले ड्राइवरों का दावा है कि ‘हिट एंड रन’ के मामलों में विदेश की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाया गया है। इसे लाने से पहले विदेश की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए था। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने कहा है कि नए नियमों के कारण ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं। देशभर में पहले से ही 25-30 फीसदी ड्राइवरों की कमी है। ऐसे कानून ड्राइवरों की किल्‍लत को और बढ़ाएंगे। देश की अर्थव्यवस्था में रोड ट्रांसपोर्टरों और ड्राइवरों का बड़ा योगदान है। प्रदर्शनकारी ड्राइवरों का कहना है कि नए कानून के अनुसार, ‘हिट एंड रन’ मामलों में 10 साल तक की जेल और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। ड्राइवर इतनी बड़ी राशि कैसे भर सकते हैं।

मध्यप्रदेश में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के चलते पूरे प्रदेश में हाहाकार

मध्यप्रदेश में दूसरे दिन मंगलवार को ट्रक-बस ड्राइवर्स की हड़ताल का असर जरूरी सेवाओं पर दिख रहा है। ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के चलते पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है। इंदौर के पेट्रोल पंप पर सुबह से लाइनें लगी हुई हैं। इसके चलते मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को हड़ताल खत्म कराने के निर्देश दिए हैं। दो याचिकाओं पर मंगलवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा, हड़ताल को तुरंत खत्म करवाया जाए। सरकार परिवहन बहाल करवाए। इस पर सरकार की तरफ से महधिवक्ता ने कहा, आज शाम तक इस मामले में अहम निर्णय लिया जा रहा है। ये याचिकाएं नागरिक उपभोक्ता मंच और अखिलेश त्रिपाठी की ओर से दायर की गई हैं।

ड्राइवर्स की हड़ताल के चलते भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित अन्य जिलों में दूध से लेकर सब्जी और किराना सप्लाई कम हुई है। ज्यादातर शहरों में सब्जियां महंगी हो गईं। स्कूल-कॉलेज बसें बंद रहीं। खरगोन में पुलिस और प्रर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। बुरहानपुर में हड़ताल कर रहे ड्राइवरों ने दूसरे वाहन चालकों को जूते-चप्पलों की माला पहनाने के प्रयास किए। कई वाहनों की हवा निकाल दी।

पूर्व सीएम कमलनाथ का बयान

लोकतंत्र में एकतरफा फैसलों के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। संसद में संवाद के बिना ट्रक ड्राइवर्स के खिलाफ कठोर कानून बनाना समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर हमला है। कानूनों के विरोध में हो रही हड़ताल से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सरकार को ड्राइवर्स से बात कर समस्या का सर्वसम्मत हाल निकालना चाहिए।

ट्रांसपोर्ट की हड़ताल के खिलाफ याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने कार्रवाई के दिए आदेश

हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि अत्यावश्यक सेवाएं प्रभावित हो रही है इसीलिए सरकार कार्रवाई करें। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी। जिसके बाद आज ही हड़ताली एसोसिएशन पर कार्रवाई की जाएगी। हड़ताल कर रहे ट्रक, टैंकर, बस ड्राइवर्स पर कार्रवाई होगी।

ट्रांसपोर्ट ड्राइवर्स की हड़ताल के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिए कार्रवाई के आदेश

अत्यावश्यक सेवाएं हो रहीं प्रभावित, इसीलिए कार्रवाई करे सरकार

राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दी अंडरटेकिंग

आज ही हड़ताली एसोसिएशन पर की जाएगी कार्रवाई

हड़ताल कर रहे ट्रक, टैंकर और बस ड्राइवर्स पर होगी कार्रवाई

भोपाल में बैरिसया यूनियन ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा

भोपाल में बैरिसया यूनियन ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी है। मध्य प्रदेश चालक-परिचालक यूनियन ने एसडीएम बैरसिया को ज्ञापन सौंप कर दो दिवसीय शांतिपूर्ण हड़ताल समाप्त करने की बात कही है। ज्ञापन में कहा गया है कि यूनियन की ओर से हड़ताल समाप्त कर दी गई है। अब कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए यूनियन जिम्मेदार नहीं होगी।

अफवाह फैलाई तो होगी कार्रवाई

जिले में ट्रकों की हड़ताल के चलते पेट्रोल पंपों में पेट्रोल भरवाने लोगों का हुजूम लग गया। पेट्रोल-डीजल की कमी होने की अफवाह के चलते कलेक्टर मनोज पुष्प ने तत्काल इस संबंध में पुलिस, यातायात विभाग, परिवहन विभाग और आइल कंपनी के डीलर्स के साथ सोमवार शाम बैठक ली। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि जिले में डीजल पेट्रोल की पर्याप्त उपलब्धता है। ईंधन सप्लाई चेन को मेंटेन कर लिया गया है। किसी भी तरह की अफवाहों में न आएं और पैनिक न करें। अव्यवस्था उत्पन्न करने वालों और अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में ड्राइवरों की हड़ताल के कारण एवं उसके निदान पर चर्चा की गई।

हिट एंड रन एक्ट पर ट्रांसपोर्टरों से नहीं की गई चर्चा : जीतू पटवारी

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ड्राइवर की हड़ताल पर सरकार पर निशाना साधा। भोपाल में अपने निवास पर मीडिया से चर्चा में पटवारी ने कहा कि हिट एंड रन का कानून लाए तो ट्रांसपोर्टरों से चर्चा नहीं की। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं ने जांच की मांग की तो उनकी भावना को सम्मान नहीं दिया गया। अलग-अलग बातों को लेकर बात उठाने की कोशिश की तो उन्हें बाहर कर दिया गया। पटवारी ने कहा की बहुत हो जाए तो ड्राइवर 8 से 25 हजार तक कमा पाता है। पूरा देश प्रदेश जाम है सरकार ने क्या किया। उन्होंने सवाल उठाया कि पूरे प्रदेश में आप कैबिनेट करना चाहते हैं, लेकिन जो जाम है उसके लिए क्या कर रहे हैं। ऐसी स्थिति के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की। पटवारी ने कहा सरकार साल के पहले दिन सोती रही। उन्होंने कहा की मध्य प्रदेश में काम चलाऊ व्यवस्था चल रही है।

परिवहन मंत्री ने समझाया एक्ट, बोले- हादसे के बाद चालक भागे नहीं, मदद करें और सूचना दे

परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि कोई भी कानून दोषी-अपराधी के लिए बनता है। इस एक्ट में कहां है कि अगर दुर्भाग्य से दुर्घटना होती भी है तो सजा होगी ही। हिट एंड रन में आप दुर्घटना करके भाग जाते हैं, यातना देकर चले जाते हैं, उन परिस्थितियों में आप दोषी हैं। सड़क पर दुर्घटना का अंदेशा हमेशा रहता है। अगर इन्फॉर्मर आप बनते हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। गलत तरीके से कानून को समझाया जा रहा है। चीज़ों को समझना होगा, जल्दबाजी में हड़ताल चक्काजाम करना गलत है। यूनियन को सरकार के साथ बैठकर बात करनी चाहिए।

यूनियन को आगे आकर बातचीत करनी चाहिए

स्वाभाविक रूप से अनुरोध करूंगा नागरिक के नाते भी जनप्रतिनिधि के नाते भी, हमें शुरुआती दौर में सख्त निर्णय की आवयश्कता नहीं है। आम लोगों के जनजीवन को प्रभावित करने वाली व्यवस्थाएं हैं, ऐसे में ट्रक ड्राइवर्स को इस तरह के कदम उठाने से बचना चाहिए। आम जन मानस प्रभावित न हो जनजीवन सुचारू रूप से चले, सब्जी, दूध, खाने की चीज़ें लोगों को मिलें इसकी चिंता उन्हें भी करनी चाहिए। सरकार सजग सचेत है। मैं आग्रह करूंगा ड्राइवर्स को इस व्यवस्था में सहयोग करना चाहिए। उनकी यूनियन को आगे आकर बातचीत करनी चाहिए। बातचीत में रास्ता तय करना चाहिए, फैसले बातचीत से होते हैं। माननीय मुख्यमंत्री इस बात की चिंता कर रहे हैं। कल शाम भी बात हुई। पूरी संजीदगी और संवेदनशीलता के साथ सरकार काम कर रही है। आम जीवन व्यवस्थित चलता रहे सरकार इसका ख्याल रख रही है।

यात्री बसों के साथ स्कूल-कॉलेज बस चालकों के हड़ताल में शामिल होने की वजह से बच्चों की शिक्षा पर काफी असर पड़ रहा है। सोमवार को स्कूल-कॉलेजों में दो दिन का अवकाश घोषित किया था। इसके बाद भी कुछ स्कूल मंगलवार को खुले हैं, ऐसे में उन अभिभावकों को परेशानी हो रही है। स्कूल वाहन न चलने से अभिभावक खुद बच्चों को छोड़ने स्कूल जा रहे हैं।

पूरे पंजाब में बस-ट्रक चालकों का चक्का जाम

सरकार के फरमान के विरोध में उतरे ड्राइवर

ट्रक यूनियन बरनाला के प्रधान हरदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि हिट एंड रन के मामलों में दोषी ट्रक ड्राइवर पर सात लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया गया है।इसके विरोध में तेल टैंकर व ट्रक यूनियन और ट्रांसपोर्टर खुलकर सड़कों पर आकर सरकार के इस फरमान का विरोध करने लगे हैं।

हिड एंड रन कानून को रद करने की मांग की

प्रधान हरदीप सिंह सिद्धू व अन्य ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं जानबूझकर नहीं की जाती हैं और ड्राइवरों को अक्सर डर होता है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने का प्रयास करते हैं तो उन्हें भीड़ की हिंसा का शिकार होना पड़ेगा। इसलिए यूनियनों ने एलान किया है इस फरमान को रद्द किया जाए।

राजस्थान के कई जिलों में आज बसों का आवागमन पूरी तरह बंद

राजस्थान में कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। राजस्थान के कई जिलों में आज बसों का आवागमन पूरी तरह बंद है। ऐसे में वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डूंगरपुर जिले के साबला में बस और ट्रक ड्राइवरों ने बांसवाड़ा-उदयपुर स्टेट हाइवे जाम कर दिया। इधर, ट्रकों की हड़ताल के चलते हनुमानगढ़ से अबोहर व संगरिया से श्रीगंगानगर और चित्तौड़गढ़ सहित कई रूट्स पर रोडवेज व निजी बसों का आवागमन बंद है।

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