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योगी सरकार में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना फेल, 300 करोड़ रूपये का घोटाला

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वाराणसी ब्यूरो -कालिदास त्रिपाठी

– प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नाम पर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में कैशपार माइक्रो क्रेडिट कंपनी और उत्कर्ष कोरइवेस्ट लिमिटेड कंपनी पर  लगभग 300 करोड़ रूपये के घोटाले का है आरोप  

-मुकदमा दर्ज हुए 3 महीने हो चुके हैं। लेकिन वाराणसी पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। अभियुक्त पूरी तरह से पुलिस से सांठगांठ करके मामले को रफा-दफा करवाना चाहते हैं। 

वाराणसी। ‘प्रधानमंत्री मुद्रा लोन’ घोटाले की भेट चढ़ गया है। देश के लगभग सभी राज्यों से प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के क्रियान्वयन में घोटाले और धोखाधड़ी की रिपोर्ट है। घोटाले से जुड़ी खबरों को मीडिया से छूपाने की अधिकारीतंत्र ने भरपूर कोशिश की है। मध्य प्रदेश के इंदौर, राजस्थान के जयपुर के बाद उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रधानमंत्री मुद्रा लोन में घोटाले की रिपोर्ट है।

वाराणसी जिला अदालत के आदेश पर दो माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के विरुद्ध 300 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में न्यायालय के आदेश से कैंट थाने में दोनों कंपनियों के विरुद्ध अलग-अलग मुकदमा दर्ज किया गया है।

शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद क्षेत्र के अति बारा गांव के निवासी आरटीआई कार्यकर्ता पीसी पाठक ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि कैशपार माइक्रो क्रेडिट कंपनी ने 2015-16 से लेकर 2020 तक मुद्रा योजना के तहत 275 करोड रुपए के ऋण स्वीकृत करवाए थे इसी वर्ष 2016-17 में महावीर मंदिर अर्दली बाजार स्थित उत्कर्ष कोरइवेस्ट लिमिटेड कंपनी को 25 करोड़ रुपये लोन मुद्रा योजना के नाम पर दिए गए।

इस बारे में दोनों कंपनियों से जब सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो इन लोगों ने रुपए की लेनदेन के बारे में सूचना देने से मना कर दिया। इस संदर्भ में पीसी पाठक जिला शाहजहांपुर के सूचना व मानवाधिकार कार्यकर्ता ने माननीय जिला अदालत वाराणसी में एक अर्जी दाखिल की जिसके तहत दो मुकदमे दर्ज किए गए।

कंपनी के अधिकारीयों पर मुकदमा दर्ज हुए 3 महीने हो चुके हैं। लेकिन वाराणसी पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। अभियुक्त पूरी तरह से पुलिस से सांठगांठ करके मामले को रफा-दफा करवाना चाहते हैं। सूचना व मानवाधिकार कार्यकर्ता जल्द ही इस मामले को माननीय उच्च न्यायालय में ले जाने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में यह मुद्रा योजना के नाम पर 300 करोड़ रुपए की जो सार्वजनिक संपत्ति है उसका दुरुपयोग इन दो माइक्रो क्रेडिट कंपनी के द्वारा लगातार किया जा रहा है।

वादी मुकदमा का यह मानना है इस संदर्भ में सरकार को तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए नहीं तो, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग होता रहेगा। RTI कार्यकर्ता पीसी पाठक ने ‘द्रष्टा’ को बताया कि इन कंपनियों द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही है। उनकी जान-माल की सुरक्षा का दायित्व राज्य सरकार की है। आरोपियों को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए। लेकिन सरकार उनके हौसले बढ़ा रही है।

बहरहाल, सरकारी तंत्र अनपढ़, बेरोजगार और जरूरतमंदों की समस्याओं पर कभी गम्भीर नहीं दिखाई दे रही है। हजारों करोड़ के इस घोटाले में शामिल आरोपियों के हौसले बुलंद हैं।

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