Site icon Drashta News

भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी भीषण आग से गरमाई सियासत

DrashtaNews

-विपक्ष  ने पूछा सवाल , क्या आग लगी या लगाई गई है ?

-करीब 60 वर्ष पुरानी इस इमारत में फायर सेफ्टी के उपकरण नहीं लगे हैं। यदि यहां फायर अलार्म सिस्टम होता तो आग लगने की सूचना समय पर मिल जाती। इस इमारत का अभी तक फायर ऑडिट नहीं कराया गया। साथ ही NOC भी नहीं है। सात मंजिला इमारत में वाटर हाइड्रेंट तक नहीं लगा था। जिससे दमकलों को पानी की कमी का सामना भी करना पड़ा और आग बुझाने में देरी हुई।

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित राज्य निदेशालय (डायरेक्टोरेट), सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम चार बजे भीषण आग लग गई थी। आग लगने से करीब 25 करोड़ के फर्नीचर और जरूरी दस्तावेज जलकर राख हो गए। विपक्ष ने सरकारी फ़ाइलें जलाने का आरोप लगाते हुए स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की।

भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग पर क़रीब 14 घंटे बाद क़ाबू पा लिया गया है। सतपुड़ा भवन आग लगने के बाद विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने आग लगने की घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि आग में क़रीब 12,000 सरकारी फ़ाइलें ख़ाक हो गई हैं।

सतपुड़ा भवन मंत्रालय भवन के दाहिनी ओर अरेरा पहाड़ियों पर स्थित है। साल 1982 में इसे करीब साढ़े चार करोड़ की लागत से बनाया गया था। इस इमारत में बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर समेत कुल छह फ्लोर हैं। इस भवन में 20 विभागों के कार्यालय हैं। इसके अलावा, कर्मचारियों के लिए, कैंटीन, बैंक, टेलीफोन एक्सचेंज, डाकघर की भी सुविधा है।

कैसे लगी आग?

शुरुआती जानकारी के मुताबिक ये सतपुड़ा भवन की तीसरी मंज़िल पर एसी में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी।   सतपुड़ा भवन में रोजाना की तरह सोमवार को भी सामान्य तौर पर कामकाज हो रहा था। दोपहर के चार बज चुके थे और छुट्टी का वक्त होने वाला था। इसी दौरान सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल पर अचानक आग लग गई। इस मंजिल पर अनुसूचित जन‍जाति क्षेत्रीय विकास योजना का कार्यालय है। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और ये छठी मंजिल तक पहुंच गई। दमकल विभाग, SDRF की टीम की मदद से आग बुझाई गई। आग बुझाने के लिए CISF, एयरपोर्ट अथॉरिटी की भी मदद ली गई। सतपुड़ा भवन की तीसरी मंज़िल आदिम जाति कल्याण विभाग है। आग लगने के बाद मुख्यमंत्री ने जांच के लिए 4 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। ये कमेटी जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपेगी।

आग बुझाने में वायुसेना की ली गई मदद

बताया जा रहा है कि आग इतनी भीषण थी कि दमकल की 50 गाड़ियां मौके पर मौजूद थी। साथ ही देर रात आग पर काबू पाने के लिए वायुसेना भी भोपाल पहुंची थी। मंगलवार सुबह 7.30 बजे आग पर काबू पाया गया।

सतपुड़ा भवन में पहले भी लग चुकी है आग

सतपुड़ा भवन में ये आग लगने की पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी सतपुड़ा भवन में दो बार आग लग चुकी है। हालांकि, इसे संयोग कहेंगे या कुछ और… आग से जुड़ी पिछली दो घटनाएं चुनाव के आसपास की है। 12 जून को भी जो आग लगी वो विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले ली। गौरतलब है कि 2012 में यहां पहली बार आग लगी थी। अगले साल विधानसभा चुनाव होने थे। 2018 में ठीक विधानसभा चुनाव के बाद इस इमारत में आग लग गई।

लापरवाही आई सामने

आग लगने की ठोस वजह का तो पता नहीं चल सका है, लेकिन इसके पीछे सरकारी तंत्र की लापरवाही बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, करीब 60 वर्ष पुरानी इस इमारत में फायर सेफ्टी के उपकरण नहीं लगे हैं। यदि यहां फायर अलार्म सिस्टम होता तो आग लगने की सूचना समय पर मिल जाती। इस इमारत का अभी तक फायर ऑडिट नहीं कराया गया। साथ ही एनओसी भी नहीं है। सात मंजिला इमारत में वाटर हाइड्रेंट तक नहीं लगा था। जिससे दमकलों को पानी की कमी का सामना भी करना पड़ा और आग बुझाने में देरी हुई।

ये क्या आग लगी या लगाई गई है?

भोपाल के सतपुड़ा भवन में आग लगने की घटना पर राजनीति तेज हो गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने इसे भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया है।  विपक्ष ने कहा कि ये एक और भ्रष्टाचार का उद्हारण है, ये क्या आग लगी या लगाई गई है? ऐसे में सवाल ये है कि अभी तक बोला है कि 12 हजार, पता नहीं कितने हजारों फाइलें जली है। इसका उसका क्या लक्ष्य था। ये एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है। इसमें पूरी जांच हो रही है, स्वतंत्र एजेंसी से जांच होनी चाहिए।

इधर इस मसले पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक समीक्षा बैठक भी की है। राज्य सरकार का कहना है कि सभी फाइलें हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव में सुरक्षित हैं, थोड़ी मेहनत लगेगी लेकिन सभी मिल जाएंगी।  मुख्यमंत्री ने जांच के लिए 4 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कई स्थान पर हार्ड डिस्क में पेन ड्राइव में, चीपों के अंदर फाइल रखी हैं। मेहनत लगेगी पर सभी क्रियेट हो जाएंगी। इस मामले की उच्च सतरीय जांच की जाएगी। 3 दिन के अंदर इस मामले की रिपोर्ट आ जाएगी।

Exit mobile version