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पुंछ में सेना की गाड़ी पर आतंकियों का हमला, 5 जवान शहीद

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुंछ  में सेना की गाड़ी पर आतंकियों ने हमला किया था। इस अटैक में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे। तो वहीं शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के कंडी इलाके में आतंकियों ने एक बार फिर सेना के जवानों को निशाना बनाया। राजौरी हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए। इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी आतंकी संगठनों पीएएफएफ (PAFF) ने ली है। PAFF यानी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट. इस संगठन को पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का एक सपोर्टिंग ग्रुप माना जाता है। रिपोर्ट्स की मानें तो PAFF जम्मू-कश्मीर का एक एक्टिव आतंकी संगठन है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) 2019 में आतंकी संगठन जैश के साइडलाइन ग्रुप के तौर पर उभरा था। यह संगठन खास तौर पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देता आ रहा है। इसका कनेक्शन पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से है।

2019 में पहली बार आतंकी संगठन पीएएफएफ उस वक्त चर्चा में आया था जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया गया था। इस आतंकी संगठन ने कई बार सरका से लेकर सेना को कई धमकियां भी दी हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में इस आतंकी संगठन ने एक वीडियो मैसेज के जरिए कश्मीर में इजरायल के दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने को लेकर धमकी दी थी। बता दें कि जम्मू कश्मीर में इसी महीने G20 समिट की बैठक होने वाली है. इस बैठक पर भी PAFF की बुरी नजर थी। आतंकी संगठन ने बैठक को लेकर धमकी भी दी थी।

आतंकी संगठन पीएएफएफ जम्मू-कश्मीर में कई हमलों को अंजाम दे चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2021 में हुए एक बीजेपी नेता की हत्या में भी इसी संगठन का हाथ बताया गया था. इसके बाद यह संगठन सरकार की रडार पर आ गया था। 2021 में भी इस संगठन ने राजोरी में सेना पर हमला किया था। इस हमले के कुछ वक्त बाद मेंढार के पुंछ में सेना के जवानों पर हमला किया गया था। इस अटैक में 9 जवान शहीद हो गए थे। इस अटैक की जिम्मेदारी भी PAFF ने ली थी। फिर 2022 में जम्मू कश्मीर के एक पुलिस अधिकारी हेमंत लोहिया की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। इस अटैक में भी पीएएफएफ का हाथ माना जाता है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में शामिल रहने वाले आतंकी संगठन पीएएफएफ पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन लगा दिया था। मंत्रालय ने कहा था कि PAFF सुरक्षाबलों, नेताओं, जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों के लिए लगातार खतरा बना हुआ था। यह ग्रुप दूसरे आतंकी संगठन के साथ मिलकर कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है।

आतंकी संगठन पीएएफएफ जम्मू-कश्मीर में कई हमलों को अंजाम दे चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2021 में हुए एक बीजेपी नेता की हत्या में भी इसी संगठन का हाथ बताया गया था। इसके बाद यह संगठन सरकार की रडार पर आ गया था। 2021 में भी इस संगठन ने राजोरी में सेना पर हमला किया था। इस हमले के कुछ वक्त बाद मेंढार के पुंछ में सेना के जवानों पर हमला किया गया था। इस अटैक में 9 जवान शहीद हो गए थे। इस अटैक की जिम्मेदारी भी पीएएफएफ ने ली थी। फिर 2022 में जम्मू कश्मीर के एक पुलिस अधिकारी हेमंत लोहिया की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। इस अटैक में भी पीएएफएफ का हाथ माना जाता है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में शामिल रहने वाले आतंकी संगठन PAFF पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन लगा दिया था। मंत्रालय ने कहा था कि PAFF सुरक्षाबलों, नेताओं, जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों के लिए लगातार खतरा बना हुआ था। यह ग्रुप दूसरे आतंकी संगठन के साथ मिलकर कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है।

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