नई दिल्ली । प्रदूषण को नियंत्रण करने में दिल्ली और केंद्र सरकार हर साल की तरह इस साल भी विफल है। बढ़ती सर्दियों के साथ हवा भी ज़हरीली हो रही है। रविवार को दिल्ली में कई जगह पर AQI रेड जोन में पहुंच गया है।वायु प्रदूषण से छोटे बच्चों के फेफड़े संक्रमित हो रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण को लेकर छात्रों ने सरकार के खिलाफ इंडिया गेट के पास विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि दिल्ली में पॉल्यूशन गंभीर और खतरनाक लेवल पर पहुंच गया हैं, लेकिन GRAP के उपाय लागू नहीं किए गए हैं। प्रदूषण को नियंत्रित करने में विफल सरकार ने प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को बंधक बना लिया।
प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ रविवार को इंडिया गेट पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। शाम होते-होते पुलिस ने लोगों को इंडिया गेट से हटाया। इस दौरान कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। विरोध करने वालों में मौजूद पर्यावरण कार्यकर्ता भवरीन कंधारी ने कहा कि बच्चों की सेहत तेजी से बिगड़ रही है। हर तीसरे बच्चे के फेफड़े प्रदूषण से प्रभावित हैं। एक और प्रदर्शनकारी अभिषेक ने कहा कि सरकारें एक-दूसरे पर आरोप लगाने में लगी हैं, जबकि लोगों को स्वच्छ हवा का बुनियादी अधिकार भी नहीं मिल रहा। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार के पास प्रदूषण से निपटने के लिए न कोई प्लानिंग और न ही पॉलिसी है। सरकार प्रदूषण का डेटा भी छिपा रही है।
2023 में वायु प्रदूषण से भारत में 20 लाख मौतें
देश की 75% आबादी ऐसी जगहों पर रहती है जहां PM2.5 का वार्षिक औसत 35 μg/m³ से अधिक है, जो WHO के अंतरिम लक्ष्य से ऊपर है। औसतन, एक भारतीय 3.5 वर्ष कम जीवित रहता है प्रदूषण के कारण। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर (SoGA) 2025 रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में वायु प्रदूषण से भारत में लगभग 20 लाख मौतें हुईं, जो 2000 के मुकाबले 43% अधिक हैं। यह संख्या 2025 में भी समान या थोड़ी अधिक होने का अनुमान है, क्योंकि प्रदूषण स्तर में सुधार धीमा है। 2025 में, भारत में वायु प्रदूषण (मुख्य रूप से PM2.5 कणों से) एक प्रमुख स्वास्थ्य संकट बना हुआ है।
उत्तरी मैदान क्षेत्र (बिहार, दिल्ली, हरियाणा आदि) में 54.44 करोड़ लोग प्रभावित हैं, जहां जीवन प्रत्याशा में 5 वर्ष की कमी है। विशेष रूप से कमजोर समूहों—बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों—पर प्रदूषण का प्रभाव अधिक गंभीर है, क्योंकि उनकी श्वसन प्रणाली और प्रतिरक्षा कमजोर होती है। नीचे विस्तार से आंकड़े दिए गए हैं, जो हालिया रिपोर्टों (जैसे SoGA 2025, AQLI 2025, UNICEF आदि) पर आधारित हैं। ये 2023-2024 के डेटा पर हैं, लेकिन 2025 के लिए प्रक्षेपण समान माने जा सकते हैं क्योंकि प्रदूषण स्तर में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया।
बच्चों पर प्रभाव (0-5 वर्ष की आयु)
बच्चे प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि वे तेज सांस लेते हैं (वयस्कों से 2 गुना अधिक हवा ग्रहण करते हैं) और उनकी फेफड़े विकसित हो रहे होते हैं। प्रदूषण से श्वसन रोग, अस्थमा, कम वजन जन्म, और मृत्यु दर बढ़ जाती है। भारत वैश्विक स्तर पर प्रदूषण से होने वाली बच्चों की मौतों का बड़ा हिस्सा झेलता है।
इंडिया गेट पर कई महिलाएं अपने बच्चों के साथ पहुंची थीं। लोगों ने केंद्र और राज्य सरकार से साफ हवा की मांग की। वहीं, पुलिस ने कहा कि विरोध करने वाले बिना परमिशन के इंडिया गेट पर जमा हुए। DCP देवेश कुमार महला ने कहा कि यह एक्शन एहतियातन लिया गया। विरोध के लिए केवल जंतर-मंतर ही तय जगह है।
CM रेखा गुप्ता ने मिलने से कर दिया मना
दिल्ली में इंडिया गेट पर एयर पॉल्यूशन के खिलाफ प्रोटेस्ट में शामिल होते हुए, एनवायरनमेंटलिस्ट भवरीन कंधारी ने कहा कि हम चुने हुए अधिकारियों से मिलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमारी रिक्वेस्ट मना कर दी गई। उन्होंने कहा कि बहुत सारी माताएं और माता-पिता बहुत चिंतित हैं क्योंकि अभी एक परेशान करने वाली बात हो रही है – जैसा कि आप देख सकते हैं, कोई भी मास्क नहीं पहन रहा है। मैराथन हो रही हैं, स्कूल स्पोर्ट्स डे मना रहे हैं, और फिर भी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है।
दिल्ली में AQI 400 पहुंचा, यह सबसे खराब स्तर
रविवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स इस सीजन के अपने सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया। जो कई इलाकों में 400 पार रहा, ये सबसे खराब लेवल माना जाता है। धूप खुलने के बाद इसमें मामूली सुधार हुआ था, AQI 391 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली में धुंध की चादर छा गई। वहीं, तापमान भी सामान्य से 11.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार रविवार शाम 4 बजे AQI 370 पर था, जिससे शहर रेड जोन में आ गया।
CPCB के मुताबिक दिल्ली पंजाबी बाग में सबसे अधिक 425, बवाना में 410, जहांगीरपुरी में 401 और नेहरू नगर और वजीरपुर में 400 AQI रिकॉर्ड किया गया। वहीं, NCR के इलाकों में नोएडा में सबसे ज्यादा 354 AQI दर्ज किया गया। गाजियाबाद में 345 और ग्रेटर नोएडा में 340 AQI रहा। बता दें कि 0 से 50 के बीच AQI को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 401-500 को गंभीर माना जाता है।
AAP का आरोप- AQI मॉनिटरों के पास पानी छिड़का जा रहा
आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार AQI मॉनिटरों के पास पानी छिड़कवाकर हवा की गुणवत्ता के आंकड़ों को कम दिखाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा जवाबदेही से भाग रही है और ठोस नीतियां नहीं बना रही। जब दिल्ली में AAP की सरकार थी तब प्रदूषण नियंत्रण पर लगातार काम हुआ।
सरकारी-MCD दफ्तरों का समय बदला गया
दिल्ली में सरकारी दफ्तर और म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन डिपार्टमेंट (MCD) के दफ्तरों की टाइमिंग बदली गई है। दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने ये फैसला एयर पॉल्यूशन और ट्रैफिक में कमी लाने के लिए किया। नई टाइमिंग 15 नवंबर से लागू होंगी, जो 15 फरवरी 2026 तक लागू रहेगीं। अब दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक खुलेंगे। वहीं, MCD दफ्तर सुबह 8.30 से शाम 5 बजे तक खुलेंगे। अभी दोनों दफ्तरों का समय सिर्फ 30 मिनट के अंतर से चलता है। इसके कारण सुबह-शाम ट्रैफिक बढ़ जाता है और प्रदूषण में भी इजाफा होता है। नई टाइमिंग से पीक ऑवर ट्रैफिक कम करने की कोशिश की गई है।
भारत भर में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। याचिका ल्यूक क्रिस्टोफर काउंटिन्हो ने दायर की। वे पीएम नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मूवमेंट के वेलनेस चैंपियन यानी दूत रहे हैं। क्रिस्टोफर का कहना है कि देश में वायु प्रदूषण का स्तर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के अनुपात में पहुंच गया है। अकेले दिल्ली में करीब 22 लाख स्कूली बच्चों को फेफड़ों में इतना नुकसान हो चुका है कि उनकी रिकवरी मुश्किल है।

