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अश्नीर ग्रोवर से जुड़ी HR फर्म्स ने की ₹7.5 करोड़ की हेराफेरी -दिल्ली पुलिस

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की जांच में अश्नीर ग्रोवर पर फंड साइफनिंग के आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में जमा स्टेट्स रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि ग्रोवर की पत्नी माधुरी जैन से जुड़ी 8 ह्यूमन रिसोर्स फर्म्स ने भारतपे से 7.6 करोड़ रुपये की साइफनिंग की है। माधुरी जैन पहले भारतपे की डायरेक्टर ऑफ पे रह चुकी हैं।

दिल्ली पुलिस की जांच में पाया गया क‍ि अश्‍नीर ग्रोवर और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी कंपनियों ने फिनटेक यूनिकॉर्न के लिए किए गए काम का पैसा न‍िकालने के ल‍िए पिछली तारीख के चालान का इस्तेमाल किया। ये चालान कई करोड़ रुपये के थे। हालांकि, इकोनॉम‍िक ऑफेंस व‍िंग को कई फर्म के बारे में अभी जानकारी नहीं म‍िल सकी है, ज‍िनको भारतपे की तरफ से पेमेंट किया गया था।
स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक, कथित रूप से फर्जी एचआर कंसल्टेंसी को कम से कम 7.6 करोड़ रुपये का पेमेंट किया गया। जबकि माल और सेवा कर (GST) अधिकारियों को जुर्माने के रूप में 1.66 करोड़ रुपये का पेमेंट किया गया। इसके अलावा 71.76 करोड़ रुपये कथित तौर पर फर्जी लेनदेन के जरिए निकाले गए।

EOW के मुताबिक, अब तक 81 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेनदेन की जानकारी मिली है। जांच अभी जारी है। EOW के स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है, “जांच के दौरान, अकाउंट नंबर (संशोधित) (कथित माधुरी जैन/ग्रोवर से संबंधित) की जांच से पता चला कि उसे लगभग 5 करोड़ रुपये, पिता सुरेश जैन को 3 करोड़ रुपये और मां संतोष जैन-भाई श्वेतांक जैन को क्रमशः 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे।

EOW ने बताया कि भारतपे की पूर्व हेड ऑफ कंट्रोल माधुरी जैन को फोरेंसिक ऑडिट में कई अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद 2022 में निकाल दिया गया था। इसके बाद मार्च 2022 में अश्नीर ग्रोवर ने Ceo पद से इस्तीफा दे दिया।

EOW के मुताबिक, “इसके अलावा जांच से पता चला कि याचिकाकर्ता अश्नीर ग्रोवर ने 2019 से 2022 तक अपने पिता अशोक ग्रोवर के अकाउंट में 46 करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की थी। ये बहुत बड़ी रकम है। अभी इस ट्रांजेक्शन को वेरिफाई किया जाना बाकी है।”
EOW ने इस साल की शुरुआत में इस मामले में आईपीसी की 8 धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और बेईमानी और जालसाजी की धाराएं शामिल हैं। भारतपे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि अश्नीर ग्रोवर और उनके परिवार ने अन्य आरोपों के अलावा कथित रूप से फर्जी ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंट को अवैध पेमेंट के जरिए करीब 81.3 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।

जिन 8 फर्मों का यहां जिक्र है, वे सभी माधुरी जैन के रिश्तेदारों से जुड़ी हैं। इनमें उनके पिता सुरेश जैन और भाई श्वेतांक जैन शामिल हैं।  दिल्ली पुलिस की जांच के मुताबिक इन 8 फर्मों पर आरोप है कि इन्होंने गलत इन्होंने भारतपे में HR सर्विसेज के लिए झूठे इनवॉइस लगाए।

इन कंपनियों के नाम हैं –

वर्धमान मार्केटिंग

इंप्लस मार्केटिंग

विस्टा सर्विसेज

इवोल्व बिजसर्व

टीम सोर्स

टीम वर्क्स

ट्रू वर्क्स

विकास एंटरप्राइजेज (टीम प्लस सर्विसेज)

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘फर्म्स की स्थापना और इनके बैंक अकाउंट को सिर्फ फंड की साइफनिंग और आरोपित लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए खोला गया था। ‘ BQ प्राइम ने स्टेट्स रिपोर्ट का रिव्यू किया है। पुलिस के मुताबिक, ऊपर जिन 8 फर्मों का उल्लेख है, इनमें से शुरुआती 6 की क्रेडिट एंट्रीज सिर्फ भारतपे से हैं। जबकि डेबिट एंट्रीज सिर्फ सेल्फ कैश विड्रॉल्स की हैं। दूसरी डेबिट एंट्रीज आरोपित लोगों और उनकी कंपनियों से जुड़ी हैं।

पुलिस ने कहा, ‘आरोपित लोगों के ऑफिशियल इमेल के एनालिसिस और कंपनी बैंक अकाउंट्स के एनालिसिस से पता चलता है कि माधुरी जैन अकाउंट ब्रांच को इन HR कंसल्टेंट को पेमेंट देने की प्रक्रिया को तेज करने को कहती थीं।’

पुलिस ने आगे बताया कि कुछ मामलों में माधुरी जैन को रिक्रूटेड कैंडिडेट्स के बारे में अहम जानकारी अपने पिता और भाई के साथ शेयर करती थीं। ये वो कैंडिडेट जिन्हें पियर्स या इंडस्ट्री रिकमेंडेशन के आधार पर रखा जाता था। लेकिन फर्जी इनवॉइस के जरिए बताया जाता कि इन्हें कंसल्टेंसी फर्म्स के जरिए हायर किया गया है। इसके बाद ये फर्म्स रिक्रूटमेंट के लिए भारतपे से मोटी रकम कमीशन के लिए लेतीं।

अपनी जांच के दौरान पुलिस ने इन इनवॉइस की जांच की, जहां HR फर्म्स ने खास HSIN कोड का इस्तेमाल किया था। GST डिपार्टमेंट के मुताबिक, इस HSIN कोड का इस्तेमाल परमानेंट प्लेसमेंट एजेंसीज और दूसरी एक्जीक्यूटिव सर्च सर्विसेज के साथ किया गया। इन HR फर्मों के मालिक इन इनवॉइस के एवज में जो काम किया गया है, उसके लिए सबूत पेश नहीं कर पाए।

दिल्ली पुलिस ने 33 गैरमौजूद/फर्जी वेंडर्स की भी जांच की, जहां इनमें से 23 वेंडर्स को खोजा ही नहीं जा सका। लेकिन ये जांच अभी अपनी शुरुआती स्टेज में ही है। मार्च, 2022 में भारतपे ने अश्नीर ग्रोवर को पद से हटा दिया था। ये कार्रवाई इंटरनल गवर्नेंस रिव्यू में सामने आए गंभीर मुद्दों के बाद की गई थी।

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