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राजनीतिक दलों को बताना होगा, आपराधिक रिकॉर्ड वाले नेता को क्यों दिया टिकट?

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-जनता को होगी अपने प्रत्याशी की पूरी जानकारी

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में इस बार चुनाव आयोग की ओर से कई नवाचार देखने मिलेंगे। चुनाव आयोग ने एमपी इलेक्शन के लिए तैयारी लगभग पूरी कर ली हैं। अब राजनीतिक दल अगर आपराधिक रिकॉर्ड वाले किसी शख्स को उम्मीदवार बनाते हैं तो उन्हें यह जानकारी सार्वजनिक करनी होगी कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। आपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवार को भी टीवी न्यूज़ चैनल और अखबारों के माध्यम से अपना ब्यौरा जनता के बीच रखना होगा। पहली बार फॉर्म 12 डी के तहत बुजुर्ग और दिव्यांग उम्मीदवारों को घर से मतदान करने की सुविधा मिलेगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भोपाल में हैं। उन्होंने  एमपी में चुनावी तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि हम पूर्ण तरह से निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध हैं। सबको प्रेरित कर वोटिंग के लिए लेकर आएं यह प्रयास है। एमपी में चुनाव के लिए सेंट्रल स्टेट की एजेंसी, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, कलेक्टर, एसपी, पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की है। राजनीतिक दलों की मांग है कि परिवार का मतदान केंद्र एक ही हो। चुनाव में गड़बड़ी न हो. संवेदनशील मतदान केंद्रों पर पैरा मिलेट्री फोर्स लगे। वेबकास्टिंग हो। मतदान के पहले ट्रायल हो, धनबल, बाहुबल को रोका जाए. शराब वितरण रोका जाए, फेक न्यूज़ न फैले। बीएलओ-बीएलए का बेहतर समन्वय हो।

चुनाव आयोग ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। इसमें एक बड़ा कदम यह भी है कि इन चुनावों में उम्मीदवार को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी देनी होगी। साथ ही राजनैतिक दलों को भी बताना होगा क्यों  क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले प्रत्याशी को टिकिट दिया गया।

4 अक्टूबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन

मध्य प्रदेश की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 4 अक्टूबर को होगा. जिन लोगों को अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाना है उनके पास अभी समय है। राजीव कुमार ने बताया कि 18.86 लाख मतादाता पहली बार वोट करने वाले हैं। महिलाओं का मतदान में योगदान बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं. आदिवासियों को मतदान प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है।

-इस बार प्रदेश के 50 फीसदी से ज्यादा मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी।

-5 हजार मतदान केंद्र पूरी तरह से महिलाओं  के जिम्मे होंगे।

-15 हजार मॉडल मतदान केंद्र बनाये जाएंगे।

-मतदाता के घर से 2 किलोमीटर के अंदर मतदान केंद्र होगा।

-हर पोलिंग स्टेशन पर बिजली, पानी, टॉयलेट, हेल्प डेस्क जैसी व्यवस्था होगी।

वरिष्ठ नागरिक घर बैठे कर सकेंगे मतदान

चुनाव आयुक्त ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्ति इस बार से घर बैठे मतदान कर सकेंगे। इनके लिए फॉर्म 12 डी की सुविधा होगी। चुनाव आयोग की टीम इनसे मतदान कराएगी। वीडियोग्राफी भी होगी और इसकी सूचना राजनीतिक दलों को दी जाएगी। मतदान केंद्र पर भी सक्षम ऐप के माध्यम से दिव्यांग विभिन्न सुविधाओं की बुकिंग कर सकेंगे।

चुनाव के दौरान बंटने वाली शराब, पैसा, संबंधित शिकायत अब जनता CVIGIL एप्लिकेशन से टेक्स्ट, फोटो के माध्यम से कर  सकेगी। इसके बाद 100 मिनट के अंदर आयोग की टीम पहुंचकर कार्रवाई करेगी। चुनाव से सम्बंधित कोई भी शिकायत नागरिक कर सकेंगे। वोटर हेल्पलाइन ऐप के जरिये केंडिडेट और पार्टी  चुनावी रैली, कार्यक्रम से संबंधित परमिशन भी ले सकेंगे।

पूर्ण निष्पक्ष चुनाव

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव हमारी प्राथमिकता है।

-राज्य की सीमाओं पर पुलिस और आरटीओ के चेकपोस्ट बनाये जाएंगे।

-अवैध हथियारों के खिलाफ जल्द बड़ी कार्रवाई  की जाएगी।

-एटीएम केश , बैंक केश मूविंग व्हीकल का दुरुपयोग न हो इसका ध्यान रखा जाएगा।

– ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस पर भी नजर रखी जाएगी।

– कर्मचारी पोस्टल बैलेट घर ले जाकर वोट नहीं करेंगे, केंद्र पर उन्हें मतदान करना होगा।

– सोशल मीडिया पर भी चुनाव आयोग की पैनी नजर रहेगी।

– अधिकारियों के ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार होंगे।

6 महीने पहले हो जाती है पूरी तैयारी

एक देश एक चुनाव पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा चुनाव आयोग का काम समय से चुनाव कराना है। नियम कहते हैं कि लोकसभा और विधानसभा में कार्यकाल के पाँच साल पूरे होने चाहिये और ये कार्यकाल ख़त्म होने के 6 महीने पहले नये कार्यकाल की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। हम नियमों से बंधे हैं। आगे भी वैसा ही होगा।

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