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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व PM राजीव गांधी के हत्यारों को किया रिहा, कांग्रेस ने कहा, कोर्ट का फैसला पूरी तरह से गलत

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नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के 6 हत्यारों को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषियों के जेल में अच्छे आचरण के कारण रिहाई का आदेश दिया जा रहा है। इससे पहले मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा पाने वाले दोषी पेरारिवलन को भी रिहा करने के आदेश दिये थे।हत्या की दोषी नलिनी श्रीहरन ने कहा, मैं आतंकवादी नहीं हूं। कांग्रेस पार्टी कहा, सुप्रीम कोर्ट ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया।” कोर्ट का निर्णय अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है।

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि जेल में बंद दोषियों एस नलिनी, जयकुमार, आरपी रविचंद्रन, रॉबर्ट पियास, सुथेंद्रराजा और श्रीहरन को अच्छे आचरण के चलते जेल से रिहा किया जाता है। जेल में उनका आचरण अच्छा पाया गया और उन सभी ने जेल में रहने के दौरान विभिन्न डिग्री हासिल की थी।

अदालत ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट भी 9 सितंबर 2018 को दोषियों की रिहाई की सिफारिश कर चुकी है। गौरतलब है कि 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला किया गया था। इस हमले में पूर्व पीएम की मौके पर ही मौत हो गई थी।

इस हमले की जांच के बाद सात लोगों को दोषी पाया गया। जिसमें एक दोषी पेरारिवलन को मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन, मई महीने में उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई के आदेश दिये थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ने कदम नहीं उठाया तो हम उठा रहे हैं। न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायाधीश बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मामले के दोषियों में से एक आरोपी ए. जी. पेरारिवलन के मामले में शीर्ष अदालत का पहले दिया गया फैसला इन दोनों के मामले में भी लागू होता है।  दोषियों नलिनी और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

कांग्रेस पार्टी के महासचिव  जयराम रमेश ने कहा, “पूर्व पीएम राजीव गांधी के बचे हत्यारों को मुक्त करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस इसकी आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य मानती है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्चतम न्यायालय ने देश की भावना के अनुरूप कार्य नहीं किया।

वहीं, सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था। नलिनी श्रीहर और आरपी रविचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट में मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। मद्रास हाईकोर्ट द्वारा 17 जून को दोषियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। दोनों दोषियों ने अपनी याचिका में ए जी पेरारीवलन की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अपनी रिहाई की मांग की थी। जिनकी रिहाई का आदेश दिया गया है, उनमें नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, जेल में आचरण को भी ध्यान में रखा गया है। तथ्य यह है कि उन्होंने 30 साल से अधिक जेल में बिताए हैं। राज्य मंत्रिमंडल का निर्णय राज्यपाल पर बाध्यकारी है, लेकिन राज्यपाल ने चार साल से कार्रवाई नहीं की। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी को रिहा कर दिया।  बता दें की शीर्ष अदालत ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन और आर. पी. रविचंद्रन को समय से पहले रिहा करने का शुक्रवार को आदेश दिया। दोनों ने समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

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