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गूगल को 1338 करोड़ रुपये जुर्माना 31 मार्च तक देना ही होगा – सुप्रीम कोर्ट

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– केंद्र सरकार ने कहा था कि गूगल ने यूरोप और भारत के बीच अलग- अलग नीति अपनाई है। उसने यूरोप में ऐसे ही मामले में 4 बिलियन यूरो का जुर्माना दिया है।

नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट ने CCI द्वारा लगाए गए 1338 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने CCI के आदेश के पालन की मियाद एक हफ्ता और बढ़ा दी है। साथ ही मामले को NCLAT के पास एक बार फिर भेज दिया गया है। NCLAT को CCI के फैसले के खिलाफ अपील पर 31 मार्च तक निपटारा करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) पर रोक लगाने की तकनीकी दिग्गज की याचिका पर सुनवाई करते हुए गूगल के वकील से कहा कि प्रभुत्व के मामले में उसके पास किस तरह का अधिकार है, इस पर गौर करें। प्रतिस्पर्धा आयोग ने उस पर 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने गूगल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी से कहा, डॉ. सिंघवी, आपने हमें डेटा के संदर्भ में जो कुछ भी दिया है, वह वास्तव में आपके तर्क के विरुद्ध है। प्रभुत्व डेटा के संदर्भ में आप किस प्रकार के प्राधिकार को देखते हैं, यह 15,000 एंड्रॉइड मॉडल, 500 मिलियन संगत डिवाइस 1500 OEM को इंगित करता है। जब आपके पास उस तरह का बाजार होता है, तो आप जोर देकर कहते हैं कि मेरे पास मेरा गुलदस्ता है, आप सीधे प्रभावित कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि OEM जो करता है, उसका अंतिम उपभोक्ता पर असर पड़ता है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गूगल से पूछा था कि क्या वो वही व्यवस्था लागू करने के इच्छुक हैं जो आपने यूरोप में रखी गई है।

दरअसल केंद्र सरकार ने कहा था कि गूगल ने यूरोप और भारत के बीच अलग- अलग नीति अपनाई है। उसने यूरोप में ऐसे ही मामले में 4 बिलियन यूरो का जुर्माना दिया है। जबकि भारत में वो जुर्माने के फैसले को चुनौती दे रहा है। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने गूगल पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ये आदेश 20 अक्टूबर 2022 को पारित किया गया था।

दिसंबर में अपील दायर की गई थी। आप आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते थे। कृत्रिम आपातकाल बनाया जा रहा है। आप एक ऐसी आपात स्थिति पैदा कर रहें ताकि ट्रिब्यूनल तारीख बढ़ाने के लिए विवश हो जाए। वहीं गूगल की तरफ से  अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखते हुए कहा कि यह सही नहीं है। अनुपालन की तिथि 19 जनवरी है। अपील दायर की गई थी। जब मामला NCLAT में आया तो जज ने कहा कि मामला बड़ा है।हमने कहा कि कृपया 13-16 जनवरी के बीच कभी भी सुन लें। असाधारण निर्देशों के लिए अपील और सूट दायर किया गया था। हमने  Android बनाया है जो सबसे अच्छा सॉफ्टवेयर है।

गौरतलब है कि दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्तूबर 2022 में गूगल की सहायक कंपनी एड्रॉयड इंक पर बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का अनुचित लाभ उठाने के चलते 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। CJI डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने गूगल की अपील पर 16 जनवरी को सुनवाई के लिए सहमति जताई थी। गूगल ने एनसीलेट के अंतरिम आदेश पर रोक मांगी थी। जिसमें उसे 19 जनवरी तक जुर्माने की राशि का 10% जमा करने को कहा गया था और CCI के जुर्माने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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