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चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बने नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

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नई दिल्ली (एजेंसी)।  मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर दिसंबर में संशोधित कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में मांग की गई है कि संसद द्वारा पास किए गए संशोधन को रद्द किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक तटस्थ और स्वतंत्र चयन समिति की गठन करने की बात कही गई।

केंद्र सरकार ने नया कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में  कहा गया है कि देश में चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पैनल में मुख्य न्यायाधीश  को शामिल किए जाएं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पैनल में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस शामिल होंगे, जब तक कि कोई कानून ना लाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने नया कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया।

जनहित याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त और  इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति के लिए केंद्र द्वारा 28 दिसंबर, 2023 को जारी राजपत्र को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है। वहीं, याचिका में यह भी कहा गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन समिति में भारत के मुख्य न्यायाधीश को शामिल किया जाए। संशोधित कानून के मुताबिक, सीजेआई (CJI) को सलेक्शन पैनल से हटा दिया गया और इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री कर दिया गया।

अधिवक्ता गोपाल सिंह ने यह याचिका दायर की है।

21 दिसंबर को लोकसभा ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और सेवा शर्तों को विनियमित करने के लिए एक विधेयक पारित किया। कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि यह कानून सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद लाया गया है। इसके बाद 28 दिसंबर को राष्ट्रपति ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी थी। बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े कानून में संशोधन को लेकर ये याचिका वकील गोपाल सिंह ने दाखिल की है।

गौरतलब है कि संसोधित कानून में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को सलेक्शन पैनल से हटा दिया गया और इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री कर दिया गया।

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