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मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता है – राहुल गांधी

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 अदाणी मुद्दे से ध्यान भटका रही बीजेपी,भाजपा का बिल्ला अपने सीने पर लगा लीजिए

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी संसद सदस्यता रद्द किये जाने के अगले दिन केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर जमकर बरसे। मानहानि मामले में लोकसभा की सदस्यता गंवाने के बाद भाजपा के ओबीसी के अपमान की सियासी आरोपों की बौछारों का सामना कर रहे राहुल गांधी का सब्र इस सवाल को बार-बार दुहराए जाने के बाद टूट गया और यह सवाल पूछने वाले एक पत्रकार को उन्होंने सीने पर भाजपा का बिल्ला लगाकर आने की खरी-खोटी सुना दी। उन्होंने कहा, मुझे जेल में डाल दिया जाए या मारा-पीटा जाए लेकिन मैं सरकार से नहीं डरुंगा। उन्होंने कहा मैं पीएम मोदी और उद्योगपति अडानी के साथ उनके संबंध को लेकर लगातार सवाल पूछता रहुंगा।

कांग्रेस मुख्यालय में उनकी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मानहानि के मामले को उनके द्वारा ओबीसी का अपमान करने के भाजपा के आरोपों पर दो पत्रकारों ने अलग-अलग सवाल पूछा लिया था। राहुल गांधी ने दोनों सवालों का जवाब देते हुए सरकार-भाजपा पर अदाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने का जवाबी आरोप लगाकर इसे खारिज कर दिया। भाजपा के आरोपों की नैरेटिव को मीडिया में दी जा रही प्रमुखता को भांप रहे राहुल से एक न्यूज चैनल के पत्रकार ने जब तीसरी बार यही सवाल पूछा तब राहुल ने इस पत्रकार को खरी-खरी सुना डाली। उन्होंने कहा ‘देखिए आप का पहला अटेंप्ट इधर से आया, दूसरा इधर से और तीसरा प्रयास यहां से आया।

आप इतनी डायरेक्टली बीजेपी के लिए काम क्यों कर रहे हो? थोड़ा गुपचुप तरीके से करो यार। थोड़ा घूम-घूमा फिरा कर पूछो। देखो मुस्कुरा रहे हैं। प्लीज अगर आप भाजपा के लिए काम करना चाहते हैं तो भाजपा का बिल्ला अपने सीने पर लगा लीजिए। तब में जिस तरह से जवाब देता हूं उसी तरीके से जवाब दूंगा। फिर आप पत्रकार होने का दिखावा मत करिए।

राहुल गांधी ने कहा, देश में लोकतंत्र को खत्म करने के रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं। मैंने संसद में स्पीकर को सबूत देकर पूछा, अडानी के पास 20 हजार करोड़ रुपये कहां से आए और बस इसी बात पर इन्होंने मेरी संसद सदस्यता रद्द करवा दी।  राहुल गांधी ने पूछा अडानी के पास 20 हजार करोड़ रुपये कहां से आए और प्रधानमंत्री के साथ उनका क्या रिश्ता है? राहुल ने दावा किया, अडानी को ये पैसे एक चीनी व्यापारी ने दिए हैं। अडानी के पास राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई अहम प्रोजेक्ट हैं, इसलिए मुझे देश की सुरक्षा को लेकर भय है।

राहुल ने आरोप लगाया, स्पीकर ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा मैंने स्पीकर को चिट्ठी लिख कर बताया कि अडानी को एयरपोर्ट नियम बदल कर दिए गये हैं। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। मैंने उनको बदले हुए नियमों की एक कॉपी भी भेजी। राहुल ने कहा, मैंने लंदन में जाकर ऐसी कोई भी बात नहीं की जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचता है। मैंने विदेशी ताकतों से किसी भी तरह की मदद नहीं मांगी।  बावजूद इसके केंद्रीय मंत्रियों ने सदन में मुझको लेकर झूठ बोला ताकि अडानी के मुद्दे से ध्यान भटकाया जा सके।

लंदन से लौटने के बाद मैंने स्पीकर चिट्ठी लिखकर कहा, मुझे मेरे ऊपर लगे आरोपों का जवाब संसद में देने के लिए अनुमति दी जाए. लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. मैंने स्पीकर से पूछा  मुझे संसद में क्यों नहीं बोलने दे रहे हैं, तो वह मुस्कुराए और कहा, मैं यह नहीं करने दे सकता,आइए चाय पीते हैं।  राहुल गांधी ने कहा, मैं अडानी पर सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। मैं सरकार से नहीं डरेंगे। मैं इन आरोपों, अदालतों और सजाओं से नहीं डरता, वो जो चाहें कर लें लेकिन मेरा उनसे सवाल पूछना जारी रहेगा।

आज के हिंदुस्तान में राजनीतिक पार्टियों को प्रेस से जो सपोर्ट मिलती थी वह अब नहीं मिलती है, लेकिन हम प्रेस के बिना भी जनता के बीच में जाएंगे। मेरी पोजीशन साफ है। यह ओबीसी के अपमान से जुड़ा मामला नहीं है, हम लगातार अडानी और मोदी के रिश्ते के बीच सवाल पूछते रहेंगे।  मुझे इस देश ने सब कुछ दिया है। उन्होंने मुझको इज्जत, प्यार और सम्मान दिया है इसलिए मैं अंत तक सिर्फ उनके ही हित की बात करुंगा। मैं देश को धोखा नहीं दे सकता हूं। मैं मेरी लोकसभा क्षेत्र वायनाड के लोगों को पत्र लिखूंगा। वह मेरे परिवार जैसे हैं।

राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मुझसे डरते हैं, मैंने उनकी आंखों में मेरा डर देखा है। वह नहीं चाहते हैं कि मेरा अडानी के ऊपर अगला भाषण संसद में हो इसलिए उन्होंने पहले ध्यान भटकाया और फिर मुझे डिसक्वालीफाई कर दिया। एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, क्या मैं आपको घबराया हुआ लगता हूं। मुझे मजा आ रहा है। इन लोगों ने मुझे सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है। मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है, और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता है। मुझे डिसक्वालीफाई करने के बाद उन्होंने मुझे संकेत दे दिया है, लोकतंत्र खत्म हो चुका है।

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