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यूक्रेन से आए विमान में बैठे छात्रों के सामने मंत्री अजय भट्ट ने ‘मोदी जी जिंदाबाद..’ के नारे लगाए, छात्रों ने कुछ देर के लिए चुप्पी साध ली

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यूक्रेन से 17,000 भारतीयों को अभी तक निकाला गया

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री अजय भट्ट ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटने वाले बच्चों के सामने एक वायु सेना के विमान में पीएम मोदी जिंदाबाद के नारे लगाए। इसका एक वीडियो आने के बाद विवाद गहरा गया है। दरअसल, मंत्री के विमान में मोदी जी जिंदाबाद के नारा लगाने के बाद छात्रों ने कुछ देर के लिए चुप्पी साध ली थी। पहली बार में तो किसी छात्र ने जिंदाबाद नहीं बोला, लेकिन मंत्री के दूसरी बार नारा लगाने के बाद कुछ छात्रों ने उनके साथ जिंदाबाद के नारे लगाए। जब वह माननीय मोदी जी जिंदाबाद कह रहे थे, तो छात्रों ने पहले जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए। हालांकि, बाद में कुछ छात्रों ने मंत्री के नारे लगाने के बाद उन्होंने भी जिंदाबाद बोला। रोमानिया के बुखारेस्ट और हंगरी के बुडापेस्ट से 210 यात्रियों को लेकर दो सी-17 परिवहन विमान आज सुबह हिंडन में उतरा।

कांग्रेस ने यूक्रेन में एक और भारतीय छात्र के कथित तौर पर गोली लगने से घायल होने की घटना को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यूक्रेन में भारतीय छात्र खतरे में हैं, लेकिन केंद्र सरकार ‘पीआर एजेंसी’ बनी हुई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘एक और भारतीय छात्र को गोली लगी…यूक्रेन-रूस युद्ध में बच्चों पर हर पल ख़तरा है। मग़र मोदी सरकार सिर्फ़ पीआर एजेंसी बनी हुई है। ”

केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, यूक्रेन से 17,000 भारतीयों को अभी तक निकाला गया

उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार की ओर से दाखिल उस प्रतिवेदन पर शुक्रवार को गौर किया, जिसमें उसने कहा है कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे 17,000 भारतीयों को अभी तक वहां से निकाला जा चुका है।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल के बेंगलुरु निवासी फातिमा अहाना और कई अन्य मेडिकल छात्रों को निकालने के लिए किए गए व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना की। रूस की 24 फरवरी को सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद ये लोग रोमानिया सीमा के पास फंसे हुए थे। वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे 17,000 भारतीयों को अभी तक वहां से निकाला जा चुका है। पीठ ने कहा, ‘‘ हम केन्द्र द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हैं। अभी उस पर कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन हम चिंतित भी हैं।’’

पीठ ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों और अन्य लोगों को निकालने के लिए दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केन्द्र से कहा कि वह फंसे हुए लोगों के परिवारों के लिए एक ‘हेल्पडेस्क’ स्थापित करने पर विचार करे। गौरतलब है कि रूस की सैन्य कार्रवाई से बुरी तरह प्रभावित यूक्रेन में फंस गए भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ‘‘ऑपरेशन गंगा’’ चला रही है।

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