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मुजफ्फरपुर बालिका गृह से मुक्त कराई गई लड़कियों के बारे में SC ने स्‍टेटस रिपोर्ट मांगी

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नई दिल्‍ली। 2018 में बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बालिका गृह से 12  लड़कियों को मुक्त कराया गया था। मुक्त कराई गईं 12 लड़कियों को बिहार में अलग -अलग बालिका गृहों में रखा गया है। मुक्त कराई जाने के बाद अपने परिवार के पास पहुंचाई गई लड़कियों के कुशल-क्षेम के बारे में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक स्थिति रिपोर्ट मांगी है। बालिका गृह में यौन उत्पीड़न किये जाने के आरोप 2018 में सामने आये थे।  शीर्ष न्यायालय ने इस बात का भी जिक्र किया कि मुक्त कराई गईं 12 लड़कियों को बिहार में विभिन्न बालिका गृहों में रखा गया है। वे मानसिक रूप से अशक्त हैं और कुछ हद तक शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। 

CJI उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने प्राधिकार को इन लड़कियों को पूर्व में दिये गये मुआवजे के भुगतान की स्थिति से भी अवगत कराने को कहा। पीठ ने इस बात का जिक्र किया कि एक अन्य मुद्दा मुक्त कराई गई लड़कियों के कुशल-क्षेम के बारे में है, जिन्हें उनके परिवार से मिला दिया गया है। कोर्ट ने कहा, ‘‘हम संबद्ध राज्य के बाल सुरक्षा सोसाइटी को उसके द्वारा उठाये गये कदमों का विवरण और उक्त लड़कियों की मौजूदा स्थिति के बारे में उपयुक्त स्थिति रिपोर्ट भेजने का निर्देश देते हैं। ”शीर्ष न्यायालय ने विषय की अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद के लिए मुल्तवी कर दी।

 उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा संचालित बालिका गृह में कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था। यह विषय मई 2018 में प्रकाश में आया, जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने बिहार सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट में यह उजागर किया कि बालिका गृह में लड़कियों का कथित यौन उत्पीड़न किया गया है। शीर्ष न्यायालय ने मामले को बिहार से दिल्ली के साकेत जिला अदालत स्थित यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अदालत के पास भेज दिया था। निचली अदालत ने मामले में 19 लोगों को दोषी ठहराया था और विभिन्न अवधि की कैद की सजा सुनाई थी।  

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