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उद्योगों के लिए कौशल विकास मंत्रालय ने बनाया नया ट्रेनिंग कोर्स, खत्म होगा कुशल कामगारों का संकट

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नई दिल्ली। नौकरी की तलाश करने वाले नौजवानों के लिए  देशभर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) का डिजिटाइजेशन कर डिजिटल स्किल डेवलपमेंट की दिशा में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने प्रयास तेज कर दिए हैं। क्राफ्टमेन ट्रेनिंह स्कीम के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) ने नेशनल इंस्ट्रक्शनल मीडिया इंस्टीट्यूट के साथ आइटीआइ की छह ट्रेडों के लिए डिजिटल वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग कोर्स तैयार किया है।

उद्योगों की जरूरत के अनुसार तैयार किए गए यह पाठ्यक्रम न सिर्फ युवाओं को रोजगार दिलाने में सहायक होंगे, बल्कि उद्योगों के सामने कुशल कामगारों का संकट भी खत्म होता जाएगा। अब तक यह कई अध्ययनों में सामने आ चुका है कि दुनिया भर में कुशल कामगारों का संकट बढ़ रहा है। विदेशों में खास तौर पर बढ़ रही इस समस्या को देखते हुए ही भारत सरकार ने यहां कौशल विकास पर मिशन मोड पर काम शुरू कर दिया है।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने इस चुनौती से निपटने के लिए देशभर में फैले आइटीआइ नेटवर्क को मजबूत करना शुरू कर दिया है। प्रशिक्षण की प्रक्रिया को तेज और सर्वसुलभ बनाने के लिए डिजिटल माध्यम से कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया है।

मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि डीजीटी ने एनआइएमआइ के साथ मिलकर डिजिटल वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग कोर्स तैयार किया है। यह देशभर के आइटीआइ छात्रों के लिए है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में छह ट्रेड इलेक्ट्रिशियन, फिटर, कम्प्यूटर आपरेटर, प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, डीजल मैकेनिक और कास्मेटोलाजी को शामिल किया गया है। यह पाठ्यक्रम भारत स्किल्स पोर्टल और मोबाइल एप पर भी उपलब्ध होंगे। प्रशिक्षुओं को आनलाइन कंटेंट मिलेगा और वह जब चाहें इनके माध्यम से मॉक टेस्ट देकर अपनी क्षमता का आकलन भी कर सकते हैं।

सचिव ने बताया कि मंत्रालय ने उद्योगों के साथ भी समन्वय बनाया है, ताकि उनकी आवश्यकता के अनुसार मानव श्रम तैयार करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम को चलाया जाए। उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण महानिदेशालय नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क तैयार कर भारत स्किल्स पोर्टल और मोबाइल एप पहले ही लांच कर चुका है।

आइबीएम, सिस्को, क्वेस्ट और माइक्रोसाफ्ट जैसी जानी-मानी कंपनियों के सहयोग से उद्योगों की जरूरत के अनुसार कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसका लाभ 34 लाख से अधिक प्रशिक्षु उठा रहे हैं।

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