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राहुल गांधी ने छोड़ा तुगलक लेन बंगला, अब रहेंगे मां सोनिया गांधी के घर

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 राहुल गांधी ने कहा, मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई है, मुद्दे उठाना जारी रखूंगा।  

नई दिल्ली।  मानहानि के एक मामले में दोषसिद्धि को लेकर लोकसभा की सदस्यता गंवाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लुटियंस दिल्ली में स्थित अपना सरकारी बंगला शनिवार को खाली कर दिया और अपनी मां सोनिया गांधी के आवास पर रहने चले गए। कांग्रेस ने कहा कि सरकार राहुल को एक आवास से निकाल सकती है, लेकिन वह करोड़ों भारतीयों के दिलों में बसते हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को 12, तुगलक लेन बंगला लोकसभा सचिवालय को सौंप दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को अपने आधिकारिक आवास से अपना सारा सामान ले गए थे। बाकी बचा सामान शनिवार को ले जाया गया। बंगला खाली करने के बाद राहुल ने कहा, “हिंदुस्तान के लोगों ने मुझे 19 साल तक यह घर दिया, मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। यह सच बोलने की कीमत है। मैं सच बोलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं।”

राहुल अपनी मां सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास पर फिलहाल रहने गए हैं। कर्नाटक के कोलार में, राहुल द्वारा 2019 में की गई ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणियों को लेकर मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था और दो साल की कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए गये थे। उन्होंने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ सत्र अदालत का रुख किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई।

राहुल गांधी ने कहा, “मैं कुछ समय तक 10 जनपथ (सोनिया गांधी के आवास) पर रहूंगा, मुद्दे उठाना जारी रखूंगा।” वहीं मौजूद राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “मेरे भाई जो कुछ भी कह रहे हैं वह सच है। उन्होंने उस सरकार के बारे में सच बोला जिसके लिए वह पीड़ित हैं। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में तुगलक लेन स्थित अपना सरकारी बंगला सौंपा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को “मोदी उपनाम” से संबंधित मामले में टिप्पणी को लेकर दो साल की सजा सुनाई गई थी। सासंद के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उनसे 22 अप्रैल तक परिसर खाली करने के लिए कहा गया था।  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने 14 अप्रैल को अपने ऑफिस और कुछ निजी सामान को बंगले से दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। राहुल करीब दो दशक से इस बंगले में रह रहे थे।

सूरत की एक अदालत ने 23 मार्च को गांधी को मानहानि का दोषी ठहराया था और उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद वह सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए गए थे। उन्होंने सूरत की सत्र अदालत में मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने सजा को रद्द करने की उनकी अपील को खारिज कर दिया था।

सूत्रों ने बताया कि राहुल, उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी वाद्रा आज सुबह बंगला पर आये। राहुल ने खाली किये गये आवास की चाभियां केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकारियों को सौंप दी। पार्टी ने कहा है कि सत्र अदालत के आदेश को अगले हफ्ते गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।  लोकसभा सचिवालय ने अयोग्य ठहराए जाने के अगले दिन राहुल गांधी को नोटिस भेजकर उनसे 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने को कहा था।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी ने कभी पद की चिंता नहीं की, ना ही कभी सरकारी आवास की चिंता की। उन्होंने कहा, ‘राहुल ने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।’ पार्टी के सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘लोकसभा सचिवालय के आदेश के चलते आज राहुल गांधी ने तुगलक लेन स्थित अपना आवास खाली कर दिया। अदालत ने अपील करने के लिए उन्हें 30 दिनों का समय दिया है और उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय अब भी उनकी संसद सदस्यता बहाल कर सकता है, लेकिन बंगला खाली करने के उनके कदम ने नियमों का उनके द्वारा सम्मान किये जाने को प्रदर्शित किया है।’

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