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14 दिन की न्यायिक हिरासत में महंत शिवमूर्ति, नाबालिग बच्चियों से रेप का आरोप

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नई दिल्ली। नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपों से घिरे कर्नाटक के एक महंत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मुरुग मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुग शरनारू को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था। महंत शिवमूर्ति पर उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के योन उत्पीड़न को लेकर POCSO कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। वकीलों के एक ग्रुप ने हाई कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जांच की मांग की
कल रात ही महंत को हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद आज उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। मुरुगा मठ के महंत शिवमूर्ति को शुक्रवार को जेल में सीने में दर्द की शिकायत के बाद बेंगलुरु के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्हें माध्यमिक विद्यालय की दो नाबालिग छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में गुरुवार रात को गिरफ्तार किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। ऐसी सूचना मिली है कि महंत ने जेल में सीने में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें चित्रदुर्ग जिला अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उनका इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम तथा अन्य चिकित्सा जांच की गयी। पड़ोसी दावणगेरे से दो हृदय रोग विशेषज्ञों को भी बुलाया गया।

जिले के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि उनकी जांच करने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बेंगलुरु के ‘श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च’ में भर्ती कराने का फैसला किया है। डॉक्टर ने कहा, ‘‘हमने उन्हें जयदेव अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया है। चिकित्सा उपकरणों से लैस एक एम्बुलेंस में डॉक्टरों का एक दल उन्हें बेंगलुरु लेकर जाएगा। ”पुलिस सूत्रों ने बताया कि महंत से, गुरुवार देर रात को गिरफ्तार करने के बाद कई घंटों तक पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि जेल भेजने के बाद महंत को कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो गई थीं, जिसके बाद उन्हें जांच के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।

चित्रदुर्ग के पुलिस अधीक्षक के. परशुराम ने पत्रकारों को बताया कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद शरणारू को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। शरणारू पर माध्यमिक विद्यालय की दो छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में बाल यौन अपराध संरक्षण (POCSO) कानून तथा अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज है।

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