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CBI की विशेष अदालत ने पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ किये आरोप तय

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नई दिल्ली। इलाहाबाद के बहुचर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में सपा के पूर्व सांसद अतीक अहमद के खिलाफ भी CBI की विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिया है। करीब 17 साल पुराने मामले में इस हत्याकांड मामले में अतीक के भाई व पूर्व विधायक अशरफ उर्फ खालिद अजीम समेत सात अभियुक्तों पर पहले ही आरोप तय हो चुका है। विशेष जज कविता मिश्र ने अतीक व अशरफ समेत सभी आठ अभियुक्तों पर आरोप तय होने के बाद अब CBI को अपना गवाह पेश करने का आदेश दिया है। अदालत ने इस मामले में अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने के लिए 3 नवंबर की तिथि तय की है। 

गुरुवार को विशेष अदालत के समक्ष अभियुक्त पूर्व सांसद अतीक अहमद को कड़ी सुरक्षा के बीच गुजरात की साबरमती जेल से लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत की न्यायाधीश कविता मिश्रा के समक्ष पेश किया गया।  करीब साढ़े 12 बजे पेश किए गए अभियुक्त अतीक को आरोप तय होने के बाद साढ़े चार बजे वापस भेज दिया गया। वहीं, मामले के दो अन्य अभियुक्तों अशरफ और फरहान को लखनऊ जिला जेल से लाया गया।  जमानत पर छूटे अभियुक्त रंजीत पाल, आबिद, इसरार अहमद और जुनैद भी अदालत में मौजूद थे। इन सभी अभियुक्तों पर हत्या करने, साजिश रचने और कत्ल की कोशिश करने के आरोप तय किए गए। सभी अभियुक्तों ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया। 

22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस बहुचर्चित हत्याकांड मामले की जांच CBI को सौंपी थी। CBI ने विवेचना के बाद अभियुक्तों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास व हत्या की साजिश रचना व IPC की अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था।

CBI ने विवेचना में पाया था कि चुनावी रंजिश के चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। अतीक अहमद इलाहाबाद पश्चिमी विधान सभा से सपा का विधायक हुआ करता था। वर्ष 2004 में वो बतौर सपा प्रत्याशी फुलपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुआ। उसके संसद  होने से इलाहाबाद पश्चिमी विधान सभा की सीट रिक्त हो गई। इस विधान सभा की सीट पर हुए उपचुनाव में BSP से राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराकर जीत हासिल की। इसी रंजिश में राजू पाल व दो अन्य की भी भीषण गोलीबारी में हत्या कर दी गई। इससे पहले इस हत्याकांड की जांच स्थानीय पुलिस व बाद में CBCID कर रही थी।

 

 

गौरतलब है कि 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी सीट से तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात में देवी पाल तथा संदीप यादव नामक दो अन्य लोग भी मारे गए थे, जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस बहुचर्चित हत्याकांड से ठीक 16 दिन पहले विधायक राजू पाल की पुजा पाल से शादी हुई थी। पुजा पाल ने थाना धुमनगंज में इस हत्या की FIR दर्ज कराते हुए अतीक व उसके भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम को नामजद किया था।

 

शुरुआत में इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस और अपराध शाखा, अपराध जांच विभाग (CBCID) ने की थी। बाद में 22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को CBI के सुपुर्द कर दिया था। CBI ने मामले की जांच के बाद 20 अगस्त, 2019 को अतीक और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। 

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