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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने घटते भूजल पर जताई चिंता

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-नारी शक्ति के बिना जलशक्ति की सफलता की उम्मीद नहीं

नई दिल्ली। नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को विज्ञान भवन में आयोजित जल शक्ति मंत्रालय के ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान जल शक्ति अभियान-कैच द रेन’ कार्यक्रम में देश में जल अभियान को सफल बनाने में योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस अभियान का आधार नारी शक्ति है और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना इस कार्यक्रम की सफलता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। 

कैच द रेन’ अभियान के नए चरण की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने घटते भूजल पर चिंता जताई। उन्होंने कहा ‘जल संकट होने की दशा में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ती है। खासकर पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में महिलाएं इस समस्या से जूझती हैं। परिवार के लिए पीने का पानी की व्यवस्था करने में उनका बहुत समय बर्बाद हो जाता है।’

जल शक्ति मंत्रालय के स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान जल शक्ति अभियान- कैच द रेन कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने मुर्मु उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया। समारोह में उन्होंने कहा कि देश में स्वच्छता अभियान और स्वच्छ पेयजल जैसी लोगों से जुड़ी देशव्यापी योजनाओं की सफलता में देश की महिला शक्ति की भूमिका अहम है। इस अभियान का आधार नारी है।

उन्होंने जोर देकर कहा ‘नारी शक्ति के बिना जलशक्ति की सफलता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। राष्ट्रपति ने कहा ‘देश में बड़े स्तर पर अनियोजित शहरीकरण से तालाब और झील जैसे जल स्त्रोत लुप्त हो रहे हैं। भूजल खत्म हो रहा है।’ भारत को पूर्ण स्वच्छ राष्ट्र बनाना सरकार के साथ पूरे देश का है। दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी वाले देश में मात्र चार प्रतिशत जल है। ऐसे में भी जल संरक्षण के पारंपरिक तरीके लुप्तप्राय हैं।

उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के साथ-साथ जल संरक्षण के पारंपरिक तरीकों को फिर से अपनाना मौजूदा समय की मांग है। सरकार के प्रयास से आज देश के 11 करोड़ से अधिक परिवारों को नल से जल मिलने लगा है। एक अध्ययन का हवाला देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण भारत में नल से जलापूर्ति होने से पांच वर्ष से कम आयु के करीब 1.36 लाख बच्चों की हर वर्ष जान बचाई जा सकती है।

राष्ट्रपति ने मुर्मु ने जल संक्रमण को एक गंभीर समस्या बताते हुए कहा कि इससे कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं। दूषित जल से जो समस्याएं पैदा होती हैं उससे कई तरह के संकट खड़े होते हैं। इसलिए जल संक्रमण से बचाव का एकमात्र तरीका घर-घर स्वच्छ जल उपलब्ध कराना है। राष्ट्रपति ने कहा ‘जल जीवन का आधार है और इसके बिना जीवन संभव नहीं है।’ हमारे धर्म ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है। यजुर्वेद में जल की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा गया है कि इस धरती पर जीवन प्रदान करने वाला रस जल ही तो है।’

कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण भारत ने जलशक्ति अभियान में असाधारण सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा मौजूदा अमृत काल जल के क्षेत्र में वास्तविक क्रांति का काल है। इससे जल-संरक्षण की अवधारणा मजबूत हुई है।

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