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जेटली ने कहा था कि लैंड एक्वीजिशन पर मत बोलो, नहीं तो केस दर्ज कर देंगे – राहुल गांधी

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-नरेंद्र मोदी जी मीटिंग देखिए, वहां सिर्फ एक व्यक्ति बोलता है। वहां गडकरी जी माला के बाहर हो जाते हैं।

-मणिपुर में सिविल वॉर का माहौल है, हम नरेंद्र मोदी से नहीं, बल्कि हम एक शक्ति से लड़ रहे हैं। 

– देश का कम्युनिकेशन सिस्टम, मीडिया या सोशल मीडिया, देश के हाथ में नहीं है।

मुंबई। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का समापन रविवार रात मुंबई में हुआ। यहां के शिवाजी पार्क में हुई सभा में राहुल गांधी ने मोदी सरकार के समूचे तंत्र कि धज्जियां उड़ा डाली। राहुल गांधी ने कहा कि जब चीन का माल यहां बिकता तो सिर्फ चीन का फायदा नहीं होता, हमारे उद्योगपतियों को भी फायदा होता है। पूरा सिस्टम कंट्रोल में है।

जब पहले इनकी सरकार आई, अरुण जेटली मेरे पास आए और कहा कि राहुल, लैंड एक्वीजिशन पर मत बोलो। अगर बोलोगे तो तुम्हारे ऊपर केस लगाएंगे। मैंने कहा- केस लगाइए। ईडी वाले आए। ED के अफसर ने कहा- राहुल जी, आप किसी से नहीं डरते, आप नरेंद्र मोदी को हरा सकते हो। लेकिन मैं राहुल गांधी नहीं हूं, ये उद्धव ठाकरे नहीं हैं, यहां हिंदुस्तान की आवाज है। नरेंद्र मोदी जी मीटिंग देखिए, वहां सिर्फ एक व्यक्ति बोलता है। वहां गडकरी जी माला के बाहर हो जाते हैं।

मणिपुर में इसी शक्ति ने सिविल वॉर का माहौल बना रखा है। मैंने सोचा कि यात्रा वहीं से शुरू होगी और धारावी में खत्म होगी। मुंबई टैलेंट का केंद्र है। यही शक्ति एकसाथ लोगों को बर्बाद करने में लगी है।

22 लोगों के पास उतना धन, जितना 70 करोड़ लोगों के पास है

चीन में एक शेनझेन है। धारावी, शेनझेन का मुकाबला कर सकते हैं, बस उनके लिए बैंक के दरवाजे तो खोलिए। यहां 22 लोगों के पास उतना ही धन है, जितना हिंदुस्तान के 70 करोड़ लोगों के पास है। भारत में इंटरनेशनल एयरपोर्ट खुलवाने के लिए साल लग जाते हैं। यहां शादी के लिए 10 दिन में इंटरनेशनल एयरपोर्ट खुल जाता है। खोलिए, मगर अन्य प्रदेशों में भी तो एयरपोर्ट खोलिए।

आज हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा बेरोजगारी

आप लोग जीएसटी देते हैं। उतनी ही अडाणी देता है। आप शर्ट पर 18% जीएसटी देते हो, अडाणी भी उतना ही देता है। फिर पैसा जाता कहां है। नरेंद्र मोदी जी का काम आपके ध्यान को भटकाने का है। कभी कहेंगे- चीन की तरफ देखो, पाकिस्तान की तरफ देखो। कभी मोबाइल की लाइट ऑन करवा देंगे। कभी कहेंगे कि मेरा अपमान कर दिया। यात्रा में दुख-दर्द सब दिख जाता है। आज हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है।

ये यात्रा हमें क्यों करनी पड़ी?

पिछले साल हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा की। यात्रा करनी पड़ी। अगर मैं आपसे 2004, 2010, 2014 में पूछता कि मुझे 4 हजार किमी कन्याकुमारी से कश्मीर चलना पड़ेगा, ऐसा सोच भी नहीं सकता था। ये यात्रा हमें क्यों करनी पड़ी? देश का कम्युनिकेशन सिस्टम, मीडिया या सोशल मीडिया, देश के हाथ में नहीं है। जनता के मुद्दे बेरोजगारी, हिंसा, नफरत, महंगाई, किसानों, अग्निवीर के मुद्दे आपको मीडिया में नहीं दिखेंगे।

हमको ये यात्रा इसलिए करनी पड़ी, क्योंकि कोई और चारा नहीं था। देश के ध्यान को पकड़ने के लिए की। सिर्फ राहुल गांधी नहीं चला, हिंदुस्तान का पूरा विपक्ष, कई नेता इस यात्रा में शामिल हुए। सोशल मीडिया में भी किसी ने कहा- सोशल मीडिया रास्ता है। लेकिन ये सच नहीं है।

काफी डिस्कशन होता है कि हम बीजेपी से लड़ रहे हैं। लोग सोचते हैं कि हम एक राजनीतिक दल के खिलाफ लड़ रहे हैं। देश भी ये सोचता है कि मंच पर बैठे नेता एक राजनीतिक पार्टी से लड़ रहे हैं। ये सच नहीं है। हिंदुस्तान के युवाओं के ये समझना होगा कि ये सब लोग एक व्यक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं? हम न बीजेपी और न ही एक व्यक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं। एक व्यक्ति को चेहरा बनाकर ऊपर कर रखा है। हिंदू धर्म में एक शब्द शक्ति होता है। हम शक्ति से लड़ रहे हैं।

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