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NIA ने कोयंबटूर ब्लास्ट केस में की दो राज्यों में 45 जगहों पर छापेमारी

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नई दिल्ली। तमिलनाडु  के कोयंबटूर में पिछले दिनों हुए कार धमाका मामले को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) छापेमारी कर रही है। पूरे राज्य के 45 ठिकानों पर जांच एजेंसी की छापेमारी हो रही है। इसमें 20 जगहों पर कोयंबटूर में हो रही छापेमारी शामिल है। पहले इस मामले को पुलिस देख रही थी लेकिन अब इसे NIA हैंडल कर रही है। 

यह छापेमारी 23 अक्टूबर को कोयंबटूर में हुए धमाकों के सिलसिले की गई है। इस धमाके के दौरान आरोपी हमलावर मारा गया था। हमलावर एक कार में सवार होकर कोट्टाई ईश्वरन मंदिर के सामने जा रहा था। इसी दौरान कार में धमाका हो गया था। जानकारी के मुताबिक, मामले में पुलिस भी जांच एजेंसी का सहयोग कर रही है।  

जिन 43 जगहों पर छापेमारी की गई है, वह जगहें तमिलनाडु के आठ जिलों- चेन्नई, कोयंबटूर, थिरुवल्लूर, थिरुप्पुर, नीलगिरीज, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम कोट्टैमेडु, पोनविझा नगर, नागापट्टिनम ,रथीनापुरी में छापा मारा, वहीं  NIAने, चेन्नई में पुडुपेट, मन्नादी, जमालिया और पेरंबूर में छापेमारी की और केरल का एक जिला पलक्कड़ है। वॉशरमैनपेट के डिप्टी कमिश्नर पवन कुमार रेड्डी के नेतृत्व में चेन्नई के ओट्टेरी स्थित सलाउद्दीन हाउस में छापा मारा गया। वहीं, एमकेबी नगर के सगुबार सादिक हाउस और उत्तर मरक्कायर स्ट्रीट में भी रेड डाली गई।  

23 अक्टूबर को कोयंबटूर के उड़क्कम इलाके में कोट्टई ईश्वरन मंदिर के पास एक कार में धमाका हुआ था, जिसमें 29 वर्षीय इंजीनियरिंग स्नातक जमेशा मुबीन की मौत हो गई थी। मृतक मुबीन इस मामले में मुख्य आरोपी है। पुलिस के मुताबिक, 2019 में कथित आतंकी लिंक को लेकर NIA ने मुबीन से पूछताछ की थी। 

कोयंबटूर की घटना को लेकर बताया गया था कि कार में सिलेंडर फटने से धमाका हुआ। तमिलनाडु सरकार ने आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच करने वाली एजेंसी NIA को केस सौंपने का फैसला किया था। इसके बाद 30 अक्टूबर को NIA ने आधिकारिक तौर पर मामले की जांच शुरू कर दी थी। मामले में NIA  ने मंदिर के पुजारी सुंदरेशन से भी पूछताछ की थी।  

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस जब केस को हैंडल कर रही थी तब मुबीन के घर से चार डायरियां मिली थीं, जिनमें अन्य धर्मों के देवताओं के नाम, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, हिजाब विवाद और मुसलमानों को दूसरी श्रेणी का नागरिक बताने जैसी बातें लिखी गई हैं। मुबीन के घर से हरे रंग की फ्रेम वाली एक स्लेट मिलने का भी जिक्र किया गया, जिस पर ISIS का निशान बने होने का दावा किया गया।  

NIA ने इस बारे में बयान भी जारी किया है। इसमें बताया गया है कि शुरुआती जांच के मुताबिक आरोपी जमेशा मुबीन ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और सीरिया में शपथ ली थी। वह धर्म व समुदाय विशेष के निशानों और इमारतों को सुसाइड अटैक से उड़ाना चाहता था। इसके जिए वह समुदाय विशेष के मन में डर पैदा करना चाहता था। गृह मंत्रालय ने 27 अक्टूबर को इस संघीय एजेंसी को मामले की जांच सौंपी थी। NIA के मुताबिक गुरुवार को तलाशी के दौरान संदिग्ध के आवास से डिजिटल डिवाइसेस और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। अभी तक मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक आरोपियों ने मारे गए जामेशा मुबीन के साथ मिलकर विभिन्न केमिकल्स और अन्य वस्तुओं से IED विस्फोटक तैयार किया था। इन सभी ने एक व्हीकल पर लगने वाला आईडी भी तैयार किया था। आरोपियों ने इसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से खरीदा था और खतरनाक आतंकी गतिविधि को अंजाम देना चाहते थे।

एजेंसियों को संदेह है कि यह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश थी। इसकी वजह यह है कि धमाके में मारा गया मुबीन और गिरफ्तार छह अन्य लोग मोहम्मद अजहरुद्दीन के संपर्क में थे। अजहरुद्दीन फिलहाल ISIS के साथ लिंक और 2019 में श्रीलंका में ईस्टर संडे पर हुई बमबारी की घटना में जेल में बंद है।

धमाका जिस इलाके में हुआ वह सांपद्रायिक तौर पर संवेदनशील माना जाता है। पुलिस ने उड़क्कम स्थित मुबीन के घर से विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बरामद होने का दावा किया था। स्थानीय पुलिस ने 75 किलो पोटैशियम नाइट्रेट, चारकोल, सल्फर और एल्यूमिनियम पॉवडर ने बरामद किया है। पुलिस को यह सबकुछ उकड्डम में मुबीन के घर से मिला था, बताया गया कि इस सामग्री का इस्तेमाल देसी बम बनाने में होता है। पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत छह लोगों को गिरफ्तार किया था।  

गिरफ्तार किए गए लोग मुबीन की सहयोगी बताए जा रहे हैं। इनमें 25 वर्षीय मोहम्मद थाल्का, 25 वर्षीय मोहम्मद असरुदीन, 27 वर्षीय मोहम्मद रियाज, 27 वर्षीय फिरोज इस्माइल, 27 वर्षीय मोहम्मद नवाज इस्माइल और मृतक का रिश्तेदार अफसर खान शामिल है। अफसर खान मृतक का चचेरा भाई है और उसे धमाके से दो दिन पहले विशेष जांच दल ने गिरफ्तार किया था। 

2018-19 में आया था कनेक्शन

NIA ने 2018-19 में कोयंबटूर में ISIS मॉड्यूल की जांच की थी, इसे मोहम्मद अजहरुद्दीन ही हेड कर रहा था। जांच में सामने आया था कि अजहरुद्दीन एक अन्य सहयोगी शेख हिदायतुल्लाह के साथ मौलवी जहरान बिन हाशिम के संपर्क में था। हाशिम ही वह शख्स है जो 21 अप्रैल 2019 में श्रीलंका में हुए धमाकों का मास्टरमाइंड है। उस वक्त पता चला था कि अजहरुद्दीन और हिदायतुल्लाह हाशिम के साथ मिलकर केरल और तमिलनाडु में उसी तरह के धमाकों को अंजाम देने की फिराक में थे।

हाशिम और श्रीलंकन बॉम्बर मोहम्मद अजान ने इस्लामिक स्टेट का प्लान डिस्कस करने के लिए 2017 और 2018 में भारत की यात्रा भी की थी। NIA की जांच के आधार पर भारतीय एजेंसियों ने श्रीलंका में बड़े हमले को लेकर श्रीलंकाई सुरक्षा एजेंसियों को तीन अलर्ट भेजे थे। श्रीलंका में हुए धमाके में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके बाद 30 मई को एनआई ने स्वत: संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु के कोयंबटूर में छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

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