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सुपरटेक नहीं चुका सका 432 करोड़ का कर्ज, NCLT ने किया दिवालिया घोषित

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–  25 हजार घर खरीदार संकट में

नई दिल्ली। रियल एस्टेट सुपरटेक को 432 करोड़ रुपये की देनदारी से चूक जाने के बाद शुक्रवार को दिवालिया घोषित किया गया। इससे 25 हजार के करीब घर खरीदारों के सामने एक बार फिर संकट मंडरा रहा है। इस लोन चूक में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सुपरटेक इको विलेज 2 प्रोजेक्ट के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिया गया कर्ज शामिल है। इस परियोजना की लागत 1106.45 करोड़ रुपये है। दस्तावेजों से यह जानकारी सामने आई है। सुपरटेक के लिए एक साल के भीतर यह दूसरा झटका है। सुपरटेक को शुक्रवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा दिवालिया घोषित किया गया। इससे सुपरटेक के दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में करीब 25 हजार घर खरीदारों को फ्लैट मिलने को लेकर फिर गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

यूनियन बैंक की एक याचिका पर निर्णय़ देते हुए एनसीएलटी ने कहा, वित्तीय कर्ज के भुगतान में चूक हुई है, लिहाजा सुपरटेक के बोर्ड का नियंत्रण हितेश गोयल की अगुवाई में अंतरिम समाधान पेशेवर को सौंपा जाता है। एनसीएलटी ने कहा कि बैंक द्वारा पेश दस्तावेजों से स्पष्ट है कि बिल्डर अपनी देनदारी चुकाने में नाकाम रहा है। सुपरटेक को किसी भी प्रकार की संपत्ति के स्थानांतरण, नियंत्रण या निपटारे से भी रोक दिया गया है। सुपरटेक ने वर्ष 2013 में कई वित्तीय संस्थानों से संपर्क साधते हुए 350 करोड़ रुपये का कर्ज बैंकों के समूह से हासिल किया था।
इसमें से 150 करोड़ रुपये यूनियन बैंक ने दिया था. सुपरटेक लगातार ये कर्ज चुका पाने में विफल रहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के 40 मंजिला ट्विवन टावर को गिराने का आदेश 31 अगस्त 2021 को दिया था। यह नोएडा के एमरॉल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो निर्माणाधीन है। इस ट्विवन टावर के निर्माण में मानकों की धज्जियां उड़ाई गई थीं। हालांकि सुपरटेक ने दिवालिया घोषित करने के आदेश को एनसीएलएटी (NCLAT) में चुनौती देने का फैसला किया है।

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