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लिंगायत महंत ने ‘हनीट्रैप’ में फंसकर की आत्महत्या, महिला समेत 3 गिरफ्तार

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रामनगर। कर्नाटक के रामनगर में कंचुगल बंदेमठ के लिंगायत महंत बसवलिंगा स्वामी की आत्महत्या के मामले में उनके सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने हनीट्रैप के एंगल की बात कही है। पुलिस ने कहा कि महंत को हनीट्रैप में फंसा कर उन्हें ब्लैकमेल किये जाने का संदेह है जिसकी वजह से कथित तौर पर उन्हें खुदकुशी को मजबूर होना पड़ा। 

जानकारी के अनुसार 21 साल की एक युवती मठ में आती-जाती थी, जो कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। वो बसवलिंगा स्वामी सहित कई संतों को पहचानती थी। आरोपी युवती ने ये सब कन्नूर मठ के महंत और इस मामले के मुख्य आरोपी मृत्युंजय स्वामी के कहने पर किया। मृत्युंजय स्वामी ने टुमकुरू के प्रसिद्ध सिद्धगंगा मठ में पहले काम कर चुके महादेवैया को इस अपराध में अपने साथ शामिल किया था। वो महिला और महादेवैया एक दूसरे के परिचित थे। इसीलिए मृत्युंजय स्वामी और महादेवैया ने इस महिला के जरिए बसवलिंगा स्वामी को हनीट्रैप करवाया और फिर उन्हें ब्लैकमेल करने लगे। 

24 अक्टूबर को कर्नाटक के रामनगर जिले के मागड़ी इलाके में स्थित कंचूगल बंडे मठ के महंत बसवलिंगा स्वामी ने मठ के अंदर ही फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो महंत के रूम से 2 पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला था। लिंगायत महंत के लिखे सुसाइड नोट में बसवलिंगा स्वामी ने कुछ लोगों पर उनकी छवि खराब करके उन्हें परेशान करने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। जिसमें 45 साल के महंत बसवलिंगा स्वामी ने लिखा था कि कुछ अपने लोग ही उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं। इस मठ पर अधिकार जमाने के लिए उन्हें फंसाया गया है। इस सुसाइड नोट में ये भी लिखा गया था कि उनके कुछ वीडियो बनाए गए हैं, जिन्हें दिखाकर उन्हें ब्लैक मेल किया जा रहा है। सुसाइड नोट में संत ने इस बात का भी जिक्र किया कि उनके इस कदम के लिए एक महिला जिम्मेदार है। सूत्रों ने दावा किया कि मुरुग मठ के प्रमुख महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को यौन उत्पीड़न के एक मामले में गिरफ्तार किये जाने के बाद 45 वर्षीय लिंगायत संत बसवलिंगेश्वर स्वामी को जाल में फंसाया गया और अक्सर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था। 

इस सुसाइड नोट से पुलिस को इस बात का अंदेशा हो गया कि ये एक हनीट्रैप का मामला है। पुलिस ने महंत के फोन कॉल रिकॉर्ड्स और अन्य साक्ष्यों की मदद से इन्वेस्टिगेशन शुरू की। तकरीबन 25 लोगों से पूछताछ करने के बाद मागडी इलाके में ही मौजूद कन्नूर मठ के महंत मृत्युंजय स्वामी को अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस की जांच में पता चला कि पिछले कुछ समय में इन दोनों संतों के बीच अलग-अलग विषयों को लेकर मन मुटाव था। मृत्युंजय स्वामी ने बसवलिंगा स्वामी से इसका बदला लेने के साथ-साथ उनके मठ पर भी कब्जा करने के लिए ‘ हनी ट्रैप ‘ की ये साजिश रची।

बताया जा रहा है कि पिछले कुछ महीनों में अश्लील वीडियो को सार्वजनिक न करने को लेकर बसवलिंगा स्वामी ने एक मोटी रकम इन आरोपियों को दी थी।  इसके बाद आरोपियों ने संत पर गद्दी छोड़ने का दबाव बनाना शुरू कर दिया जिसके चलते वो तनाव में आ गए। इसी बीच चित्रदुर्गा के प्रसिद्ध मुरूगा मठ के प्रमुख संत शिवमूर्ति मुरूगा शरणरू को भी ऐसे ही एक मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार करने की खबर सामने आई। 

 इस खबर के बाद बसवलिंगा स्वामी जबरदस्त तनाव में आ गए और 24 अक्टूबर को उन्होंने मठ के अंदर ही खुदकुशी कर ली। संत को खुदकुशी के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए इन तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। 

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