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ओम बिरला लगातार दूसरी बार बने लोकसभा के अध्यक्ष,नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दी बधाई

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नई दिल्ली ( एजेंसी )। ओम बिरला 26 जून बुधवार  को लगातार दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 10 साल बाद राहुल गांधी को नेता विपक्ष की मान्यता दी। राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष का दर्जा 9 जून, 2024 से प्रभावी रहेगा।  कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 25 जून मंगलवार को विपक्ष का नेता बनाया गया था। पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उनके नाम की घोषणा की थी।

18 वीं लोकसभा के विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को भाजपा के ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में फिर से चुने जाने पर बधाई दी।

अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि हमें विश्वास है कि विपक्ष को बोलने की अनुमति देकर, हमें भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देकर, आप भारत के संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएंगे। मैं एक बार फिर आपको और सदन के सभी सदस्यों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने चुनाव जीता है।

गांधी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष जनता की आवाज का अंतिम निर्णायक होता है और इस बार विपक्ष 17वीं लोकसभा की तुलना में उस आवाज का अधिक प्रतिनिधित्व करता है।

विपक्ष ने सदन में किया जनता की आवाज का प्रतिनिधित्व

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, मैं आपको दूसरी बार निर्वाचित होने के लिए बधाई देना चाहता हूं। मैं आपको पूरे विपक्ष और भारत गठबंधन की ओर से बधाई देना चाहता हूं। यह सदन भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज के अंतिम निर्णायक हैं।

सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष ने पिछली बार की तुलना में भारतीय लोगों की आवाज का काफी अधिक प्रतिनिधित्व किया है। विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा। हम चाहते हैं कि सदन अक्सर और अच्छी तरह से काम करे। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सहयोग विश्वास के आधार पर हो। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विपक्ष की आवाज को इस सदन में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी जाए।

विपक्ष की आवाज दबाकर सदन नहीं चल सकता

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आगे कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि आप हमें अपनी आवाज उठाने देंगे, हमें बोलने देंगे, हमें भारत के लोगों की आवाज उठाने देंगे। सवाल यह नहीं है कि सदन कितनी कुशलता से चलता है। सवाल यह है कि इस सदन में भारत की कितनी आवाज सुनी जा रही है। विपक्ष की आवाज को दबाकर आप सदन को कुशलता से चला सकते हैं, यह विचार एक गैर-लोकतांत्रिक विचार है। इस चुनाव ने दिखा दिया है कि भारत के लोग विपक्ष से इस देश के संविधान, संविधान की रक्षा करने की उम्मीद करते हैं।

ध्वनिमत से ओम बिरला चुने गए लोकसभा अध्यक्ष

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और कोटा से सांसद ओम बिरला को 18वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुना गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा समर्थन दिए जाने के बाद सदन ने ध्वनिमत से प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

सदन में ‘हां’ और ‘ना’ के स्वर गूंजे और प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने ओम बिरला को निचले सदन का अध्यक्ष घोषित कर दिया। विपक्ष ने के सुरेश को इंडिया ब्लॉक के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी बिरला को शुभकामनाएं दीं और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके साथ आसन तक गए। इस दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे।

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