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भीषण गरमी से राहत मिलने की उम्मीद

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नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अनुमान जताया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई इलाकों में 2 मई से लू से राहत मिल सकती है। IMD ने कहा है कि उत्तर-पश्चिमी इलाकों में गर्म हवा के कम होने के आसार हैं। इससे कई इलाकों में तापमान 3 से चार डिग्री तक गिर सकता है।
राजधानी दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में सोमवार से भीषण गरमी से राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में बादल छाए रहेंगे। यहां के लोगों को लू और भीषण गरमी से थोड़ी राहत मिलेगी। मौसम विभाग का अनुमान है कि 3 मई से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और पश्चिमी राजस्थान में भी गरमी का कहर कम होगा। बता दें कि इन दिनों भारत में भीषण गरमी पड़ रही है। उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में इस अप्रैल 122 साल का रेकॉर्ड टूट गया। यहां औसत अधिकतम तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।

उत्तर पश्चिम भारत में अप्रैल 2010 में औसत तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। उससे पहले साल 1973 में 37.75 डिग्री दर्ज हुआ था। वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन को लेकर आगाह किया है। इस क्षेत्र में बढ़ते तापमना का असर एक अरब लोगों पर पड़ेगा।

मौसम विभाग ने ताजा बुलेटिन में कहा है कि 01-03 मई के दौरान मध्य भारत और विदर्भ के अलग-अलग हिस्सों में हीट वेव की स्थिति बनी रहेगी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और पश्चिम राजस्थान में भी 01 और 02 मई को लू की स्थिति रहेगी। इधर, राष्ट्रीय राजधानी में आज भी लू की स्थिति जारी रही। IMD के मुताबिक रविवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

IMD ने बताया है कि 04 मई के आसपास दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे इलाकों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके प्रभाव में 06 मई के आसपास उसी क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके अगले 24 घंटों के दौरान निम्न दाब के और गहराने की संभावना है।

विभाग ने बताया कि इसकी वजह से 05 मई को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। इसके अलावा 05 और 06 मई को बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है। समुद्री इलाकों में हवा की गति 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों ने मछुआरों को इन समुद्री इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी है।
हीटवेव ?
बहुत सारे लोग लू को हीटवेव समझते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। जब कई दिनों तक तापमान सामान्य से ज्यादा रहता है और आर्द्रता भी बढ़ जाती है तो इसे हीट वेव कहते हैं। मैदानी इलाकों में जब तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला जाता है तो मौसम विभाग हीट वेव की घोषणा करता है। इस साल गरमी बढ़ने का कारण मार्च के अंत में बनने वाला एंटी साइक्लोन बताया जा रहा है। यह एक महीने जल्दी बन गया है। इस वकजह से रेगिस्तानी इलाकों से गर्म हावएँ आने लगी हैं। इसके अलावा इस बार सर्दी खत्म होने के बाद बारिश कम हुई है। इस वजह से हीटवेव बढ़ गई। इसी वजह से गर्म हवा कहर बरपा रही है।

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