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योगी सरकार में मंत्रियों पर लगी स्टाफ न चुनने की पाबन्दी तो, 10 मंत्रियों ने किया इनकार, पुराने की है मांग

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नए नियम में महिला अधिकारियों की बढ़ेगी भागीदारी 
दोनों डिप्टी CM सहित10 मंत्रियों का नए स्टाफ लेने से इनकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों के लिए नया नियम जारी हुआ है। नए नियम में मंत्रियों को अपने पसंद का निजी स्टाफ रखने की आजादी नहीं है। उन्हें एक खास सूची से ही अपना स्टाफ चुनना होगा। इस नई व्यवस्था को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से भी हरी झंडी मिल गई है। इस नए नियम को दोनों डिप्टी CM सहित10 मंत्रियों ने मानने से इनकार कर दिया।

नई व्यवस्था के अनुसार, योगी सरकार की नई व्यवस्था में स्टाफ का चुनाव डिजिटल तरीके से होगा और मंत्रियों को उम्मीदवारों की लिस्ट में से अपना स्टाफ चुनना होगा। खास बात है कि यह सूची कम्प्यूटर लॉटरी के जरिए तैयार की गई है। साथ ही बीते पांच सालों में किसी भी मंत्री के साथ काम कर चुके सपोर्ट स्टाफ को नई सूची में शामिल नहीं किया गया है।

करीब डेढ़ दर्जन मंत्रियों की तरफ से पसंद वाले स्टाफ की मांग सचिवालय प्रशासन विभाग से की गई है। मंत्रियों की तरफ से पुराने स्टाफ की मांग आने के बाद सचिवालय प्रशासन के उच्चाधिकारी पशोपेश में हैं। इनकी मांग से संबंधित फाइल अब मुख्यमंत्री के पास भेजने की तैयारी है। सीएम द्वारा जो फैसला लिया जाएगा उसके अनुसार स्टाफ मुहैया कराए जाएंगे।

मंत्रियों के स्टाफ में निजी सचिव, अपर निजी सचिव, समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की तैनाती के लिए सरकार की नीति के मुताबिक सभी मंत्रियों को रेंडम आधार पर सूची तय कर नये स्टाफ दिए। इसमें देखा गया कि पिछले पांच साल किसी भी मंत्री के साथ स्टाफ के साथ तैनात रहा कोई कार्मिक फिर से मंत्री स्टाफ के रूप में तैनाती न पा सके। सचिवालय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात और अधीनस्थ अधिकारियों ने दो-तीन दिन तक आधी आधी रात तक कवायद कर साफ्टवेर के माध्यम से कर्मचारी कोड के आधार पर स्टाफ का रैंडम चयन किया था।

शपथ ग्रहण और विभाग आवंटन के बाद पूर्व में भी सरकार में मंत्री रहे कई मंत्रियों ने पुराने स्टाफ दिए जाने की मांग कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक करीब डेढ़ दर्जन मंत्रियों ने सचिवालय प्रशासन विभाग से अपने पसंद का स्टाफ देने की मांग की है। सूत्रों ने बताया कि इसमें कई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री जो पूर्व में भी मंत्री रहे हैं, उनके नाम शामिल हैं। कुछ अन्य मंत्रियों ने पूर्व में दूसरे मंत्रियों के साथ रहे स्टाफ देने की मांग ही कर दी है।

29 महिला कार्मिकों को हटाया गया
दूसरी तरफ मंत्रियों के साथ पीएस, एपीएस, आरओ, एआरओ के रूप में तैनात की गईं 29 महिला कार्मिकों को मंगलवार की शाम को मंत्रियों के साथ की गई तैनाती से मुक्त कर दिया गया। अब कुल 25 महिला कार्मिक ही मंत्रियों के साथ तैनात हैं। पांच महिला मंत्रियों के साथ पीएस या एपीएस में से कोई एक कुल पांच महिलाओं को तैनाती दी गई है। वहीं आरओ और एआरओ के पद पर मंत्रियों के साथ दस-दस यानी कुल 20 महिलाएं रखी गई हैं। जिन महिलाओं को मंत्री के साथ तैनाती से हटाया गया था वह उनकी मांग पर किया गया है।

नए नियम में महिलाओं की भागीदारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने शासन और सामान्य प्रशासन कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी ध्यान दिया है। इसके तहत 20 फीसदी महिलाओं को निजी सचिव, सहयोगी निजी सचिव, समीक्षा अधिकारी और सहयोगी समीक्षा अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
खबर है कि अंतिम सूची को सीएम कार्यालय की तरफ से भी मंजूरी मिल चुकी है। इस सूची में चुने गए लोगों के नाम कोड में दर्ज किए गए हैं, ताकि इसे जाति या धर्म से दूर निष्पक्ष दस्तावेज बनाया जा सके। इस सूची में से ही मंत्री अपने पसंद का स्टाफ चुन सकेंगे।

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