– 2018 में गौहत्या की झूठी अफवाह पर कासिम और उसके भाई समयद्दीन पर जानलेवा हमला किया गया था। इस मॉब लिंचिंग में कासिम की मौत हो गई थी, जबकि भाई गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस अपराध में शामिल सभी 10 आरोपियों को आईपीसी की धारा 302, 149, 307, 147, 148 और 153ए सहित विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया गया है।
हापुड़। उत्तर प्रदेश के हापुड़ मॉब लिंचिंग मामले में हत्यारों को अदालत ने पाप की सजा सुनाई है। हापुड़ की अदालत ने साल 2018 में हुई मॉब लिंचिंग मामले में 10 हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हापुड़ में गौकशी की झूठी अफवाह से उपजी इस घटना में 45 वर्षीय कासिम की हत्या कर दी गई थी, जबकि उसका 62 वर्षीय भाई समयद्दीन भीड़ के हमले में गंभीर रूप से घायल हुआ था।
हापुड़ जिले के पिलखुवा थाना अंतर्गत ग्राम बझेड़ा में 2018 में गौहत्या की झूठी अफवाह पर कासिम और उसके भाई समयद्दीन पर जानलेवा हमला किया गया था। इस मॉब लिंचिंग में कासिम की मौत हो गई थी, जबकि भाई गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस अपराध में शामिल सभी 10 आरोपियों को आईपीसी की धारा 302, 149, 307, 147, 148 और 153ए सहित विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया गया है। अदालत ने कड़ी सजा सुनाते हुए सभी दोषियों को आजीवन कारावास के साथ-साथ 59-59 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
गौरतलब है कि पीड़ितों ने दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग नहीं की और कहा कि उन्हें आरोपियों से कोई दुश्मनी नहीं है और वे केवल न्याय चाहते हैं। शिकायतकर्ता और पीड़ितों का प्रतिनिधित्व एडवोकेट वृंदा ग्रोवर, सौतिक बनर्जी, देविका तुलसियानी, हाजी यूसुफ कुरेशी (दिवंगत) और मोहम्मद फुरकान कुरेशी ने किया।
यह अपराध जून 2018 में हुआ था। कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में पीड़ित को जमीन पर घसीटते हुए दिखाने वाली तस्वीरें वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर पर माफी मांगते हुए कहा, “हापुड़ की घटना के लिए हमें खेद है” और जांच की जाएगी। इसमें शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई।
जीवित बचे पीड़ित समीउद्दीन ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उचित जांच की मांग की। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को मॉब लिंचिंग और घृणा अपराधों से संबंधित तहसीन पूनावाला फैसले में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया।
ADGC विजय चौहान ने बताया कि हापुड़ की एडीजे प्रथम/स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए मॉब लिंचिंग के 10 आरोपियों को 59-59 हजार रुपये का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने ग्राम बझैड़ा खुर्द थाना पिलखुवा के रहने वाले युधिष्ठिर, राकेश, कालू उर्फ कप्तान, सोनू, मांगेराम, रिंकू, हरिओम, मनीष, ललित, करणपाल को ये सजा सुनाई है।