नई दिल्ली। ठण्ड बढ़ने के साथ -साथ दिल्ली में हवा कि गुणवत्ता खराब होने लगी है। दिल्ली में तापमान में तो स्थिरता है लेकिन बढ़ते प्रदूषण का संकट गहराता जा रहा है। दिल्ली के कई इलाकों की हवा में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है। इस बीच NCR और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के संचालन के लिए उप-समिति ने बुधवार को एक इमरजेंसी मीटिंग की। मीटिंग में जल्द ही दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार जाने की आशंका जाहिर की गई है। CAQM सबकमेटी ने प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए कई उपायों को अपनाने की सिफारिश भी की है।
ये बैठक 22 अक्टूबर के लिए दिल्ली के एक्यूआई पूर्वानुमान के मद्देनजर जीआरएपी के चरण II के अनुमानित स्तर तक पहुंचने के मद्देनजर आयोजित की गई थी। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली द्वारा प्रदान किए गए पूर्वानुमान के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई 22 अक्टूबर को 301 को पार करने का अनुमान है।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में हर साल अक्टूबर महीने में प्रदूषण बढ़ने लगता है। इसी को देखते हुए बीते कुछ सालों से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी ग्रैप (GRAP) के पहले चरण को लागू कर दिया जाता है। इस साल भी एक अक्टूबर से ग्रैप को लागू कर दिया गया है। राजधानी में वायु गुणवत्ता प्रबंधन (सीएक्यूएम) आयोग ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के मानकों आधार पर 491 स्थलों पर निर्माण और विध्वंस कार्य बंद करने का निर्देश जारी किया है, जिनमें 110 स्थल अकेले दिल्ली में हैं। जबकि, हरियाणा में 118, उत्तर प्रदेश में 211 और राजस्थान में 52 स्थल शामिल हैं।
सबकमेटी ने इस क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य की व्यापक समीक्षा की. सबकमेटी ने कहा कि 22 अक्टूबर को इस क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता के मानकों में गिरावट आने की संभावना है, जिससे यह “बहुत खराब” श्रेणी में आ जाएगा। दिल्ली-एनसीआर के एक्यूआई को सुधारने के प्रयास में, सबकमेटी ने जीआरएपी के चरण II के तहत परिकल्पित सभी कार्यों को लागू करने का आह्वान किया है।
नागरिकों से अपील :-
-सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और निजी वाहनों का उपयोग कम से कम करें।
-अपने ऑटोमोबाइल में नियमित समय पर एयर फिल्टर बदलें।
-धूल पैदा करने वाली निर्माण गतिविधियों से बचें।
-सड़कों की यांत्रिक/वैक्यूम आधारित सफाई दैनिक आधार पर की जाएगी।
-विशेष रूप से हॉटस्पॉट्स, भारी ट्रैफिक कॉरिडोर, संवेदनशील क्षेत्रों (पीक आवर्स से पहले) पर सड़क की धूल को रोकने के लिए सड़कों पर – कम से कम हर वैकल्पिक दिन डस्ट सप्रेसेंट्स के उपयोग के साथ पानी का छिड़काव सुनिश्चित करें।
-सी एंड डी साइटों पर नियमित निरीक्षण और धूल नियंत्रण उपायों का सख्त प्रवर्तन।
-होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूर सहित कोयला/जलाऊ लकड़ी की अनुमति न दें।
-सुनिश्चित करें कि होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालय केवल बिजली/स्वच्छ ईंधन गैस आधारित उपकरणों का उपयोग करें।
-निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश लागू करें।
-जनरेटर सेटों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करें।
-आकस्मिक और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जेनरेटर (DG) का उपयोग बंद करें।
NCR और डीपीसीसी के GRAP और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (PCB) के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों को इस अवधि के दौरान जीआरएपी के तहत चरण II की कार्रवाई का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, समकमेटी ने एनसीआर के नागरिकों से जीआरएपी को लागू करने में सहयोग करने और जीआरएपी के स्टेज II के सिटीजन चार्टर में उल्लिखित चरणों का पालन करने की भी अपील की।
आपको बता दें कि जब भी पीएम 2.5 का स्तर 50 से अधिक दर्ज होता है तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। खासकर दमा मरीजों के लिए यह हवा नुकसानदायक होती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, 0 से 50 के बीच वायु सूचकांक यानी एक्यूआई का लेवल अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच AQI गंभीर माना जाता है।
दिल्ली-एनसीआर के वायु गुणवत्ता सूचकांक को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने केन्द्र और एनसीआर की राज्य सरकारों की सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को ग्रैप के चरण-I के तहत कार्रवाई को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है. सीएक्यूएम ने नागरिकों से भी नागरिक चार्टर के विभिन्न चरणों के पालन में सहयोग करने और क्षेत्र में समग्र वायु गुणवत्ता को बेहतर करने लिए ग्राप उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायता करने का आग्रह किया है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता 5 अक्टूबर 2022 को गिरकर “खराब” श्रेणी में पहुंच गई थी.