नई दिल्ली। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ 9 नवंबर को अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। चंद्रचूड़ सोमवार को देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) नियुक्त किये गए। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने इसकी जानकारी दी। चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 2 साल का रहेगा। वो 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। मौजूदा सीजेआई उदय उमेश ललित के 65 वर्ष की आयु पूरी कर लेने पर सेवानिवृत्त हो जाने के एक दिन बाद 9 नवंबर को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे।
मौजूदा CJI उदय उमेश ललित के 65 वर्ष की आयु पूरी कर लेने पर सेवानिवृत्त हो जाने के एक दिन बाद 9 नवंबर को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति ललित का 74 दिनों का संक्षिप्त कार्यकाल रहा, जबकि सीजेआई के पद पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का कार्यकाल दो वर्षों का होगा। निवर्तमान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर मंगलवार को केंद्र से डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की थी।
रीजीजू ने ट्वीट किया, ‘‘संविधान के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए माननीय राष्ट्रपति ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को देश का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया है। ”न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त होंगे। सरकार ने सात अक्टूबर को CJI को एक लेटर भेजकर उनसे अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने को कहा था। जस्टिस चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल होगा और वह 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया का संचालन करने वाले प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार, निवर्तमान सीजेआई ने विधि मंत्रालय से पत्र मिलने के बाद अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता वाईपी चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के 16वें मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की है। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की है।