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IAS अधिकारी अशोक खेमका के AAP में शामिल होने की चर्चा जोरों पर

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-खेमका वह आईएएस अधिकारी हैं जिनका 30 साल की सर्विस में 54 बार ट्रांसफर किया गया।

नई दिल्ली। ईमानदारी की राजनीति करने वाली आम आदमी पार्टी की पंजाब में बड़ी जीत के बाद की नजर अब हरियाणा पर है। वहीँ विवादों में रहने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के आम आदमी पार्टी जॉइन करने की भी चर्चा जोरों पर है। खेमका वह आईएएस अधिकारी हैं जिनका 30 साल की सर्विस में 54 बार ट्रांसफर किया गया।
आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों ने बताया कि अब तक खेमका राजनीति से दूर थे। हालांकि वह हरियाणा में आम आदमी पार्टी के प्रिंसिपल अडवाइजर भी हो सकते हैं। बता दें कि 2024 में हरियाणा में चुनाव होना है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इस बारे में ट्वीट किया है।
अशोक खेमका अरविंद केजरीवाल के कॉलेज के दोस्त हैं। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में खेमका आम आदमी पार्टी को दिशा देने का काम कर सकते हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए वह IAS अधिकारी के पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं।
2014 में आम चुनाव के वक्त अरविंद केजरीवाल ने अशोक खेमका को पार्टी जॉइन करने का न्योता दिया था। हालांकि तब अशोक खेमका ने राजनीति में रुचि नहीं दिखायी। हालांकि सूत्रों का कहना है कि तब से अब में बहुत बदलाव आ गया है। खेमका और अरविंद केजरीवाल आईआईटी खड़गपुर में साथ पढ़ते थे।

53वें तबादले के बाद सीएम खट्टर को लिख दिया था पत्र

बता दें कि खेमका ने अपने 53वें तबादले से परेशान होकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाख खट्टर को पत्र लिख दिया था। उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि दब्बू अधिकारी तो फलते-फूलते हैं, जबकि ईमानदार को मामूली भूमिकाएं दी जाती हैं। उन्होंने सीएम खट्टर से उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की अनुमति देने को भी कहा था।

खेमका ने लिखा था कि दब्बू और भ्रष्ट अधिकारी सक्रिय सेवा के दौरान खूब फलते-फूलते हैं और रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें पुरस्कार दे दिया जाता है, जबकि ईमानदार को छोटे और मामूली काम सौंपे जाते हैं जो निचली रैंक के लिए उपयुक्त होते हैं। उन्होंने कहा था कि भ्रष्ट को तब तक कठघरे में खड़ा नहीं किया जाता है जब तक वे शासकों के हितों पर प्रहार न करें। शासन अब सेवा नहीं, बल्कि कारोबार बन गया है। केवल मुझ जैसे बेवकूफ ही जनता के विश्वास के बारे में सोचेंगे और भरोसेमंद के रूप में काम करेंगे। उम्मीद के विपरीत उम्मीद करता हूं कि आप इस पत्र को कूड़ेदान में नहीं फेंकेंगे। इसके साथ ही अपने पत्र में खेमका ने खट्टर को याद दिलाया था कि भाजपा ने 2014 के चुनाव के दौरान पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान के भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं को एक बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन उसे अब वह भूल गई है।
सिविल सेवा में 30 साल के लंबे करियर में अक्टूबर माह में उनका 54वां ट्रांसफर हुआ। 1991 बैच के आईएएस अधिकारी खेमका को करीब दो साल बाद फिर से कैबिनेट मंत्री अनिल विज के साथ लगाया गया है। इससे पहले मार्च 2019 में खेमका का ट्रांसफर हुआ था। प्रधान सचिव (अभिलेखागार, पुरातत्व और संग्रहालय) के अपने वर्तमान कार्यभार से, उन्हें हरियाणा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया। वह मत्स्य विभाग की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गयी।
विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रधान सचिव अमित झा को इस पद से हटाते हुए खेमका को यह जिम्मेदारी दी गई थी। 27 नवंबर 2019 को अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की जिम्मेदारी सौंपे जाने से पहले खेमका विज्ञान एवं तकनीकी महकमा ही संभाल रहे थे। वहीं, स्थानीय शहरी निकाय और कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग संभाल रहे अरुण कुमार गुप्ता को अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय के प्रधान सचिव का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया।

गौरतलब है कि भाजपा से पहले कांग्रेस की हुड्डा सरकार में भी खेमका का दर्जनों बार ट्रांसफर हुआ था। वह जिस भी विभाग में जाते हैं, घोटाले के मामले उजागर करते रहे हैं। खेल विभाग से पहले उन्होंने समाज कल्याण विभाग में फर्जीवाड़े की आशंका पर 3 लाख से ज्यादा बुजुर्गों की पेंशन रोक दी थी। इससे पहले बीज विकास निगम में भी घोटाला पकड़ा था।

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