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भाजपा विधायक के घूसखोरी मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार

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नई दिल्ली। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक मदल विरुपक्षप्पा साबुन और डिटर्जेंट (केएसडीएल) अनुबंध घोटाले में फंसे हुए हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को मदल विरुपक्षप्पा को पांच लाख रुपये के बॉन्ड और मुचलके पर अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट विधायक की जमानत के खिलाफ कर्नाटक लोकायुक्त की याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार को राजी हो गया।

हाई कोर्ट द्वारा जमानत देने के विरुद्ध कर्नाटक लोकायुक्त की याचिका पर सुनवाई होगी। वहीं, न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि इसे हाई कोर्ट द्वारा पहले ही सुना जा चुका है तो हम इसपर जल्दी सुनवाई करेंगे। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए शुरू में उल्लेख किया गया था। हालांकि, बाद में लोकायुक्त के वकील को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करने के लिए कहा गया। जब वकील ने अनुरोध किया कि मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाए, तो CJI ने कहा कि चूंकि मुख्य न्यायाधीश की अदालत संविधान पीठ के मामले की सुनवाई कर रही है, इसलिए पीठ के लिए इसे सुनना संभव नहीं होगा।

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि आप जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने इस मामले का उल्लेख कर सकते हैं। उन्होंने कि हम एक संविधान पीठ के मामले की सुनवाई कर रहे हैं वरना हम इसे बोर्ड के अंत में ले लेते। वकील ने कहा कि मामले को दोपहर 2 बजे उठाया जा सकता है। इसके बाद CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि ठीक है। आप जस्टिस कौल के सामने उल्लेख करें। वकील तुरंत न्यायमूर्ति कौल की अध्यक्षता वाली अदालत पहुंचे और याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की।

न्यायमूर्ति कौल ने वकील से पूछा कि याचिका को सूचीबद्ध करने की क्या जरूरत है। वकील ने जवाब देते हुए कहा कि आरोपी मौजूदा विधायक है और उसके पास से बड़ी मात्रा में धन जब्त किया गया है। न्यायमूर्ति कौल ने तब निर्देश दिया कि मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाए और कहा कि उच्च न्यायालय ने पहले ही अपना दिमाग लगा दिया है।

बता दें कि बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखा अधिकारी और भाजपा विधायक के बेटे प्रशांत मदल को लोकायुक्त पुलिस ने 2 मार्च को केएसडीएल कार्यालय में अपने पिता की ओर से कथित रूप से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते समय गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने विधायक की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी।

संपत्ति का खुलासा

मदल विरुपक्षप्पा लगातार दो बार दावणगेरे जिले के चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने हलफनामे में 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था। 2013 के चुनावों में, उन्होंने 1.79 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी। कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में लोकायुक्त की ये कार्रवाई चर्चा विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि भाजपा विधायक के बेटे के खिलाफ हुई ये कार्रवाई चुनावी मुद्दा भी बन सकती है।

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