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CM अरविन्द केजरीवाल को ED ने किया गिरफ्तार , सुप्रीम कोर्ट कल सुबह करेगा सुनवाई

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-ED ने केजरीवाल का मोबाइल फोन जब्‍त कर लिया था, जिसके बाद हुई पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।

-CM आवास के बाहर भारी संख्या में जुटे लोग, धारा-144 लागू

नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति मामले में मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया है। घर पर लंबी पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने CM हाउस से केजरीवाल को गिरफ्तार किया। इससे पहले ही ED ने केजरीवाल का मोबाइल फोन जब्‍त कर लिया था, जिसके बाद हुई पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।

ED सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे। CM की गिरफ्तारी की सुगबुगाहट के बीच उनके घर के बाहर बड़ी संख्‍या में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर दिया था। मंत्री आतिशी और सौरभ भी वहां मौजूद रहे। मामले की गंभीरता को देखते हुए बड़ी संख्‍या में पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया था।

ED मुख्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई

ईडी मुख्यालय  के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल को EDऑफिस ले जाने की तैयारी की जा रही है। दिल्ली पुलिस ने AAP दफ्तर, केजरीवाल का घर, ED हेडक्वार्टर को संवेदनशील जोन में रखा है। तीनों ही जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से शुक्रवार को कोई राहत नहीं मिली। देर शाम ईडी (ED) की टीम वारंट के साथ अरविंद केजरीवाल के घर पहुंच गई। अब सवाल उठता है कि अरविंद केजरीवाल की शराब पॉलिसी मामले में भूमिका क्या थी और ED ने कौन से आरोप लगाए हैं?

मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर साजिश -ED

हाल ही में ईडी ने एक प्रेस नोट जारी कर शराब नीति मामले में BRS की नेता के कविता को साजिशकर्ता बताया। ED ने कहा कि के कविता ने अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर साजिश की। शराब नीति में बदलाव करवाए और फिर उसे अपनी तरह से लागू कराया। इसके बदले में साउथ की शराब लॉबी ने आम आदमी पार्टी को एकमुश्त 100 करोड़ रुपये दिए। इसके बाद शराब के थोक कारोबार में जो कमीशन 12 परसेंट किया गया, उसमें से 6 परसेंट वापस AAP को भेजा गया। केजरीवाल का नाम कुछ आरोपियों और गवाहों के बयानों में आया। इसका जिक्र एजेंसियों ने अपने रिमांड नोट और चार्जशीट में किया है।

विजय नायर की अरविन्द केजरीवाल से चर्चा 

शराब पॉलिसी में आरोपी विजय नायर का मुख्यमंत्री कार्यालय में पूरी तरह आना जाना था और वो ज्यादातर समय वहीं बिताता था। वह मुख्यमंत्री केजरीवाल से काफी बात करता था। विजय नायर ने कई शराब कारोबारियों को बताया कि वो शराब पॉलिसी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से चर्चा करता है। विजय नायर ने ही इंडोस्प्रिट के मालिक समीर महेंद्रू की मुलाकात अरविंद केजरीवाल से करवाई। जब मुलाकात सफल नहीं हुई तो उसने अपने फोन से फेस टाइम एप पर वीडियो कॉल के जरिए समीर महेंद्रू और अरविंद केजरीवाल की बात करवाई। बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने कहा की विजय नायर अपना बच्चा है, उस पर विश्वास करें और सहयोग करें।

राघव मगुंटा की केजरीवाल से मुलाक़ात .

साउथ की शराब लॉबी से पहले आरोपी और अब गवाह राघव मगुंटा ने बताया कि उसके पिता YSR कांग्रेस के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलू रेड्डी (MSR) ने दिल्ली शराब पॉलिसी के बारे में और ज्यादा जानने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। केजरीवाल ने दिल्ली में शराब के कारोबार के लिए उनका स्वागत किया था।

मनीष सिसोदिया के पूर्व सचिव सी अरविंद ने 7 दिसंबर 2022 को अपने बयान में बताया कि मार्च 2021 में उन्हें मनीष सिसोदिया से एक ड्राफ्ट रिपोर्ट ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) मिली। जब मनीष सिसोदिया के बुलाने पर वो अरविंद केजरीवाल के घर गए तो वहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। ये डॉक्यूमेंट उन्होंने पहली बार देखा था क्योंकि GOM कि किसी मीटिंग में ऐसे किसी प्रपोजल पर चर्चा नहीं हुई थी और इसी डॉक्यूमेंट के आधार पर उन्हें एक GOM रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया। इस रिपोर्ट में शराब का थोक कारोबार निजी लोगों को देने की बात थी।

सुप्रीम को कोर्ट सुबह करेगा सुनवाई 

केजरीवाल  गुरुवार को नौवीं बार प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन पर हाजिर नहीं हुए। इसके बाद ED और दिल्ली पुलिस की टीम केजरीवाल के निवास पर पहुंच गई है। ईडी की टीम घर पहुंचने के बाद अरविंद केजरीवाल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें राहत नहीं दी है। अरविंद केजरीवाल की ED की गिरफ्तारी से बचने को लेकर दायर याचिका गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज हो गई।

इसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तत्काल सुनवाई की मांग की। सुप्रीम कोर्ट कल सुबह सुनवाई करेगा। प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। टीम ने ई-फाइलिंग के जरिए अर्जी दाखिल की और केस की तुरंत सुनवाई के लिए अर्जेंट लिस्टिंग की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई तुंरत करने से इनकार कर दिया। कोर्ट शुक्रवार की सुबह केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई करेगी।

मुख्यमंत्री के गिरफ्तारी के नियम

संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत मुख्यमंत्री को सिविल मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत से छूट मिली हुई है, लेकिन क्रिमिनल मामलों में मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हो सकती है। ठीक यही नियम प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए भी हैं। हालांकि, राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता है।

अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति या किसी भी राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी कोर्ट में कोई क्रिमिनल कार्यवाही शुरू नहीं हो सकती है और न ही कोई कोर्ट हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है।

गिरफ्तारी से पहले सदन के अध्यक्ष की मंजूरी जरुरी
कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर 135 के तहत मुख्यमंत्री या विधान परिषद के सदस्य को सिविल मामलों में गिरफ्तारी से छूट दी गई है, लेकिन क्रिमिनल मामलों में ऐसा नहीं है। हालांकि, क्रिमिनल मामलों में गिरफ्तारी से पहले सदन के अध्यक्ष की मंजूरी लेनी होती है। जिसका मतलब साफ है कि विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बाद ही मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है।

बता दें कि मुख्यमंत्री या विधान परिषद के सदस्य की गिरफ्तारी कब हो सकती है इसको लेकर भी बकायदा नियम बने हुए हैं। कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर 135 के तहत विधानसभा सत्र शुरू होने से 40 दिन पहले और खत्म होने के 40 दिन बाद तक मुख्यमंत्री या विधान परिषद के सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री को सदन से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

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