Drashta News

पहलवानों के समर्थन में नक्सली और 1983 की वर्ल्ड चैम्पियन क्रिकेट टीम एक साथ

DrashtaNews

देश को सम्मान दिलाने वाली बेटियों को अपमानित किया गया

दिल्ली /कांकेर, तोपचंद। दिल्ली में चल रहे पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में छत्तीसगढ़ के नक्सली भी अब आ गए हैं। उन्होंने कांकेर में बैनर लगाकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। नक्सलियों ने लिखा है कि महिला पहलवानों के साथ दुर्व्यवहार हुआ, उन्हें सड़क पर घसीटा गया, लेकिन उन्होंने तिरंगा नहीं झुकने दिया। फिलहाल सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस और जवानों ने बैनर उतार लिए हैं। इसके साथ ही इलाके में सर्चिंग की जा रही है। इससे पहले नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर अपना समर्थन दिया था।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का ढोंग बंद करें

जानकारी के मुताबिक, जिले के बांदे क्षेत्र के छोटे बेटिया मार्ग पर बैनर लगाए। नक्सलियों की महिला संगठन की ओर से लगाए गए बैनर पर लिखा गया है कि, देश का नाम रोशन करने वाले पहलवानों को जिस तरह से घसीटा गया। उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, यह निंदनीय है,

इससे पहले नक्सलियों के दंडकारण्य कमेटी की प्रवक्ता और खूंखार नक्सली रामको ने हाल ही में महिला पहलवानों के समर्थन में एक प्रेस नोट भी जारी किया था। इसमें रामको ने कहा था कि, इंसाफ की गुहार लगाने वाली हमारी बच्चियों के साथ ही नाइंसाफी हुई है। देश को सम्मान दिलाने वाली बहनों को राजधानी दिल्ली की सड़कों पर अपमानित किया गया है। इनके साथ हुए इस दुर्व्यवहार से महिला विरोधी और दमनकारियों का चेहरा सामने आया है।

इन बैनर में BJP सांसद बृजभूषण सिंह कि गिरफ्तारी की मांग की गई हैं। बैनर में मोदी सरकार के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ नारे को ढोंग बताया गया। लेकिन हमारी बहनों ने तिरंगा झुकने नहीं दिया। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का ढोंग बंद करें। साथ ही यह भी लिखा है कि लोकतंत्र के प्रेमी इस आंदोलन को अपना समर्थन दें। बैनर नक्सलियों की परतापुर एरिया कमेटी के नाम से बांधा गया है।

1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली क्रिकेट टीम ने किया रेसलर्स का समर्थन वर्ष 1983 का वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों का समर्थन किया है। कपिल देव की अगुवाई वाली टीम में शामिल सुनील गावस्कर, रोजर बिन्नी, दिलीप वेंगसरकर और मदनलाल समेत कई खिलाड़ियों ने जाइंट स्टेटमेंट में लिखा- ‘हम पहलवानों के साथ हो रही बदतमीजी से व्यथित हैं। हमें चिंता इस बात की है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को गंगा नदी में बहाने की सोच रहे हैं। वे मेडल न केवल उनके अपने हैं बल्कि देश का भी गौरव है। हम आग्रह करते हैं कि पहलवान जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतों को सुनकर जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा।’

गौरतलब है कि कपिल देव की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने 25 जून 1983 को इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान में खेले गए फाइनल में यादगार प्रदर्शन करते हुए क्लाइव लॉयड के नेतृत्व वाली वेस्टइंडीज को हराकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था।

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के विवाद में कुरुक्षेत्र में किसान और खाप संगठनों की महापंचायत हुई। इस दौरान खाप और किसान प्रतिनिधियों में विवाद हो गया। खाप नेताओं का कहना था कि पहलवानों के अलावा किसानों के मुद्दे भी पेंडिंग हैं, उन पर भी बातचीत होनी चाहिए। राकेश टिकैत ने कहा- सरकार को बृजभूषण पर कार्रवाई के लिए 9 जून तक का समय दिया गया है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसके बाद पूरे देश में खाप महापंचायत करेंगे।

Exit mobile version