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मणिपुर में मौत का तांडव जारी, ड्रोन के जरिए हो रही बमबारी

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जिरीबाम (एजेंसी)। मणिपुर में मौत का तांडव जारी है। सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। 1 सितंबर से मणिपुर की घाटी में हिंसक घटनाएं और बढ़ गई हैं। हिंसा इस कदर भयावह  है कि अब इन हमलों में ड्रोन के जरिए बमबारी की जा रही है तो RPG का इस्तेमाल करके भी रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है।

शनिवार को जिरीबाम जिलें में हुई हिंसक घटना में पांच लोगों की मौत हो गई है। पुलिस ने जानकारी दी कि एक व्यक्ति की सोते समय हत्या कर दी गई। पुलिस ने जानकारी दी कि आतंकवादी जिला मुख्यालय से लगभग पांच किलोमीटर दूर एक सुनसान स्थान पर अकेले रहने वाले व्यक्ति के घर में घुसे और सोते समय उसकी गोली मारकर हत्या कर दी।

इंफाल घाटी में स्थानीय संगठन ने पब्लिक इमरजेंसी घोषित कर दी है। इस पब्लिक इमरजेंसी में केंद्रीय सुरक्षा बलों को चेतावनी दी गई है कि अगर वह कुकी संगठनो पर कार्यवाही नहीं करते हैं और शांति बहाली नहीं हो पाती तो उन्हें मणिपुर छोड़कर जाना होगा। पब्लिक इमरजेंसी का असर इंफाल के व्यस्तता इलाकों में भी देखा जा रहा है, जहां दुकान मकान बंद हैं और सड़कों पर आवाजाही थम सी गई है।

उग्रवादियों ने किया था रॉकेट हमला

अधिकारी ने आगे बताया कि गोलीबारी में चार हथियारबंद लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन पहाड़ी उग्रवादी शामिल हैं। इस हफ्ते राज्य के कई जिलों में हिंसक घटनाएं घटी है। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार दोपहर उग्रवादियों ने एक आवासीय क्षेत्र में रॉकेट से हमला किया। हमले में एक बुजुर्ग की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। वहीं, इससे पहले  उग्रवादियों ने मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले के एक गांव में खाली पड़े पांच घरों को जला दिया। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों को खदेड़ दिया।

ड्रोन के अलावा RPG से भी किया जा रहा अटैक

सिर्फ ड्रोन ही नहीं बल्कि आरपीजी का भी इस्तेमाल हुआ. पिछले साल तक ऐसी घटनाओं में देसी पाइप के जरिए पंपी  गण बनाकर रॉकेट दागे जाते थे, जिनका डेरा बेहद कम होता था लेकिन इस इस बार के हमले में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए। आधुनिक रॉकेट लांचर गन तैयार किए गए जिनकी मारक क्षमता काफी दूर तक है। आरपीजी से आए रॉकेट के गोलों ने गांव में कई घर बर्बाद कर दिए। हमले का असर गांव में बने IRB के कैंपों पर भी हुआ।

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