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एक साथ पूरे परिवार ने लगाई सामूहिक फांसी,फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची

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ग्वालियर। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के गोहद इलाके में एक पूरे परिवार ने सामूहिक फांसी लगा ली है। इस घटना में 3 लोगों की मौत हुई है। घटनास्थल पर एफएसएल के साथ एसपी भी मौके पर पहुंचे हैं। घटना गोहद से 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित कठमा गांव की है।
शुरुआती जानकारी के अनुसार कठमा गांव में रहने वाले धर्मेंद्र गुर्जर ने अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों के साथ फांसी लगा ली, जिसमें धर्मेंद्र, उसकी पत्नी अमरेश और 11 वर्षीय बेटे प्रशांत की मौत हो गयी। हाल की स्थानीय लोगों की मदद के चलते 9 साल की मासूम बेटी मीनाक्षी की जान बचा ली गई, उसकी हालत गंभीर होने के चलते उसे प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया गया है।

फिलहाल घटना के पीछे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पड़ोसियों ने बताया कि धर्मेंद्र और उसका परिवार हमेशा सुबह 6 तक सो कर जाग जाता था। शनिवार सुबह जब समय बीतने के बाद भी जब घर का दरवाजा नहीं खुला तो आसपास रहने वाले पड़ोसी अचंभित हुए और घर का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसके बावजूद ना तो किसी ने अंदर से आवाज दी और ना ही दरवाजा खोला। ध्यान से सुनने पर अंदर से बच्ची के सिसकने की आवाज आ रही थी, इस पर परिजन और पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को फोन किया।

9 साल की बच्ची के गले पर थे फंदे के निशान
जानकारी मिलते ही कुछ ही मिनटों में पुलिस भी मौके पर पहुंची और दरवाजा खुलवाया। घर के कमरे में धर्मेंद्र गुर्जर और उसकी पत्नी अमरेश फांसी पर लटके हुए थे। वहीं धर्मेंद्र का 11 साल का बड़ा बेटा प्रशांत ज़मीन पर पड़ा हुआ था। तीनों की मौत हो चुकी थी। कमरे में ही ज़मीन पर पड़ी 9 साल की मासूम बेटी मीनाक्षी भी तड़प रही थी, जिसके गले पर भी फंदे के निशान थे। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत बच्ची को गोहद अस्पताल भिजवाया और उसे प्राथमिक उपचार के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया गया।

थाना प्रभारी द्वारा घटना की सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गयी। घटना की जानकारी लगते ही भिंड एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान भी मौके पर पहुंचे और पूरे हालातों का खुद जायजा लिया। वहीं भिंड से फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और गहन जांच की। हालांकि पूरे परिवार ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है।

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