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कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में हुआ स्वदेशी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन

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नई दिल्ली। भारत आज अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर पहली बार कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड व झांकियां निकलीं। परेड की सलामी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने ली। समारोह के विशेष अतिथि मिस्र अरब गणराज्य के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी रहे।

बादलों और कोहरे के कारण घटी दृश्यता ने वायुसेना के लड़ाकू विमानों के फ्लाई पास्ट के रोमांच को भले ही कुछ कम कर दिया हो, लेकिन 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर भारत ने अपनी सैन्य और सांस्कृतिक शक्ति का जैसा विराट रूप प्रदर्शित किया, उसे समेटने के लिए आसमान भी कम पड़ गया।

45 हजार लोग शामिल

रक्षा के क्षेत्र में पूर्ण आत्मनिर्भरता का दिन करीब नजर आया, क्योंकि परेड के दौरान जो स्वदेशी सैन्य उपकरण दिखाई दिए, वे दुनिया में किसी भी सैन्य शक्ति का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम हैं। परेड हर साल की तरह विजय पथ से लाल किले तक निकली। इस बार परेड में 45 हजार लोग शामिल हुए। इसके लिए करीब 12 हजार पास बांटे गए और करीब 32  हजार टिकट ऑनलाइन बिके। इस बार दर्शकों के बैठने के लिए अलग तरह के इंतजाम थे।

वर्टिकल प्लेटफॉर्म पर कुर्सियां लगाई गईं थीं ताकि पीछे बैठे लोग भी आसानी से परेड देख सकें। कोरोना से पहले गणतंत्र दिवस समारोह में करीब सवा लाख लोग शामिल होते थे, वहीं कोरोना के दौरान करीब 25 हजार लोग शामिल हुए। इस बार की गणतंत्र दिवस परेड की खास बात यह रही कि परेड में शामिल थलसेना के सारे हथियार स्वदेशी थे।

राष्ट्रीय समर स्मारक पर पीएम मोदी ने राष्ट्र की ओर से शहीद सैनिकों को श्रदांजलि दी।घुड़सवार अंगरक्षकों का यह रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठतम रेजिमेंट में से एक है। अपनी स्थापना के 250 साल पूरे हो गए हैं। इसके जवान छह फुट के होते हैं और अपने हाथों में करीब नौ फुट के लंबे भाले लिए होते हैं।

मेहमान सैनिकों को पूरा सम्मान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अनेक केंद्रीय मंत्री, सीडीएस, तीनों सेनाओं के प्रमुख गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने के लिए देशवासियों के साथ शामिल हुए। मुख्य अतिथि मिस्त्र के राष्ट्रपति अल फतह सीसी की मौजूदगी में उनके देश के 144 सदस्यीय सैन्य दस्ते ने भी मार्च पास्ट में हिस्सा लिया और परेड के दौरान जब उसकी बारी आई तो दर्शकों ने भी मेहमान सैनिकों को पूरा सम्मान दिया।

राष्ट्रपति को गन सैल्यूट

द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति के रूप में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड की सलामी लेने के साथ लगभग पौने दो घंटे तक चली परेड में केवल मेड इन इंडिया हथियार प्रणाली का ही प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रपति को गन सैल्यूट का भी इस बार स्वदेशीकरण हो गया। ब्रिटिश कालीन 25 पाउंडर तोपों की जगह इस बार 105 एमएम इंडियन फील्ड गन ने राष्ट्रगान के दौरान ठीक उसी अवधि में 21 बार फायर किए। यह इस साल गणतंत्र दिवस समारोह का एक प्रमुख बदलाव है।

राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक लगभग दो किलोमीटर की दूरी के लिए राजपथ नाम को त्यागकर कर्तव्य पथ अपनाए जाने के बाद पहली बार आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में जिन मुख्य स्वदेशी सैन्य उपकरणों ने दर्शकों को आत्मविश्वास के साथ गर्व करने का अवसर दिया, उनमें हल्का लड़ाकू हेलीकाप्टर प्रचंड, के. 9 वज्र हावित्जर, मुख्य युद्ध टैंक अर्जुन, नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस मिसाइल और क्विक रिएक्शन फाइटिंग वेहिकल शामिल हैं। 75 आर्मर्ड रेजिमेंट का अर्जुन टैंक डीआरडीओ द्वारा विकसित तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है, जिसमें 120 एमएम की मुख्य राइफल गन, 7.62 एमएम मशीन गन और 12.7 एमएम की एंटी एयरक्राफ्ट मशीन गन लगी है। 17 मेकेनाइज्ड इन्फैंट्री डिवीजन का नाम मिसाइल सिस्टम भी DRDOने विकसित किया है। यह पलक झपकते दुश्मन टैंक का विध्वंस कर देगा।

आज की परेड में स्वदेशी उपकरणों का यह प्रदर्शन यह संदेश भी दे गया कि सेनाओं को आधुनिक, आत्मनिर्भर, युवा औऱ तकनीक में माहिर बनाने का अभियान सही दिशा में चल रहा है और अपनी क्षमताएं विकसित करने के लिहाज से एक मुकाम हासिल भी हो गया है। वायुसेना के लड़ाकू विमानों के करतब, खासकर अलग-अलग संयोजनों में उनकी उड़ान दर्शकों के लिए हमेशा सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र रहती है। इस बार सभी ने अपने मोबाइल कैमरे इनकी एक झलक कैद करने के लिए आन कर रखे थे, लेकिन कोहरे की चादर के कारण वे इन फार्मेशन को सही तरह नहीं देख सके। हालांकि राफेल और सुखोई की गड़गड़ाहट ने उन्हें यह अहसास करा दिया कि जब वे मोर्चे पर अपने जौहर दिखाएंगे तो दुश्मन देश का क्या हाल होगा।

परेड में वायुसेना के 45 विमानों ने चौंका देने वाला प्रदर्शन किया। नौसेना के एक विमान तथा सेना के चार हेलीकाप्टर भी फ्लाई पास्ट में शामिल हुए। जिन विमानों ने फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया, उनमें राफेल और सुखोई के अलावा मिग-29, सी-130, सी-17, डोर्नियर, डकोटा, प्रचंड, अपाचे, सारंग शामिल हैं। इन सभी ने कई फार्मेशन बनाए, जैसे बाज, प्रचंड, तिरंगा, बजरंग, गरुण, भीम, अमृत और त्रिशूल आदि।

इसके अतिरिक्त का‌र्प्स आफ सिग्नल्स की डेयरडेविल टीम का मोटर साइकिलों पर किए गए हैरतअंगेज स्टंट से किसी की एक क्षण के लिए भी नजर नहीं हटी। सेना के कुल छह दस्तों-मेकेनाइज्ड इन्फैंट्री, पंजाब रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट, गोरखा रेजिमेंट और मराठा लाइट इन्फैंट्री ने हिस्सा लिया। वायुसेना और नौसेना का एक-एक दस्ता मार्च पास्ट में शामिल हुआ।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा मंत्रालयों की कुल 23 झांकियों ने कर्तव्यपथ पर अलग-अलग थीम पर अपना संदेश दिया। इसके अतिरिक्त CRPF, RPF, दिल्ली पुलिस, BSF के दस्ते भी मार्च पास्ट में शामिल हुए। पहली बार महिला ऊंट सवारों का दस्ता कर्तव्य पथ पर नजर आया। तीन परमवीर चक्र और तीन अशोक चक्र विजेता भी परेड में शामिल हुए। PM ने वार मेमोरियल में बलिदानियों को दी श्रद्धांजलिकर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड शुरू होने के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर उन बलिदानियों को देश की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। पीएम के साथ सभी ने दो मिनट का मौन रखकर इन बलिदानी वीरों का स्मरण किया।

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