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गैस का खर्च अब उठाया नहीं जा सकता है, कोयला अब वापस आने वाला है – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

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वाशिंगटन (भाषा) देश में गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं। गरीब और मज़दूर वर्ग महंगाई से त्रस्त है। अब इसे रोकना कितना मुश्किल काम है ये वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अमेरिका के प्रेस वार्ता में दिए गए बयान से पता चलता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वैश्विक ऊर्जा संकट के बीच गैस बहुत महंगी होने के कारण कोयला एक बार फिर वापसी करने जा रहा है। सीतारमण ने कहा कि पश्चिमी दुनिया के देश फिर से कोयले की ओर बढ़ रहे हैं। वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में भाग लेने के लिए अमेरिकी आई हुई हैं।

शनिवार को भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ‘पश्चिमी दुनिया के देश कोयले की ओर बढ़ रहे हैं। ऑस्ट्रिया पहले ही यह कह चुका है और आज वे कोयले की ओर लौट रहे हैं।’

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके चलते यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में तेजी से कटौती हुई है। ऐसी स्थिति में उनके लिए वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों की तलाश जरूरी हो गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन में भी एक पुराने ताप-बिजली संयंत्र को उत्पादन के लिए फिर से तैयार किया जा रहा है।

सीतारमण ने कहा, ‘वास्तव में वह खुद को एक ताप इकाई के लिए फिर से तैयार कर रहा है। इस तरह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई देश कोयले की तरफ वापसी कर रहे हैं। कोयला अब वापस आने वाला है, क्योंकि मुझे लगता है कि गैस का खर्च अब उठाया नहीं जा सकता है… या फिर गैस उतनी उपलब्ध नहीं है, जितनी जरूरत है।’

वित्त मंत्री ने कहा कि यूरोप ने सही निर्णय लिया है और अगर उन्हें जरूरत के मुताबिक गैस नहीं मिल रही है, तो अन्य स्रोतों की तलाश करनी ही होगी। वहीं, सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताते हुए कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बावजूद भारतीय रुपया में स्थिरता बनी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति कम है और मौजूदा स्तर पर उससे निपटा जा सकता है।

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